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खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने कबूला, कनाडा के PM ट्रूडो से हैं मेरे सीधे रिश्ते, ट्रूडो का बड़ा बयान

Gurpatwant Singh Pannun, खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के साथ सीधे संबंध होने का बड़ा खुलासा किया है.

Gurpatwant Singh Pannun
गुरपतवंत सिंह पन्नू (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 16, 2024, 8:59 PM IST

ओटावा: भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव के बीच खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के साथ सीधे संबंध होने का बड़ा खुलासा किया है. 'सिख्स फॉर जस्टिस' संगठन का प्रमुख पन्नू भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने की वजह से प्रतिबंधित है. आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने दावा किया कि उसने भारत के खिलाफ कनाडा के पीएमओ (PMO office) को जानकारी दी, जिस पर पीएम ट्रूडो ने कार्रवाई की. वहीं इसको लेकर ट्रूडो ने बड़ा बयान दिया है.

कनाडाई प्रसारण नेटवर्क सीबीसी न्यूज पर दिए गए एक साक्षात्कार में गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा कि वह पिछले 2-3 वर्ष से ट्रूडो के पीएमओ के संपर्क में था. पन्नू ने दावा किया कि उसने भारतीय राजनयिकों और जासूस नेटवर्क के बारे में जानकारी मुहैया कराई, जो कनाडा में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए जिम्मेदार थे. साथ ही पन्नू ने भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और उनके सहयोगियों पर आरोप लगाए कि उन्होंने भारतीय एजेंटों को खुफिया समर्थन दिया, जिसने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को अंजाम दिया.

पन्नू का यह कबूलनामा पीएम ट्रूडो के हाल में दिए गए उस बयान से मेल खाता है, जिसमें उन्होंने भारत पर कनाडा में हिंसक घटनाओं और हत्याओं में शामिल होने का आरोप लगाया था. लेकिन पीएम ट्रूडो और कनाडा पुलिस इन आरोपों के बारे में कोई ठोस सबूत नहीं पेश कर पाए.

बता दें कि भारत ने 14 अक्टूबर 2024 को कनाडा से अपने उच्चायुक्त संजय वर्मा के अलावाी कुछ अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था. यह कदम कनाडा के द्वारा वर्मा और अन्य भारतीय राजनयिकों को आरोपित व्यक्तियों की सूची में शामिल किए जाने के बाद उठाया गया. वहीं इसके साथ ही भारत ने छह कनाडा के राजनयिकों को भी देश से निष्कासित कर दिया है.

इतना ही नहीं आतंकवादी पन्नू ने बातचीत में इंडो-कैनेडियन समुदाय पर भी निशाना साधा. उसने उन पर कनाडा के संविधान के प्रति वफादार नहीं होने का आरोप लगाया. पन्नू ने कहा कि भारत से जुड़े लोग कनाडा के संविधान के प्रति वफादार नहीं हैं. हालांकि मोदी सरकार का समर्थन करने वाले इंडो-कैनेडियन संगठनों या सांसदों ने इस मामले पर खुलकर कुछ नहीं कहा है.

पीएम जस्टिन ट्रूडो ने क्या कहा

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर दोहराया है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे. फॉरेन इंटरफेरेंस कमीशन के सामने अपनी गवाही में ट्रूडो ने कहा कि उनके पास निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका होने के विश्वसनीय सबूत हैं. उन्होंने आयोग में कनाडा के पीएम ट्रूडो ने भारत को धमकीभरे अंदाज में कहा कि नई दिल्ली ने जो किया, वो उसकी बहुत बड़ी गलती है.

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा, "मोदी सरकार के विरोधी कनाडाई लोगों की जानकारी भारत सरकार को उच्चतम स्तर पर दी गई जिसके बाद लॉरेंस बिश्नोई गिरोह जैसे आपराधिक संगठनों के माध्यम से भेजी गई जानकारी के परिणामस्वरूप कनाडाई लोगों के खिलाफ हिंसा हुई. हम भारतीय राजनयिकों से पूछताछ करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने अपनी राजनयिक प्रतिरक्षा को नहीं छोड़ा, इसलिए हमें उन्हें जाने के लिए कहना पड़ा."

ये भी पढ़ें- कनाडाई मीडिया ने ट्रूडो की लगा दी क्लास, कहा- भारत ने सही कदम उठाया

ओटावा: भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव के बीच खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के साथ सीधे संबंध होने का बड़ा खुलासा किया है. 'सिख्स फॉर जस्टिस' संगठन का प्रमुख पन्नू भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने की वजह से प्रतिबंधित है. आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने दावा किया कि उसने भारत के खिलाफ कनाडा के पीएमओ (PMO office) को जानकारी दी, जिस पर पीएम ट्रूडो ने कार्रवाई की. वहीं इसको लेकर ट्रूडो ने बड़ा बयान दिया है.

कनाडाई प्रसारण नेटवर्क सीबीसी न्यूज पर दिए गए एक साक्षात्कार में गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा कि वह पिछले 2-3 वर्ष से ट्रूडो के पीएमओ के संपर्क में था. पन्नू ने दावा किया कि उसने भारतीय राजनयिकों और जासूस नेटवर्क के बारे में जानकारी मुहैया कराई, जो कनाडा में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए जिम्मेदार थे. साथ ही पन्नू ने भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और उनके सहयोगियों पर आरोप लगाए कि उन्होंने भारतीय एजेंटों को खुफिया समर्थन दिया, जिसने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को अंजाम दिया.

पन्नू का यह कबूलनामा पीएम ट्रूडो के हाल में दिए गए उस बयान से मेल खाता है, जिसमें उन्होंने भारत पर कनाडा में हिंसक घटनाओं और हत्याओं में शामिल होने का आरोप लगाया था. लेकिन पीएम ट्रूडो और कनाडा पुलिस इन आरोपों के बारे में कोई ठोस सबूत नहीं पेश कर पाए.

बता दें कि भारत ने 14 अक्टूबर 2024 को कनाडा से अपने उच्चायुक्त संजय वर्मा के अलावाी कुछ अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था. यह कदम कनाडा के द्वारा वर्मा और अन्य भारतीय राजनयिकों को आरोपित व्यक्तियों की सूची में शामिल किए जाने के बाद उठाया गया. वहीं इसके साथ ही भारत ने छह कनाडा के राजनयिकों को भी देश से निष्कासित कर दिया है.

इतना ही नहीं आतंकवादी पन्नू ने बातचीत में इंडो-कैनेडियन समुदाय पर भी निशाना साधा. उसने उन पर कनाडा के संविधान के प्रति वफादार नहीं होने का आरोप लगाया. पन्नू ने कहा कि भारत से जुड़े लोग कनाडा के संविधान के प्रति वफादार नहीं हैं. हालांकि मोदी सरकार का समर्थन करने वाले इंडो-कैनेडियन संगठनों या सांसदों ने इस मामले पर खुलकर कुछ नहीं कहा है.

पीएम जस्टिन ट्रूडो ने क्या कहा

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर दोहराया है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे. फॉरेन इंटरफेरेंस कमीशन के सामने अपनी गवाही में ट्रूडो ने कहा कि उनके पास निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका होने के विश्वसनीय सबूत हैं. उन्होंने आयोग में कनाडा के पीएम ट्रूडो ने भारत को धमकीभरे अंदाज में कहा कि नई दिल्ली ने जो किया, वो उसकी बहुत बड़ी गलती है.

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा, "मोदी सरकार के विरोधी कनाडाई लोगों की जानकारी भारत सरकार को उच्चतम स्तर पर दी गई जिसके बाद लॉरेंस बिश्नोई गिरोह जैसे आपराधिक संगठनों के माध्यम से भेजी गई जानकारी के परिणामस्वरूप कनाडाई लोगों के खिलाफ हिंसा हुई. हम भारतीय राजनयिकों से पूछताछ करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने अपनी राजनयिक प्रतिरक्षा को नहीं छोड़ा, इसलिए हमें उन्हें जाने के लिए कहना पड़ा."

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