नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए चलाए जा रहे एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट पाठ्यक्रम के तहत सरकारी स्कूलों के बच्चों का उद्यमियों के साथ संवाद आयोजित इन दिनों किया जाता है. इसी कड़ी में आईडी फ्रेश फूड कंपनी के मालिक और ब्रेकफास्ट किंग कहे जाने वाले पीसी मुस्तफा ने सरकारी स्कूलों के बच्चों से बातचीत की और उन्हें उद्यमिता के टिप्स भी दिए. बता दें कि पीसी मुस्तफा एक मजदूर परिवार से संबंध रखते हैं जो आज अपनी उद्यमी सोच के चलते 15 हज़ार करोड़ की कंपनी के मालिक बन गए हैं और दुनिया में ब्रेकफास्ट किंग के नाम से मशहूर हैं. साथ ही देश-विदेश में इनके आईडी फ्रेश फूड कंपनी के करीब 21 हज़ार स्टॉल हैं.
मुस्तफा ने छात्रों को अपने संघर्षों के बारे में बताया
वहीं अपने अनुभव छात्रों के साथ साझा करते हुए मुस्तफा ने बताया कि किस तरह उन्होंने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे, संघर्ष देखें लेकिन उद्यमी सोच के बल पर इतना बड़ा मुकाम हासिल किया. वहीं छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि व्यापार शुरू करने की कोई उम्र निश्चित नहीं है. क्योंकि मुस्तफा ने खुद कहा कि उन्होंने खुद महज़ दस साल की उम्र में ही बिजनेस शुरू कर दिया था. साथ ही उन्होंने कहा कि आस पास देख कर यह जानने की कोशिश की जानी चाहिए कि लोगों में किस चीज की मांग अधिक है और यदि उसी पर काम किया जाए तो कोई भी अच्छा उद्यमी बन सकता है, और यही उद्यमी सोच भी है. वहीं अपनी अंग्रेजी ना बोल पाने की कमी को भी उन्होंने स्वीकारा और कहा कि अंग्रेजी अखबार पढ़कर, टीवी चैनल देख कर और बेहिचक लोगों से अंग्रेजी में बात कर उन्होंने इंग्लिश बोलना सिखा.
नेतृत्व का गुण विकसित करना बेहद जरूरी
वहीं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यदि एक मजदूर परिवार का बेटा अपनी उद्यमी सोच से 1500 करोड़ की कंपनी का मालिक बन सकता है तो दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चे भी ऐसे ही सफलता हासिल कर सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि सफल होने के लिए नेतृत्व का गुण विकसित करना बहुत जरूरी है.
अब तक कई उद्यमी छात्रों को कर चुके संबोधित
बता दें कि उद्यमी संवाद का आयोजन एससीईआरटी दिल्ली द्वारा किया गया था. इसी के जरिए 9वीं से बारहवीं तक के बच्चों को धीमी सोच विकसित कराने को लेकर इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है और अब तक इस कार्यक्रम में अर्जुन मल्होत्रा, किरण मजूमदार और अंशु गुप्ता जैसे उद्यमी बच्चों से संवाद कर चुके हैं.