नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के स्कूलों के छात्र एक बार फिर से शानदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्कूलों को पछाड़ दिया है. दरअसल केजरीवाल सरकार के आरपीवीवी सूरजमल विहार व एसओएसई रोहिणी सेक्टर-11 के छात्रों ने, केंद्र सरकार के स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप मंत्रालय द्वारा आयोजित यूथ आइडियाथॉन 2023 में भारत के विभिन्न बोर्डों और अंतरराष्ट्रीय स्कूलों के 1.5 लाख छात्रों को पीछे छोड़ यूथ आइडियाथॉन 2023 में टॉप 10 में स्थान हासिल किया है. साथ ही उन्होंने अपने शानदार स्टार्टअप आईडिया के लिए 1-1 लाख रुपए का इनक्युबेशन ग्रांट भी हासिल किया है.
टीम ट्रां-क्यूआर और अहिल्या के आईडिया को यूथ आईडियाथॉन में टॉप 10 स्टूडेंट स्टार्टअप में से चुना गया है. 2021 में शुरू हुआ यूथ आइडियाथॉन, स्कूली छात्रों के लिए भारत का सबसे हाई डिमांड इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप कॉम्पटीशन है. इसमें पहली टीम आरपीवीवी, सूरजमल विहार से है, जिसने 'ट्रां-क्यूआर' के नाम से क्यूआर-बेस्ड स्मार्ट अटेंडेंस सिस्टम तैयार किया है जो फास्टैग की तरह काम करता है. वहीं दूसरी टीम डॉ. बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस, सेक्टर 11, रोहिणी की 'अहिल्या' है, जिन्होंने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (दृष्टि बाधित, श्रवण बाधित और ऑटिस्टिक बच्चे) के लिए एक प्रोटोटाइप ऐप बनाया है, जो उन्हें परिवेश का पता लगाने और विभिन्न गतिविधियों द्वारा सीखने में मदद करता है.
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने टीम 'ट्रां-क्यूआर' की उल्लेखनीय उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि, 'सीएम अरविंद केजरीवाल और दिल्ली शिक्षा क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया का सपना अब हकीकत में बदलता दिख रहा है. टीम 'ट्रां-क्यूआर' की यह उपलब्धि इसका एक उदाहरण है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने देश से बेरोजगारी की महामारी को दूर करने के लिए अपने स्कूलों में बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम की शुरुआत की थी. इसका उद्देश्य था कि छात्र नौकरी मांगने की लाइन में न लगें, बल्कि नौकरी देने वाले बनें. मात्र दो साल पहले शुरू हुए इस प्रोग्राम ने अपने विजन को पूरा करते हुए कई शानदार सफलताएं हासिल की हैं और अब हमारे छात्रों द्वारा अपने शानदार स्टार्टअप आईडिया के दम पर देश-विदेश के स्कूलों को पीछे छोड़ना एक और शानदार उपलब्धि है. इस उपलब्धि से हमारे बच्चों ने साबित कर दिया है कि वो किसी से कम नहीं है.
वहीं टीम अहिल्या के बारे में बोलते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि, 'टीम अहिल्या दिल्ली सरकार के सबसे अधिक मांग वाले स्कूलों- डॉ. बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस से आती है. उनकी उपलब्धि दर्शाती है कि अगर हम अपने बच्चों के लिए छोटी उम्र से ही स्पेशलाइज्ड एजुकेशन के दरवाजे खोल दें, तो वे बहुत कुछ कर सकते हैं. 2015 तक किसी ने नहीं सोचा होगा कि दिल्ली के सरकारी स्कूल के छात्र इतनी उच्च स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे, लेकिन आज वे न केवल भाग ले रहे हैं, बल्कि शीर्ष 10 में भी जगह बना रहे हैं. यह हमारे सभी स्कूलों के लिए बहुत गर्व का क्षण है.'
क्या है 'ट्रां-क्यूआर' का बिजनेस आईडिया: ट्रां-क्यूआर, एक छात्र स्टार्टअप है, जिसे आर.पी.वी.वी सूरजमल विहार के 12वीं क्लास के छात्रों द्वारा शुरू किया गया है. इसे एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम के तहत दिल्ली सरकार द्वारा बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम में दिए सीड मनी के जरिए छात्रों ने विकसित किया. ये बिजनेस आईडिया स्कूलों-शिक्षकों के काम को आसान बनाएगा.
टीम ने क्यूआर बेस्ड मोनो-ग्राम विकसित किया है, जो छात्र के वर्चुअल आईडी कार्ड की तरह होगा. इसमें छात्र से जुड़ी जानकारियां होंगी और छात्र जब स्कूल में प्रवेश करेगा तो फास्टैग की तरह एक स्कैनिंग डिवाइस उसकी उपस्थिति दर्ज कर लेगा. साथ ही जब वो स्कूल के गेट से बाहर निकलेगा तब क्यूआर कॉड स्कैन के जरिए उसे भी दर्ज कर लिया जाएगा. इससे न केवल शिक्षकों का समय बचेगा बल्कि मैन्युअल रजिस्टरों की जरुरत को समाप्त करके आटोमैटिक डेटा रिकॉर्ड किया जा सकेगा. यह स्टार्टअप 16,000 रुपये की सीड मनी के साथ शुरू किया गया था और पहले चार महीने में ही 60,000 रुपये से ज्यादा रेवेन्यू हासिल किया है.
आइडियाथॉन के अपने अनुभव को साझा करते हुए, ट्रां-क्यूआर के को-फाउंडर तुषार तुली ने कहा कि, 'बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम ने हममें लीक से हटकर सोचने और जोखिम लेने की क्षमता पैदा की है और इसके कारण ही हमारा बिजनेस आइडिया, आईडियाथॉन के टॉप आइडिया में से में एक शामिल हुआ.
टीम अहिल्या ने तैयार किया 'शिक्षा' ऐप: डॉ. बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस, सेक्टर 11, रोहिणी के तीन छात्रों की एक टीम 'अहिल्या' द्वारा 'शिक्षा' नाम का ऐप विकसित किया गया है. यह ऐप विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (दृष्टि बाधित, श्रवण बाधित और ऑटिस्टिक बच्चे) को अपने परिवेश का पता लगाने और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से सीखने में मदद करने पर फोकस करता है. साथ ही बच्चों के माता-पिता को काउंसलर्स से जुड़ने की सुविधा भी प्रदान करता है. जो वालंटियर इन बच्चों की मदद करना चाहते हैं वे भी इस ऐप के जरिए बच्चों से जुड़ सकते हैं.
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टीम की उपलब्धि से उत्साहित ऐप डेवलपर्स में से एक भाव्या झा ने कहा कि, 'आइडियाथॉन का यह इनक्यूबेशन ग्रांट विशेष जरूरतों वाले बच्चों की मदद करने के हमारे सपने को मजबूती देगा. अगर यह स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस नहीं होता, तो उन्होंने 10वीं कक्षा में एक ऐप विकसित करने के बारे में नहीं सोचा होता.
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