नई दिल्ली: दिल्ली का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया जीबी रोड जो महिलाओं के लिए एक दलदल के समान है, फर्क केवल इतना है कि कुछ महिलाएं इसमें जबरन धकेली जाती हैं, तो कुछ महिलाएं अपनी मर्जी से इस दलदल में रहने को मजबूर हैं. कोरोना काल में इस दलदल की स्थिति और भी ज्यादा गंभीर और निराशाजनक है. जिसको लेकर ईटीवी भारत लगातार अलग-अलग एजेंसियों से इसको लेकर सवाल कर रहा है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत ने दिल्ली पुलिस सेंट्रल डिस्ट्रिक की एडिशनल डीसीपी श्वेता सिंह चौहान से जीबी रोड के मौजूदा हालातों को लेकर जानकारी ली.
राशन, सैनिटरी पैड पहुंचाया जा रहा है
एडिशनल डीसीपी श्वेता सिंह चौहान ने बताया कि कोरोना काल में लगतार सेक्स कर्मियों को जागरूक किया जा रहा है. सेक्स वर्कर्स को राशन, सेनेटरी नैपकिन समेत जरूरत का सामान पहुंचाने का काम जारी है. एडिशनल डीसीपी श्वेता सिंह चौहान ने बताया कि हम महिलाओं को अलग-अलग वोकेशनल कोर्स कराने की भी कोशिश कर रहे हैं, जिससे कि महिलाएं उन कोर्सों को करके नई-नई चीजें सीखें और अपना रोजगार बदल सकें.
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महिलाओं के कोरोना वैक्सीनेशन के लिए भी कर रहे काम
सेंट्रल डिस्टिक एडिशनल डीसीपी ने बताया जीबी रोड की सेक्स वर्कर्स के लिए मोमबत्ती बनाना, पार्लर चलाने का कोर्स चलाया जाता है. साथ ही इन कोर्सेज को करने के लिए महिलाओं को जागरूक भी किया जा रहा है, जिससे कि महिला देह व्यापार छोड़कर अन्य तरीकों से अपनी आजीविका कमा सकें. डीसीपी ने बताया कि जीबी रोड पर रह रही हजारों महिलाओं के सामने आर्थिक समस्या के साथ-साथ स्वास्थ्य से जुड़ी भी कई परेशानियां हैं. दिल्ली पुलिस स्थानीय जिला प्रशासन के साथ मिलकर महिलाओं के वैक्सीनेशन को लेकर भी काम कर रही है, जिससे कि जीबी रोड पर रह रही महिलाओं का भी जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीनेशन हो सके.
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