नई दिल्ली/अहमदाबाद: गुजरात यूनिवर्सिटी मानहानि मामले में समन रद्द करने की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात हाई कोर्ट ने स्टे देने से इनकार कर दिया. हाई कोर्ट ने केजरीवाल के वकील से कहा कि यह सही है कि वह दिल्ली में बाढ़ की स्थिति के दौरान मौजूद नहीं थे, लेकिन अगर स्थिति अब सामान्य है, तो वह मौजूद क्यों नहीं हैं ?
गौरतलब है कि अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ समन जारी किया था. इस समन को अरविंद केजरीवाल ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी. हालांकि, सेशन कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को किसी तरह की राहत नहीं दी और गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस मामले में आज सुनवाई हुई.
अहमदाबाद सत्र न्यायालय ने नहीं दी राहत: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर मानहानि मामले में अंतरिम राहत की मांग करते हुए अहमदाबाद सत्र न्यायालय में याचिका दायर की थी. लेकिन सेशन कोर्ट ने केजरीवाल को कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया. अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह को 11 अगस्त को मेट्रो कोर्ट में पेश होने के लिए समन भेजा गया था. इसलिए अर्जेंट मामले में अरविंद केजरीवाल की ओर से गुजरात हाई कोर्ट में यह रिट दायर की गई और तत्काल सुनवाई की मांग की गई.
क्या है पूरी कहानी: 31 मार्च 2023 को गुजरात हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री विवाद मामले पर अपना फैसला सुनाया और शिकायतकर्ता को डिग्री न दिखाने को कहा. इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 1 अप्रैल 2023 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री की डिग्री के बारे में अनुचित शब्द कहे. इस मामले को ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया गया. अगले दिन 2 अप्रैल को संजय सिंह ने प्रधानमंत्री की डिग्री को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इसकी जानकारी ट्विटर हैंडल पर भी पोस्ट की गई. इस प्रेस और ट्वीट में गुजरात यूनिवर्सिटी का जिक्र है.
केजरीवाल के खिलाफ मानहानि की शिकायत: गुजरात यूनिवर्सिटी की ओर से जनरल मिनिस्टर डॉ. पीयूष पटेल ने केजरीवाल के खिलाफ मेट्रो कोर्ट में मानहानि की शिकायत दर्ज कराई है. उस मसले पर अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट में सुनवाई हुई. पिछली सुनवाई में अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि भारी बारिश के कारण दिल्ली में बाढ़ आ गई है. दिल्ली में आपात बैठकें चल रही हैं. इस वजह से सीएम अरविंद केजरीवाल और सांसद संजय सिंह को सुनवाई में शामिल होने से छूट दी जानी चाहिए. यूनिवर्सिटी के वकील ने भी इस मसले पर कोई आपत्ति नहीं जताई.
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