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COVID 19 से 'लॉक डाउन' दुनिया, देखिए स्पेशल रिपोर्ट

संसार अपनी गति से दौड़ रहा था. महीना दिसंबर का था और साल था 2019. चीन के वुहान शहर से एक ख़बर आई. ख़बर थी कोरोना वायरस की. दुनिया ने अपनी फितरत के अनुसार उसे सुना-अनसुना कर दिया. और जब सुना तब तक देर हो चुकी थी. एक बाजार से निकली बीमारी महामारी बन चुकी थी.

special report on epidemic covid 19 or corona virus
COVID 19 से 'लॉक डाउन' दुनिया
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Published : Mar 18, 2020, 3:08 PM IST

Updated : Mar 18, 2020, 3:29 PM IST

नई दिल्ली: दुनिया का समंदर कोविड 19 के खौफ से जम-सा गया है. अब ना लहरें उठती हैं और ना गिरती हैं. सारा आसमान किसी अनजाने डर से समंदर के पास नहीं आता.

COVID 19 के खौफ में है दुनिया

हर शख्स के अंदर एक अजीब-सा डर है. हर शख्स चुप है. महामारी चरम पर है. दुनिया बेबस-सी बस देख रही है. किसी करिश्मे की उम्मीद में.

संसार अपनी गति से दौड़ रहा था. महीना दिसंबर का था और साल था 2019. चीन के वुहान शहर से एक ख़बर आई. ख़बर थी कोरोना वायरस की.

दुनिया ने अपनी फितरत के अनुसार उसे सुना-अनसुना कर दिया. और जब सुना तब तक देर हो चुकी थी. एक बाजार से निकली बीमारी महामारी बन चुकी थी.

कहां पता था हम इंसानों को कि एक वायरस हमारे विकास के दावों की धज्जियां उड़ा देगा. सुपर पावर देश को घुटने टेकने पर मजबूर कर देगा.

कहां पता था कि हमें लौटना पड़ेगा अकेलेपन की कोठरी में. जिसे कहा जाएगा आइसोलेशन या फिर क्वारंटीन. कहां पता था कि इस दौर में भी शहर के शहर और देश के देश हो सकते हैं लॉक डाउन.

कहां पता था कि सड़कों पर नहीं दौड़ेंगी गाड़ियां. बच्चों के लिए बंद हो जाएंगे स्कूल और कटना पड़ेगा हमें हमारे ही अपनों से. लोगों से. दोस्तों से. परिवार से. समाज से. कहां पता था.

कोरोना वायरस महामारी घोषित हो चुकी है. कोरोना वायरस के लक्षण हैं- सिरदर्द, बुखार और थकान, खांसी, सांस लेने में परेशानी और मांसपेशियों में दर्द.

ऐसा नहीं है कि इंसान ने ऐसी महामारियों का मुकाबला ना किया हो. कौन भूल सकता है ग्रेट प्लेग, ब्लैक प्लेग या फिर ब्लैक डेथ को.1347-1353 के दौरान इस बीमारी ने आधे यूरोप को अपने चपेट में ले लिया.

आज तक मौत का सही आंकड़ा हमारे सामने नहीं आया. लेकिन कहने वाले कहते हैं कि इसमें 7 से लेकर 20 करोड़ लोगों की मौत हुई थी.

1918-20 के दौरान फैले स्पेनिश फ्लू को कोई कैसे भूल सकता है. दुनिया में करीब 50 करोड़ लोग इसकी चपेट में आए. करीब 1.5 करोड़ से 5 करोड़ लोगों की इससे मौत हुई.

ऐसी ही कई महामारियों का सामना करते हुए इंसानी सभ्यता यहां तक पहुंची है. और अब हमारे सामने खड़ा है कोविड 19 यानी कोरोना वायरस.

दुनिया इस महामारी से कैसे निपट रही है. भारत इस महामारी का मुकाबला कैसे कर रहा है. वो हम आपको बताएंगे लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि इससे बचने के उपाय क्या हैं.

  • भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें.
  • साबुन और पानी से बार-बार हाथ साफ करें.
  • छींकते वक्त नाक-मुंह ढकें.
  • अपने हाथ से बार-बार चेहरा ना छुएं.

चीन के बाद कोरोना वायरस ने इटली में सबसे ज्यादा कहर बरपाया है. इटली में लोगों के घरों से निकलने पर रोक लगा दी गई है. घरों में कैद ये लोग अपनी-अपनी खिड़कियों पर आकर गाने लगे. अब समझ आता है कि घरों में खिड़कियों क्यों बनाई जाती हैं.

मुंबई हो या मैनचेस्टर. न्यू यॉर्क हो या न्यू डेली. सिलिकॉन वैली हो या बेंगलुरू. लंदन हो या लखनऊ. हर जगह हालात एक जैसे हैं. स्कूल-कॉलेज बंद हैं. मॉल-सिनेमा बंद. किसी भी तरह की गेदरिंग पर रोक है.

भारत सरकार हर संभव कोशिश कर रही है कि इसे रोका जाए. एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग, वीजा निरस्त, संक्रमित को आइसोलेशन वार्ड में, संभावित संक्रमित को क्वारंटीन किया जा रहा है.

कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया लड़ रही है. मानवता की इस सबसे बड़ी परीक्षा में हम तभी पास होंगे जब हम हरा देंगे हमारे दौरे की सबसे बड़ी महामारी को.

तब तक के लिए सतर्क रहें. सुरक्षित रहें. हाथ धुलते रहें.

नई दिल्ली: दुनिया का समंदर कोविड 19 के खौफ से जम-सा गया है. अब ना लहरें उठती हैं और ना गिरती हैं. सारा आसमान किसी अनजाने डर से समंदर के पास नहीं आता.

COVID 19 के खौफ में है दुनिया

हर शख्स के अंदर एक अजीब-सा डर है. हर शख्स चुप है. महामारी चरम पर है. दुनिया बेबस-सी बस देख रही है. किसी करिश्मे की उम्मीद में.

संसार अपनी गति से दौड़ रहा था. महीना दिसंबर का था और साल था 2019. चीन के वुहान शहर से एक ख़बर आई. ख़बर थी कोरोना वायरस की.

दुनिया ने अपनी फितरत के अनुसार उसे सुना-अनसुना कर दिया. और जब सुना तब तक देर हो चुकी थी. एक बाजार से निकली बीमारी महामारी बन चुकी थी.

कहां पता था हम इंसानों को कि एक वायरस हमारे विकास के दावों की धज्जियां उड़ा देगा. सुपर पावर देश को घुटने टेकने पर मजबूर कर देगा.

कहां पता था कि हमें लौटना पड़ेगा अकेलेपन की कोठरी में. जिसे कहा जाएगा आइसोलेशन या फिर क्वारंटीन. कहां पता था कि इस दौर में भी शहर के शहर और देश के देश हो सकते हैं लॉक डाउन.

कहां पता था कि सड़कों पर नहीं दौड़ेंगी गाड़ियां. बच्चों के लिए बंद हो जाएंगे स्कूल और कटना पड़ेगा हमें हमारे ही अपनों से. लोगों से. दोस्तों से. परिवार से. समाज से. कहां पता था.

कोरोना वायरस महामारी घोषित हो चुकी है. कोरोना वायरस के लक्षण हैं- सिरदर्द, बुखार और थकान, खांसी, सांस लेने में परेशानी और मांसपेशियों में दर्द.

ऐसा नहीं है कि इंसान ने ऐसी महामारियों का मुकाबला ना किया हो. कौन भूल सकता है ग्रेट प्लेग, ब्लैक प्लेग या फिर ब्लैक डेथ को.1347-1353 के दौरान इस बीमारी ने आधे यूरोप को अपने चपेट में ले लिया.

आज तक मौत का सही आंकड़ा हमारे सामने नहीं आया. लेकिन कहने वाले कहते हैं कि इसमें 7 से लेकर 20 करोड़ लोगों की मौत हुई थी.

1918-20 के दौरान फैले स्पेनिश फ्लू को कोई कैसे भूल सकता है. दुनिया में करीब 50 करोड़ लोग इसकी चपेट में आए. करीब 1.5 करोड़ से 5 करोड़ लोगों की इससे मौत हुई.

ऐसी ही कई महामारियों का सामना करते हुए इंसानी सभ्यता यहां तक पहुंची है. और अब हमारे सामने खड़ा है कोविड 19 यानी कोरोना वायरस.

दुनिया इस महामारी से कैसे निपट रही है. भारत इस महामारी का मुकाबला कैसे कर रहा है. वो हम आपको बताएंगे लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि इससे बचने के उपाय क्या हैं.

  • भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें.
  • साबुन और पानी से बार-बार हाथ साफ करें.
  • छींकते वक्त नाक-मुंह ढकें.
  • अपने हाथ से बार-बार चेहरा ना छुएं.

चीन के बाद कोरोना वायरस ने इटली में सबसे ज्यादा कहर बरपाया है. इटली में लोगों के घरों से निकलने पर रोक लगा दी गई है. घरों में कैद ये लोग अपनी-अपनी खिड़कियों पर आकर गाने लगे. अब समझ आता है कि घरों में खिड़कियों क्यों बनाई जाती हैं.

मुंबई हो या मैनचेस्टर. न्यू यॉर्क हो या न्यू डेली. सिलिकॉन वैली हो या बेंगलुरू. लंदन हो या लखनऊ. हर जगह हालात एक जैसे हैं. स्कूल-कॉलेज बंद हैं. मॉल-सिनेमा बंद. किसी भी तरह की गेदरिंग पर रोक है.

भारत सरकार हर संभव कोशिश कर रही है कि इसे रोका जाए. एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग, वीजा निरस्त, संक्रमित को आइसोलेशन वार्ड में, संभावित संक्रमित को क्वारंटीन किया जा रहा है.

कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया लड़ रही है. मानवता की इस सबसे बड़ी परीक्षा में हम तभी पास होंगे जब हम हरा देंगे हमारे दौरे की सबसे बड़ी महामारी को.

तब तक के लिए सतर्क रहें. सुरक्षित रहें. हाथ धुलते रहें.

Last Updated : Mar 18, 2020, 3:29 PM IST
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