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महेश कटारे को मिला साल 2019 का श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान - किसान

उर्वरक क्षेत्र की प्रमुख संस्था इफको ने वरिष्ठ कथाकार महेश कटारे को इफको साहित्य सम्मान से सम्मानित किया. यह सम्मान उन्हें एनसीयूआई ऑडिटोरियम में आयोजित एक समारोह के दौरान दिया गया.

shrilal shukla smriti iffco literary award for the year 2019 given to mahesh katare
महेश कटारे को मिला श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान
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Published : Feb 1, 2020, 3:00 AM IST

नई दिल्ली: साल 2019 का श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान वरिष्ठ कथाकार महेश कटारे को दिया गया. उन्हें यह सम्मान 31 जनवरी को नई दिल्ली के एनसीयूआई ऑडिटोरियम में आयोजित एक समारोह में सुविख्यात साहित्यकार डॉ विश्वनाथ त्रिपाठी ने प्रदान किया.

महेश कटारे को मिला श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान

किसानों को मिलता है ये पुरस्कार
बता दें कि हर साल दिया जाने वाला पुरस्कार किसी ऐसे रचनाकार को दिया जाता है जिसकी रचनाओं में ग्रामीण और कृषि जीवन से जुड़ी समस्याओं आकांक्षाओं और संघर्षों को मुखरित किया गया हो.

मूर्धन्य कथा शिल्पी श्रीलाल शुक्ल की स्मृति में साल 2011 में शुरू किया गया सम्मान अब तक श्री विद्यासागर नौटियाल और श्री शेखर जोशी साथ ही रामधारी सिंह दिवाकर को प्रदान किया गया है. सम्मानित साहित्यकार को एक प्रतीक चिन्ह प्रशस्ति पत्र और ₹11 लाख की राशि का चेक दिया जाता है.

महेश कटारे की तारीफ
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि आज कृषि और किसानों के जीवन पर लिखने वाले कवि लेखक काम ही बचे हैं. उन्होंने कहा कि महेश कटारे का रचना संसार ही नहीं उनका जीवन भी गांव और खेती के इर्द-गिर्द घूमता है. अपनी कहानियों में उन्होंने विकास और पिछड़ेपन के बीच झूलते गांव की हकीकत को पकड़ने की कोशिश की है इसके साथ ही डॉ अवस्थी ने महेश कटारे के चर्चित उपन्यास 'कामिनी काय कांतारे' का जिक्र करते हुए उन्हें बधाई दी.

क्या है इफको?
इफको पूरी तरीके से सहकारी स्वामित्व वाली दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी समिति है. जो उर्वरकों का उत्पादन वितरण करती है. इफको भारत में अपने पांच संयंत्रों और विस्तृत देशव्यापी मार्केटिंग नेटवर्क के जरिए इफको देश में बिकने वाले फास्फेट उर्वरक के हर तीसरे और यूरिया के हर पांचवे बोर का विपणन करती है. साल 2018 - 19 के दौरान इफको ने 8. 14 मिलियन उर्वरकों का उत्पादन किया और लगभग 11. 55 मिलियन टन किसानों को बेचा.

नई दिल्ली: साल 2019 का श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान वरिष्ठ कथाकार महेश कटारे को दिया गया. उन्हें यह सम्मान 31 जनवरी को नई दिल्ली के एनसीयूआई ऑडिटोरियम में आयोजित एक समारोह में सुविख्यात साहित्यकार डॉ विश्वनाथ त्रिपाठी ने प्रदान किया.

महेश कटारे को मिला श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान

किसानों को मिलता है ये पुरस्कार
बता दें कि हर साल दिया जाने वाला पुरस्कार किसी ऐसे रचनाकार को दिया जाता है जिसकी रचनाओं में ग्रामीण और कृषि जीवन से जुड़ी समस्याओं आकांक्षाओं और संघर्षों को मुखरित किया गया हो.

मूर्धन्य कथा शिल्पी श्रीलाल शुक्ल की स्मृति में साल 2011 में शुरू किया गया सम्मान अब तक श्री विद्यासागर नौटियाल और श्री शेखर जोशी साथ ही रामधारी सिंह दिवाकर को प्रदान किया गया है. सम्मानित साहित्यकार को एक प्रतीक चिन्ह प्रशस्ति पत्र और ₹11 लाख की राशि का चेक दिया जाता है.

महेश कटारे की तारीफ
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि आज कृषि और किसानों के जीवन पर लिखने वाले कवि लेखक काम ही बचे हैं. उन्होंने कहा कि महेश कटारे का रचना संसार ही नहीं उनका जीवन भी गांव और खेती के इर्द-गिर्द घूमता है. अपनी कहानियों में उन्होंने विकास और पिछड़ेपन के बीच झूलते गांव की हकीकत को पकड़ने की कोशिश की है इसके साथ ही डॉ अवस्थी ने महेश कटारे के चर्चित उपन्यास 'कामिनी काय कांतारे' का जिक्र करते हुए उन्हें बधाई दी.

क्या है इफको?
इफको पूरी तरीके से सहकारी स्वामित्व वाली दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी समिति है. जो उर्वरकों का उत्पादन वितरण करती है. इफको भारत में अपने पांच संयंत्रों और विस्तृत देशव्यापी मार्केटिंग नेटवर्क के जरिए इफको देश में बिकने वाले फास्फेट उर्वरक के हर तीसरे और यूरिया के हर पांचवे बोर का विपणन करती है. साल 2018 - 19 के दौरान इफको ने 8. 14 मिलियन उर्वरकों का उत्पादन किया और लगभग 11. 55 मिलियन टन किसानों को बेचा.

Intro:नई दिल्ली

उर्वरक क्षेत्र की प्रमुख संस्था इफ़को द्वारा साल 2019 का श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान वरिष्ठ कथाकार महेश कटारे को दिया गया उन्हें यह सम्मान 31 जनवरी को नई दिल्ली के एनसीयूआई ऑडिटोरियम में आयोजित एक समारोह में सुविख्यात साहित्यकार डॉ विश्वनाथ त्रिपाठी ने प्रदान किया


Body:किसानों को मिलता है ये पुरस्कार
आपको बता दें कि हर साल दिया जाने वाला पुरस्कार किसी ऐसे रचनाकार को दिया जाता है जिसकी रचनाओं में ग्रामीण और कृषि जीवन से जुड़ी समस्याओं आकांक्षाओं और संघर्षों को मुखरित किया गया हो , मूर्धन्य कथा शिल्पी श्रीलाल शुक्ल की स्मृति में साल 2011 में शुरू किया गया सम्मान अब तक श्री विद्यासागर नौटियाल और श्री शेखर जोशी साथ ही रामधारी सिंह दिवाकर को प्रदान किया गया है सम्मानित साहित्यकार को एक प्रतीक चिन्ह प्रशस्ति पत्र और ₹11 लाख की राशि का चेक दिया जाता है

इफको के प्रबंध निदेशक ने की महेश कटारे की तारीफ

इफको के प्रबंध निदेशक डॉ उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि आज कृषि और किसानों के जीवन पर लिखने वाले कवि लेखक काम ही बचे हैं उन्होंने कहा कि महेश कटारे का रचना संसार ही नहीं उनका जीवन भी गांव और खेती के इर्द-गिर्द घूमता है अपनी कहानियों में उन्होंने विकास और पिछड़ेपन के बीच झूलते गांव की हकीकत को पकड़ने की कोशिश की है इसके साथ ही डॉ अवस्थी ने महेश कटारे के चर्चित उपन्यास 'कामिनी काय कांतारे' का जिक्र करते हुए उन्हें बधाई दी
BYTE- उदय शंकर अवस्थी, प्रबंध निदेशक
BYTE- महेश कटारे, पुस्कार पाने वाले किसान


Conclusion:क्या है इफको ?
इफ़को पूरी तरीके से सहकारी स्वामित्व वाली दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी समिति है जो उर्वरकों का उत्पादन वितरण करती है इफको भारत में अपने पांच संयंत्रों और विस्तृत देशव्यापी मार्केटिंग नेटवर्क के जरिए इफ़को देश में बिकने वाले फास्फेट उर्वरक के हर तीसरे और यूरिया के हर पांचवे बोर का विपणन करती है साल 2018 - 19 के दौरान इफको ने 8. 14 मिलियन उर्वरकों का उत्पादन किया और लगभग 11. 55 मिलियन टन किसानों को बेचा
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