नई दिल्ली: नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा की चिंगारी दोबारा न भड़के, इसके लिए उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में स्पेशल ब्रांच की टीम को उतारा गया है. वहां से उन्हें महत्वपूर्ण जानकारी जुटाने के लिए कहा गया है ताकि पुलिस को पता चल सके कि लोग क्या सोच रहे हैं. इस क्षेत्र में अगर कोई अशांति फैलाने की साजिश रच रहा हो तो उसकी जानकारी पुलिस तक पहुंच सके.
जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस की खुफिया इकाई स्पेशल ब्रांच है जो राजधानी में विभिन्न जगहों के हालात को लेकर नजर रखती है. वह प्रत्येक कार्यक्रम पर अपनी नजर रखते हैं ताकि उन्हें लेकर दिल्ली पुलिस अपनी तैयारी कर सकें. इसमें राजधानी में होने वाले तमाम प्रदर्शन से लेकर विभिन्न राजनीतिक कार्यक्रम भी शामिल होते हैं. इनकी रिपोर्ट पर ही दिल्ली पुलिस सुरक्षा से संबंधित कदम उठाती है. यह तय किया जाता है कि किस कार्यक्रम में सुरक्षा के कितने बंदोबस्त करने हैं.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में जुटा रहे जानकारी
पुलिस सूत्रों ने बताया कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में स्पेशल ब्रांच के पुलिसकर्मियों की बड़ी संख्या में तैनाती की गई है. यहां पर हिंसा वाले क्षेत्रों एवं उसके आसपास के इलाकों में उन्हें जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी दी गई है. इस इलाके में स्पेशल ब्रांच यह जानने की कोशिश कर रही है कि लोगों के बीच किस तरह का माहौल है. यहां पर दोबारा हिंसा भड़काने की कोई साजिश तो नहीं चल रही है. लोग यहां हुई हिंसा को भूल रहे हैं या नहीं. यहां के लोगों का किसी बाहरी शख्स द्वारा इस्तेमाल तो नहीं किया जा रहा. यह सब जानकारी जुटाने में स्पेशल ब्रांच की टीम को लगाया गया है.
हिंसा के दौरान उठे थे सवाल
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान स्पेशल ब्रांच पर सवाल खड़े हुए थे. उनकी तरफ से दिल्ली पुलिस को यह जानकारी तो दी गई थी कि वहां पर हंगामा हो सकता है. लेकिन इस तरह दंगा भड़काने के लिए वहां चल रही तैयारी के बारे में नहीं बताया गया था. यही वजह है कि पुलिस वहां होने वाले दंगों को रोकने के लिए पहले से तैयार नहीं थी. घटना होने के बाद तुरंत पुलिस ने इसे रोकने के लिए एक्शन लिया, लेकिन दंगे रोकने में उन्हें लगभग 36 घंटे लग गए थे.