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बाइक बोट घोटालाः निदेशकों सहित सात आरोपी गिरफ्तार, 42 हजार करोड़ का है घोटाला

उत्तर प्रदेश में 3500 करोड़ के बाइक बोट घोटाले में दिल्ली ईओडब्ल्यू ने गुरुवार यानी आज बड़ी कार्रवाई करते हुए सात और लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में निदेशक और अधिकारी शामिल हैं.

Seven accused including directors arrested in Bike Bot scam worth 42 thousand crores
बाइक बोट घोटाला
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Published : Nov 25, 2020, 4:42 PM IST

नई दिल्ली: 42 हजार करोड़ के बाइक बोट घोटाले में निदेशकों सहित सात आरोपियों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. इस मामले में आठ आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें से कुछ आरोपी कंपनी में निदेशक जबकि कुछ बतौर प्रमोटर कार्यरत थे. आरोपियों ने अकेले दिल्ली के आठ हजार लोगों से लगभग 250 करोड़ रुपये की ठगी की थी.

बाइक बोट घोटाला मामले में निदेशकों सहित सात आरोपी गिरफ्तार
संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार कई लोगों ने संजय भाटी एवं गर्वित इन्नोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज की थी. गौतमबुद्ध नगर स्थित इस कंपनी के निदेशक एवं सीएमडी पर उन्होंने ठगी का आरोप लगाया था. लगभग 42,000 करोड़ रुपये की ठगी का यह मामला बताया गया था. इस शिकायत पर मामला दर्ज कर आर्थिक अपराध शाखा ने जांच शुरु की. मामले की जांच के दौरान पता चला कि लगभग 8000 शिकायतकर्ता अकेले दिल्ली के हैं. इनसे 250 करोड़ से ज्यादा की ठगी हुई है.
कई राज्यों में किया लगभग 42 हजार करोड़ का घोटाला

मामले की जांच के दौरान आर्थिक अपराध शाखा ने कंपनी वे विभिन्न बैंक खातों को खंगाला. उन्हें पता चला कि वह आरबीआई से बतौर एनबीएफसी पंजीकृत नहीं थी. उसे लोगों से रुपये एकत्रित करने का कोई अधिकार नहीं था. उसने अवैध तरीके से लोगों से हजारों करोड़ रुपये एकत्रित कर लिए. उन्हें पता चला कि लखनऊ के प्रवर्तन निदेशालय द्वारा भी इस जालसाजी की जांच की जा रही है. नोएडा सहित अनेक राज्यों में भी कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज है. आरोपियों ने लगभग 42 हजार करोड़ कर घोटाले को अंजाम दिया है.


निदेशकों सहित सात आरोपी हुए गिरफ्तार

इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने निदेशकों सहित कुल 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान सुनील कुमार प्रजापति, विनोद कपूर, करण पाल सिंह, ललित कुमार, पुष्पेंद्र सिंह, आदेश भाटी और तरुण शर्मा के रूप में की गई है. यह सभी आरोपी गौतमबुद्ध नगर में दर्ज मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं. जेल में बंद इन आरोपियों की गिरफ्तारी आर्थिक अपराध शाखा ने उनके पास दर्ज एफआईआर में की है. इस मामले में आठ आरोपियों को वह पहले गिरफ्तार कर चुके हैं. इनकी गिरफ्तारी से कुल 15 आरोपी अब तक बाइक बोट घोटाले में गिरफ्तार हो चुके हैं.


ऐसे ठगी को दिया गया अंजाम

कंपनी ने लोगों से कहा कि वह 62000 रुपये एक बाइक के लिए कंपनी में जमा कराएं और इससे उन्हें एक साल तक 9500 रुपए प्रत्येक महीना आमदनी मिलेगी. इस तरह से उन्हें एक साल में लगभग दोगुनी रकम वापस मिल जाएगी. आकर्षक ऑफर होने के चलते लोग बड़ी संख्या में इसमें फंस गए.

उन्होंने अपनी मेहनत का पैसा जमा करा दिया. जनवरी 2019 में कंपनी ने इलेक्ट्रिक बाइक स्कीम निकाली. उन्होंने लोगों से बाइक के लिए 1.24 लाख रुपए जमा कराने के लिए कहा. उन्हें बताया गया कि एक साल तक उन्हें प्रत्येक महीना 17 हजार रुपये मिलेंगे. उन्होंने कुछ लोगों को रुपए भी दिए जिससे उनमें विश्वास जगा. बड़ी संख्या में लोगों ने जब रुपए जमा करा दिए तो यह कंपनी एवं उसके अधिकारी फरार हो गए.

नई दिल्ली: 42 हजार करोड़ के बाइक बोट घोटाले में निदेशकों सहित सात आरोपियों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. इस मामले में आठ आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें से कुछ आरोपी कंपनी में निदेशक जबकि कुछ बतौर प्रमोटर कार्यरत थे. आरोपियों ने अकेले दिल्ली के आठ हजार लोगों से लगभग 250 करोड़ रुपये की ठगी की थी.

बाइक बोट घोटाला मामले में निदेशकों सहित सात आरोपी गिरफ्तार
संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार कई लोगों ने संजय भाटी एवं गर्वित इन्नोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज की थी. गौतमबुद्ध नगर स्थित इस कंपनी के निदेशक एवं सीएमडी पर उन्होंने ठगी का आरोप लगाया था. लगभग 42,000 करोड़ रुपये की ठगी का यह मामला बताया गया था. इस शिकायत पर मामला दर्ज कर आर्थिक अपराध शाखा ने जांच शुरु की. मामले की जांच के दौरान पता चला कि लगभग 8000 शिकायतकर्ता अकेले दिल्ली के हैं. इनसे 250 करोड़ से ज्यादा की ठगी हुई है. कई राज्यों में किया लगभग 42 हजार करोड़ का घोटाला

मामले की जांच के दौरान आर्थिक अपराध शाखा ने कंपनी वे विभिन्न बैंक खातों को खंगाला. उन्हें पता चला कि वह आरबीआई से बतौर एनबीएफसी पंजीकृत नहीं थी. उसे लोगों से रुपये एकत्रित करने का कोई अधिकार नहीं था. उसने अवैध तरीके से लोगों से हजारों करोड़ रुपये एकत्रित कर लिए. उन्हें पता चला कि लखनऊ के प्रवर्तन निदेशालय द्वारा भी इस जालसाजी की जांच की जा रही है. नोएडा सहित अनेक राज्यों में भी कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज है. आरोपियों ने लगभग 42 हजार करोड़ कर घोटाले को अंजाम दिया है.


निदेशकों सहित सात आरोपी हुए गिरफ्तार

इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने निदेशकों सहित कुल 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान सुनील कुमार प्रजापति, विनोद कपूर, करण पाल सिंह, ललित कुमार, पुष्पेंद्र सिंह, आदेश भाटी और तरुण शर्मा के रूप में की गई है. यह सभी आरोपी गौतमबुद्ध नगर में दर्ज मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं. जेल में बंद इन आरोपियों की गिरफ्तारी आर्थिक अपराध शाखा ने उनके पास दर्ज एफआईआर में की है. इस मामले में आठ आरोपियों को वह पहले गिरफ्तार कर चुके हैं. इनकी गिरफ्तारी से कुल 15 आरोपी अब तक बाइक बोट घोटाले में गिरफ्तार हो चुके हैं.


ऐसे ठगी को दिया गया अंजाम

कंपनी ने लोगों से कहा कि वह 62000 रुपये एक बाइक के लिए कंपनी में जमा कराएं और इससे उन्हें एक साल तक 9500 रुपए प्रत्येक महीना आमदनी मिलेगी. इस तरह से उन्हें एक साल में लगभग दोगुनी रकम वापस मिल जाएगी. आकर्षक ऑफर होने के चलते लोग बड़ी संख्या में इसमें फंस गए.

उन्होंने अपनी मेहनत का पैसा जमा करा दिया. जनवरी 2019 में कंपनी ने इलेक्ट्रिक बाइक स्कीम निकाली. उन्होंने लोगों से बाइक के लिए 1.24 लाख रुपए जमा कराने के लिए कहा. उन्हें बताया गया कि एक साल तक उन्हें प्रत्येक महीना 17 हजार रुपये मिलेंगे. उन्होंने कुछ लोगों को रुपए भी दिए जिससे उनमें विश्वास जगा. बड़ी संख्या में लोगों ने जब रुपए जमा करा दिए तो यह कंपनी एवं उसके अधिकारी फरार हो गए.

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