नई दिल्ली: साल 2019 का श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान वरिष्ठ कथाकार महेश कटारे को दिया गया. उन्हें यह सम्मान 31 जनवरी को नई दिल्ली के एनसीयूआई ऑडिटोरियम में आयोजित एक समारोह में सुविख्यात साहित्यकार डॉ विश्वनाथ त्रिपाठी ने प्रदान किया.
किसानों को मिलता है ये पुरस्कार
बता दें कि हर साल दिया जाने वाला पुरस्कार किसी ऐसे रचनाकार को दिया जाता है जिसकी रचनाओं में ग्रामीण और कृषि जीवन से जुड़ी समस्याओं आकांक्षाओं और संघर्षों को मुखरित किया गया हो.
मूर्धन्य कथा शिल्पी श्रीलाल शुक्ल की स्मृति में साल 2011 में शुरू किया गया सम्मान अब तक श्री विद्यासागर नौटियाल और श्री शेखर जोशी साथ ही रामधारी सिंह दिवाकर को प्रदान किया गया है. सम्मानित साहित्यकार को एक प्रतीक चिन्ह प्रशस्ति पत्र और ₹11 लाख की राशि का चेक दिया जाता है.
महेश कटारे की तारीफ
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि आज कृषि और किसानों के जीवन पर लिखने वाले कवि लेखक काम ही बचे हैं. उन्होंने कहा कि महेश कटारे का रचना संसार ही नहीं उनका जीवन भी गांव और खेती के इर्द-गिर्द घूमता है. अपनी कहानियों में उन्होंने विकास और पिछड़ेपन के बीच झूलते गांव की हकीकत को पकड़ने की कोशिश की है इसके साथ ही डॉ अवस्थी ने महेश कटारे के चर्चित उपन्यास 'कामिनी काय कांतारे' का जिक्र करते हुए उन्हें बधाई दी.
क्या है इफको?
इफको पूरी तरीके से सहकारी स्वामित्व वाली दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी समिति है. जो उर्वरकों का उत्पादन वितरण करती है. इफको भारत में अपने पांच संयंत्रों और विस्तृत देशव्यापी मार्केटिंग नेटवर्क के जरिए इफको देश में बिकने वाले फास्फेट उर्वरक के हर तीसरे और यूरिया के हर पांचवे बोर का विपणन करती है. साल 2018 - 19 के दौरान इफको ने 8. 14 मिलियन उर्वरकों का उत्पादन किया और लगभग 11. 55 मिलियन टन किसानों को बेचा.