ओटावा: भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव के बीच खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के साथ सीधे संबंध होने का बड़ा खुलासा किया है. 'सिख्स फॉर जस्टिस' संगठन का प्रमुख पन्नू भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने की वजह से प्रतिबंधित है. आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने दावा किया कि उसने भारत के खिलाफ कनाडा के पीएमओ (PMO office) को जानकारी दी, जिस पर पीएम ट्रूडो ने कार्रवाई की.
कनाडाई प्रसारण नेटवर्क सीबीसी न्यूज पर दिए गए एक साक्षात्कार में गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा कि वह पिछले 2-3 वर्ष से ट्रूडो के पीएमओ के संपर्क में था. पन्नू ने दावा किया कि उसने भारतीय राजनयिकों और जासूस नेटवर्क के बारे में जानकारी मुहैया कराई, जो कनाडा में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए जिम्मेदार थे. साथ ही पन्नू ने भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और उनके सहयोगियों पर आरोप लगाए कि उन्होंने भारतीय एजेंटों को खुफिया समर्थन दिया, जिसने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को अंजाम दिया.
🚨SHOCKING: 🇨🇦Canadian state media CBC provides a platform to Khalistani terrorist Gurpatwant Singh Pannun to promote anti-India🇮🇳 misinformation 👇 pic.twitter.com/Zi1AzOEOnd
— Sputnik India (@Sputnik_India) October 16, 2024
पन्नू का यह कबूलनामा पीएम ट्रूडो के हाल में दिए गए उस बयान से मेल खाता है, जिसमें उन्होंने भारत पर कनाडा में हिंसक घटनाओं और हत्याओं में शामिल होने का आरोप लगाया था. लेकिन पीएम ट्रूडो और कनाडा पुलिस इन आरोपों के बारे में कोई ठोस सबूत नहीं पेश कर पाए.
बता दें कि भारत ने 14 अक्टूबर 2024 को कनाडा से अपने उच्चायुक्त संजय वर्मा के अलावाी कुछ अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था. यह कदम कनाडा के द्वारा वर्मा और अन्य भारतीय राजनयिकों को आरोपित व्यक्तियों की सूची में शामिल किए जाने के बाद उठाया गया. वहीं इसके साथ ही भारत ने छह कनाडा के राजनयिकों को भी देश से निष्कासित कर दिया है.
इतना ही नहीं आतंकवादी पन्नू ने बातचीत में इंडो-कैनेडियन समुदाय पर भी निशाना साधा. उसने उन पर कनाडा के संविधान के प्रति वफादार नहीं होने का आरोप लगाया. पन्नू ने कहा कि भारत से जुड़े लोग कनाडा के संविधान के प्रति वफादार नहीं हैं. हालांकि मोदी सरकार का समर्थन करने वाले इंडो-कैनेडियन संगठनों या सांसदों ने इस मामले पर खुलकर कुछ नहीं कहा है.
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