नई दिल्ली/नोएडा: दादरी में अपना अधिकार जनहित सामाजिक संगठन 9वें स्थापना दिवस पर 18 दिसंबर को कामकाजी महिलाओं को सम्मानित करेगा. (Working women will be honored in Noida) इन महिलाओं में ऐसे नाम शामिल होंगे, जिन्होंने अपने संघर्ष के दम पर समाज में अपनी पहचान बनाई है. इन महिलाओं ने समाज में अपने महिला होने को किसी तरह की कमजोरी नहींं, बल्कि शक्ति के रूप में प्रस्तुत किया है. ऐसी महिलाएं समाज में बेटियों के उत्साहवर्धन के लिए एक उदाहरण है. कार्यक्रम का आयोजन शहर के डिसेंट पब्लिक स्कूल (Decent Public School) में आयोजित किया जाएगा.
प्रेस वार्ता के दौरान सामाजिक संगठन के संयोजक अभिषेक मैत्रेय ने कहा कि वर्तमान समाज में महिलाएं दोहरी जिम्मेदारी का भार उठाते हुए भी समाज के हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना रही हैं. घर परिवार को संभालने के बावजूद महिलाएं समाज में अपना एक अलग स्थान बना रही हैं. हमारे समाज में अभी भी जिस घर में बेटियां होती हैं, वहां पर असुरक्षा का भाव होता है. बेटियों के कंधों पर समय से पहले कई तरह की प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष उम्मीदों और अपेक्षाओं का भार डाल दिया जाता है, जिसके चलते बेटियां खुद को कमजोर समझकर घर की चार दीवारी में कैद कर लेने को ही बेहतर समझ लिया जाता है. जबकि सच्चाई यही है कि जब जब बेटियों को ऊंची उडान भरने का अवसर दिया गया है, तब बेटियों ने खुद को साबित किया है. आज हमारे सामने ढेरों उदाहरण भरे पड़े हैं.
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संगठन की अध्यक्ष अनन्या शर्मा ने कहा कि संगठन के स्थापना दिवस पर हर साल अलग-अलग विषयों पर समाज के लिए योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित किया जाता है. इसके पीछे का विचार यही है कि समाज की भलाई के लिए काम करने वाले लोगों को सम्मानित कर अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित किया जा सके. संगठन ने इस बार समाज में अपने संघर्ष के दम पर खुद को स्थापित करने वाली कामकाजी महिलाओं को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है. इसका उद्देश्य बेटियों के मन से असुरक्षा के भाव को मिटाना है. इसके अतिरिक्त महिला सशक्तिकरण के इस दौर में लैंगिक भेदभाव के आधार पर अत्याचार सहन करने वाली महिलाओं को उनके अधिकारों के लिए जागरूक करना है.
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