ETV Bharat / state

कांग्रेस में अब भी जारी रहेगी गुटबाजी! शीला दीक्षित के बाद कौन...?

दिल्ली में पहले से कलह का शिकार चल रही कांग्रेस की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. अब शीला दीक्षित के निधन के बाद पार्टी संकट की घड़ी से गुजर रही है, साथ ही पार्टी में गुटबाजी होने के भी आसार हैं.

author img

By

Published : Jul 22, 2019, 8:11 PM IST

DPCC etv bharat

नई दिल्ली: दिल्ली कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष और तीन बार की सीएम रहीं शीला दीक्षित के निधन के बाद कांग्रेस में शोक का माहौल है. दिल्ली में विधानसभा चुनाव करीब है, लेकिन शीला दीक्षित के निधन के बाद पार्टी की चुनौतिंयां और बढ़ गई हैं.

DPCC की बढ़ी मुश्किलें

कांग्रेस आला कमान ने शीला दीक्षित पर भरोसा जताते हुए पार्टी की कमान अजय माकन से लेकर उन्हें सौंप दी थी, लेकिन उनके ना होने से पार्टी के अध्यक्ष पद को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.

गुटबाजी का दौर शुरू
जिस तरीके से लोकसभा चुनाव से पहले अजय माकन दिल्ली कांग्रेस कमेटी का नेतृत्व कर रहे थे, लेकिन उसके बाद शीला दीक्षित को दिल्ली फिर से संवारने की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन पार्टी के अंदर लागातार गुटबाजी का दौर जारी रहा, जिसका खामयाजा पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान उठाना पड़ा.

लोकसभा चुनाव में जो परिणाम रहे उसके बाद उन्होंने एक कमेटी बनाकर यह निर्णय लिया कि जमीनी स्तर से काम शुरू किया जाए. शीला दीक्षित के निधन के बाद पार्टी में गुटबाजी फिर बढ़ सकती है, क्योंकि पार्टी को दिल्ली के अध्यक्ष पद की भी नियुक्ति करनी है.


गठन के लिए हाईकमान को पत्र
शीला दीक्षित ने विधानसभा चुनाव में मजबूती लाने के लिए पार्टी हाईकमान को हाल ही में एक पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने कहा था कि पिछले 6 साल से पार्टी की कार्यकारिणी में बदलाव नहीं किया गया है और जिस तरीके से लोकसभा चुनाव में परिणाम रहे. उसके बाद जरूरी है कि हम अब कार्यकारिणी का गठन दोबारा से करें. जिसमें उन लोगों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाए जो कि बेहतर काम करते हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष और तीन बार की सीएम रहीं शीला दीक्षित के निधन के बाद कांग्रेस में शोक का माहौल है. दिल्ली में विधानसभा चुनाव करीब है, लेकिन शीला दीक्षित के निधन के बाद पार्टी की चुनौतिंयां और बढ़ गई हैं.

DPCC की बढ़ी मुश्किलें

कांग्रेस आला कमान ने शीला दीक्षित पर भरोसा जताते हुए पार्टी की कमान अजय माकन से लेकर उन्हें सौंप दी थी, लेकिन उनके ना होने से पार्टी के अध्यक्ष पद को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.

गुटबाजी का दौर शुरू
जिस तरीके से लोकसभा चुनाव से पहले अजय माकन दिल्ली कांग्रेस कमेटी का नेतृत्व कर रहे थे, लेकिन उसके बाद शीला दीक्षित को दिल्ली फिर से संवारने की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन पार्टी के अंदर लागातार गुटबाजी का दौर जारी रहा, जिसका खामयाजा पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान उठाना पड़ा.

लोकसभा चुनाव में जो परिणाम रहे उसके बाद उन्होंने एक कमेटी बनाकर यह निर्णय लिया कि जमीनी स्तर से काम शुरू किया जाए. शीला दीक्षित के निधन के बाद पार्टी में गुटबाजी फिर बढ़ सकती है, क्योंकि पार्टी को दिल्ली के अध्यक्ष पद की भी नियुक्ति करनी है.


गठन के लिए हाईकमान को पत्र
शीला दीक्षित ने विधानसभा चुनाव में मजबूती लाने के लिए पार्टी हाईकमान को हाल ही में एक पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने कहा था कि पिछले 6 साल से पार्टी की कार्यकारिणी में बदलाव नहीं किया गया है और जिस तरीके से लोकसभा चुनाव में परिणाम रहे. उसके बाद जरूरी है कि हम अब कार्यकारिणी का गठन दोबारा से करें. जिसमें उन लोगों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाए जो कि बेहतर काम करते हैं.

Intro:शीला दीक्षित के बाद पार्टी के लिए चुनोती, बढ़ सकती है गुटबाजी

नई दिल्ली: दिल्ली कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष और तीन बार की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित के निधन के बाद कांग्रेस में शोक की लहर है.लेकिन अब आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव करीब आने वाले हैं और उसको लेकर अब अध्यक्ष पद के लिए पार्टी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.जिस तरीके से अजय माकन के बाद शीला दीक्षित को पार्टी की जिम्मेदारी दी गई, कि वह दिल्ली को मजबूत करें. लेकिन अब उनके ना होने से किस तरीके से पार्टी आगे काम करेगी और यह पद कौन संभालेगा, यह बड़ा सवाल खड़ा होता है.


Body:गुटबाजी का होगा दौर शुरू
आपको बता दें कि जिस तरीके से लोकसभा चुनाव से पहले अजय माकन दिल्ली कांग्रेस कमेटी का नेतृत्व कर रहे थे, लेकिन उसके बाद शीला दीक्षित को दिल्ली को फिर से संवारने की जिम्मेदारी दी गई. लेकिन पार्टी के अंदर लगातार बनी रही गुटबाजी कहीं ना कहीं लोकसभा चुनाव पर भारी पड़ी.और ऐसे में शीला लगातार प्रयास कर रही थी, कि सब को एक साथ लाया जाए. लोकसभा चुनाव में जो परिणाम रहे उसके बाद उन्होंने एक कमेटी बनाकर यह निर्णय लिया कि जमीनी स्तर से काम शुरू किया जाए. लेकिन अब उनके ना होने से एक बार फिर गुटबाजी अपने बड़े स्तर पर आ सकती है. क्योंकि आगामी दिन में कांग्रेस पार्टी को दिल्ली का अध्यक्ष पद की नियुक्ति भी करनी है.इसलिए यह साफ है कि पार्टी में चल रही गुटबाजी अब और बढ़ सकती है.

कार्यकारिणी के गठन के लिए भी हाईकमान को लिखा था पत्र
आपको बता दें कि शीला दीक्षित ने विधानसभा चुनाव में मजबूती लाने के लिए पार्टी हाईकमान को हाल ही में एक पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने कहा था कि पिछले 6 वर्ष से पार्टी की कार्यकारिणी में बदलाव नहीं किया गया है और जिस तरीके से लोकसभा चुनाव में परिणाम रहे.उसके बाद जरूरी है कि हम अब कार्यकारिणी का गठन दोबारा से करें. जिसमें उन लोगों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाए जो कि बेहतर काम करते हैं. देखना होगा कि जिस तरीके से शीला दीक्षित ने विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी को आगे बढ़ाने का प्रयास किया था उसका क्या होता है.




Conclusion:फिलहाल सबसे बड़ा सवाल यही खड़ा होता है कि शीला दीक्षित के बाद अब दिल्ली कांग्रेस कमेटी की कमान किस को सौंपी जाती है, क्योंकि आगामी छह माह में ही विधानसभा चुनाव भी आने हैं.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.