नई दिल्ली: अधिकांश बीमारियों में समय पर इलाज बहुत जरूरी होता है. महाधमनी (हार्ट से ब्लड सप्लाई करने वाली मुख्य नस) रोग की बात करें तो तुरंत इलाज न मिलने पर महाधमनी को काफी घातक नुकसान पहुंच सकता है. यह जानकारी इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के विशेषज्ञों ने एक विशेष कार्यक्रम में दी. जानकारी के अनुसार, महाधमनी रोग जागरूकता सप्ताह के तहत इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. हॉस्पिटल के कार्डियोवैस्कुलर और महाधमनी सर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार और अपोलो महाधमनी कार्यक्रम के सर्जिकल लीड डॉ. निरंजन हीरेमथ ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा मौतें हार्ट से संबंधी बीमारियों से हो रही हैं.
उन्होंने कहा कि महाधमनी रोग भी हार्ट से संबंधित एक साइलेंट किलर बीमारी है. इसलिए हम जागरूकता बढ़ाकर और अपने समुदाय को महाधमनी रोग का शीघ्र पता लगाने और इलाज करने के ज्ञान के साथ सशक्त बनाकर जीवन बचा सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि महाधमनी रोग एक छुपी हुई बीमारी है, लेकिन यह काफी घातक है.
विशेषज्ञों के अनुसार, महाधमनी रोग विशेष रूप से महाधमनी फटने के कारण पैदा होता है. इसे साइलेंट किलर के रूप में भी जाना जाता है. यह एक गंभीर चिकित्सीय स्थिति है जो तब हो सकती है जब शरीर की सबसे बड़ी धमनी, महाधमनी की आंतरिक परत फट जाती है. अगर तुरंत इलाज न मिले तो इसमें जान भी जा सकती है.
इस कार्यक्रम में हृदय रोग विशेषज्ञों, सर्जनों और स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञों सहित चिकित्सा पेशेवरों और अन्य लोगों ने भी भागीदारी की. साथ ही महाधमनी रोग अनुसंधान, लक्षण और व्यापक देखभाल में नवीनतम विकास पर अपनी विशेषज्ञता साझा की. चिकित्सा विशेषज्ञों ने महाधमनी विच्छेदन का शीघ्र पता लगाने और उपचार के महत्व के साथ-साथ उपलब्ध नवीनतम सर्जिकल और एंडोवास्कुलर तकनीकों के बारे में बात की. डॉक्टर निरंजन ने बताया कि महाधमनी फटने से सीने में तेज दर्द, सीढियां चढ़ने में सांस फूलना, हाथ पैरों में सूजन आना इसके लक्षण हैं.
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