नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार की जय भीम मुख्यमंत्री योजना का लाभ उठाते हुए इस साल जिन बच्चों का आईआईटी, मेडिकल कॉलेज तथा देश के अन्य प्रतिष्ठित कॉलेजों में दाखिला मिला, उन बच्चों की आगे की पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद देने की पेशकश करने के लिए दिल्ली के आम लोग भी सामने आ रहे हैं.
जय भीम योजना का लाभ उठाते हुए दिल्ली के रहने वाले विजय नामक छात्र को दिल्ली आईआईटी में दाखिला मिला तो दिल्ली के ही रहने वाले वरुण गांधी नाम के शख्स विजय की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने के लिए आगे आये हैं.
आम लोग भी कर रहे छात्रों की मदद
रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आईआईटी में दाखिला पाने वाले छात्र विजय और अब विजय की पढ़ाई का खर्च उठाने वाले वरुण गांधी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि जय भीम मुख्यमंत्री योजना का लाभ उठाते हुए गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले विजय को आईआईटी में को दाखिला मिल गया. लेकिन इसकी पढ़ाई पर फीस मद में ही लाखों रुपये खर्च होंगे. परिवार इसे उठा पाने में सक्षम नहीं है. पिता मामूली दर्जी हैं.
वरुण गांधी करेंगे छात्र की मदद
दिल्ली सरकार ने ऐसे होनहार और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए लोन देने की योजना शुरू की है. लेकिन विजय जैसे अन्य छात्रों के बारे में जब समृद्ध परिवार के लोगों को पता चला, दिल्ली के कई लोग आगे आए.
वरुण गांधी इनमें से एक हैं. विजय के बारे में समाचार पढ़ा तो वह विजय की पूरी पढ़ाई का खर्चा देने के लिए आगे आए. यह बहुत अच्छी बात है. समाज में आए इस बदलाव से कोई भी होनहार बच्चा उसके आगे पढ़ाई करना चाहता है तो उसे पैसे की कमी नहीं रहेगी.
सीएम ने जाहिर की खुशी
सीएम केजरीवाल ने कहा सरकार की छोटी सी पहल से अगर किसी होनहार छात्र का भला होता है तो यह खुशी की बात है. समाज में ऐसे ही बदलाव की जरूरत है. उन्होंने कहा कि रविवार के दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस इसलिए करनी पड़ी क्योंकि विजय को आईआईटी में दाखिला दिया है और सुबह से शाम तक वह पढ़ाई में व्यस्त रहता है. रविवार को छुट्टी होने से ही आज उपयुक्त दिन मिला. उन्हें काफी खुशी हो रही है कि वरुण गांधी जैसे लोग ऐसे गरीब और होनहार छात्रों की पढ़ाई के लिए आगे आ रहे हैं.
सरकार ने बढा़या है छात्रवृति का दायरा
बता दें कि पिछले दिनों ही दिल्ली सरकार ने जय भीम मुख्यमंत्री योजना के तहत छात्रों को दी जाने वाली आर्थिक मदद के दायरे को बढ़ाने का फैसला लिया है. अभी तक इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के छात्रों को 10वीं और 12वीं के बाद आगे के प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए केजरीवाल सरकार प्रति छात्र 40 हजार रुपये की आर्थिक मदद के तौर पर देती थी.
अब सरकार ने इसके दायरे को बढ़ाते हुए एक लाख कर दिया है. साथ ही अब अनुसूचित जाति के छात्रों के साथ-साथ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के सभी जाति के छात्रों को कोचिंग के लिए सरकार योजना के तहत आर्थिक सहायता करेगी. इसमें सिर्फ यही शर्त रखी गई है कि छात्र दिल्ली का होना चाहिए और उसके परिवार की आमदनी 8 लाख से कम होनी चाहिए.