नई दिल्ली: जैसे-जैसे मेला अपनी समाप्ति की ओर बढ़ रहा है वैसे-वैसे सरस आजीविका मेले ( Saras ajeevika mela ) में लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है. प्रगति मैदान के बीचोबीच हॉल नंबर 7 (एबीसी) में भारत के विभिन्न राज्यों के सामान लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.
47 प्रकार के वेज और 4 तरह के नॉन वेज आचार :सरस मेले में पंजाब के गुरदासपुर जिले से आईं सोआनी एसएचजी की रंजीत कौर बताती हैं कि हमारे स्टॉल नंबर 92 पर 47 प्रकार के वेज आचार के आइटम हैं. वहीं चार प्रकार के नॉनवेज आचार भी बनाती हैं. जिसमें कुछ खास आचार कच्ची हल्दी का आचार, मोरिंगा आचार, लहसन के अचार ये बहुत ही टेस्टी व स्वादिष्ट आचार हैं. मध्यप्रदेश की शिवपुरी जिला से आने वाली गद्दी महराज स्वयं सहायता समूह की विनीता जादौन बताती हैं कि वह नेचुरल आंवला कैंडी, विभिन्न प्रकार के पापड़, कच्चे आम की जेली, पान की जेली, पांच प्रकार के सीड्स से बना हुआ आइटम जो विभिन्न प्रकार के प्रोटीन से युक्त लोगों को उपलब्ध करा रही हैं.
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26 राज्यों की करीब 300 महिला शिल्पकार : दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 41वें व्यापार मेले में एक बार फिर परंपरा, क्राफ्ट, कला और संस्कृति से सराबोर “वोकल फॉर लोकल, लोकल टू ग्लोबल” थीम के साथ 14 नवंबर से 27 नवंबर तक सरस आजीविका मेला 2022 का आयोजन किया जा रहा है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) की ओर से आयोजित इस सरस आजीविका मेला 2022 में ग्रामीण भारत की शिल्पकलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है. 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस उत्सव में 26 राज्यों के 300 के करीब महिला शिल्पकलाकार, 150 के करीब स्टॉलों पर अपनी -अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन कर रही हैं.
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