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AAP सांसद संजय सिंह ने गीत गाकर कार्यकर्ताओं में भरा जोश

रविवार शाम पंजाबी बाग इलाके में आम आदमी पार्टी ने कार्यकर्ता सम्मेलन किया. सम्मेलन में संजय सिंह ने लोकसभा चुनाव के नतीजों से हताश कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए मंच पर गाना गाया.

संजय सिंह ने किया कार्यकर्ताओं को संबोधित
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Published : May 27, 2019, 1:30 AM IST

Updated : May 27, 2019, 12:17 PM IST

नई दिल्ली: दिल की तन्हाइयों को आवाज बना लेते हैं, दर्द जब हद से गुजरता है तो गा लेते हैं. इस वक्त आम आदमी पार्टी पर ये गाना बिल्कुल सटीक बैठता है. लोकसभा चुनावों में मिली बुरी हार के बाद पार्टी ने कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए एक सम्मेलन किया. इसमें 'आप' सांसद संजय सिंह शे'र, गीत और गजल गुनगुनाते दिखे.

संजय सिंह ने किया कार्यकर्ताओं को संबोधित

'नई चुनौती के लिए रहें तैयार'
संजय सिंह का साथ देने के लिए 'आप' नेता दिलीप पांडे मंच पर आ गए. पांडे उत्तर पूर्वी दिल्ली से आम आदमी के प्रत्याशी थे. उन्होंने अपने गीत से कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की साथ ही नई चुनौती के लिए तैयार रहने को कहा.

मंच पर संजय सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हौसला मत हारना, निराश होने की जरूरत नहीं है. 'आप' की फौज ने पिछले 5 सालों में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. हर बार सफलता हासिल हुई है.

'पार्टी ने बेहतर काम किया'
2012 में जब पार्टी का गठन हुआ तो मजाक उड़ाया गया. उसके बावजूद आम आदमी पार्टी ने 2015 के चुनाव में 67 सीटें जीतीं. 4 साल में केजरीवाल के नेतृत्व में जो सरकार चल रही है उसके बारे में सब जानते हैं. तमाम कार्यों में केंद्र सरकार ने रोड़ा डाला फिर भी शिक्षा, बिजली, पानी में सबसे बेहतर काम करके दिखाया है.

नई दिल्ली: दिल की तन्हाइयों को आवाज बना लेते हैं, दर्द जब हद से गुजरता है तो गा लेते हैं. इस वक्त आम आदमी पार्टी पर ये गाना बिल्कुल सटीक बैठता है. लोकसभा चुनावों में मिली बुरी हार के बाद पार्टी ने कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए एक सम्मेलन किया. इसमें 'आप' सांसद संजय सिंह शे'र, गीत और गजल गुनगुनाते दिखे.

संजय सिंह ने किया कार्यकर्ताओं को संबोधित

'नई चुनौती के लिए रहें तैयार'
संजय सिंह का साथ देने के लिए 'आप' नेता दिलीप पांडे मंच पर आ गए. पांडे उत्तर पूर्वी दिल्ली से आम आदमी के प्रत्याशी थे. उन्होंने अपने गीत से कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश की साथ ही नई चुनौती के लिए तैयार रहने को कहा.

मंच पर संजय सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हौसला मत हारना, निराश होने की जरूरत नहीं है. 'आप' की फौज ने पिछले 5 सालों में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. हर बार सफलता हासिल हुई है.

'पार्टी ने बेहतर काम किया'
2012 में जब पार्टी का गठन हुआ तो मजाक उड़ाया गया. उसके बावजूद आम आदमी पार्टी ने 2015 के चुनाव में 67 सीटें जीतीं. 4 साल में केजरीवाल के नेतृत्व में जो सरकार चल रही है उसके बारे में सब जानते हैं. तमाम कार्यों में केंद्र सरकार ने रोड़ा डाला फिर भी शिक्षा, बिजली, पानी में सबसे बेहतर काम करके दिखाया है.

Intro:नई दिल्ली. दिल की तनहाइयों को आवाज बना लेते हैं, दर्द जब हद से गुजरता है तो गा लेते हैं. दर्द जब हद से गुजरता है तो गा लेते हैं...वर्ष 1996 में फ़िल्म तन्हाई के इस गीत को गायक अनु मलिक ने गया था. कहा जाता है गुनगुनाने से गम हल्का हो जाता है. लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामने करने के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता गम में डूबे हुए थे, आप नेता व सांसद संजय सिंह ने उन्हें उबारने के लिए गीतों का सहारा लिया.


Body:रविवार की शाम को पंजाबी बाग इलाके में आप कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में सबसे पहले पहुँचे आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने लोकसभा चुनाव नतीजों से हताश कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए मंच पर गाने का सहारा लिया. संजय सिंह ने माइक पकड़ गीत गाना शुरू किया. " कहाँ तो तय था चिराग हर घर के लिए, यहां चिराग नहीं मयस्सर नहीं शहर के लिए....ख़ुदा न न सही, आदमी का ख्वाब न सही हर एक नज़र के लिए....

संजय सिंह द्वारा गाये इस गीत को फिर साथ देने के लिए आप नेता दिलीप पांडे भी आ गए. दिलीप पांडे उत्तर पूर्वी दिल्ली से आप के प्रत्याशी भी थे वो जब गीत गाने लाये तो बोल ऐसे थे की कार्यकर्ताओं को उसके जरिये संदेश चला गया कि जो हुआ सो हुआ. अब नई चुनौती के लिए तैयार होना है.

मंच पर आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के आने पर संजय सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते कार्यकर्ताओं से कहा कि हौसला मत हारना, निराश होने की जरूरत नहीं है. आप की फौज ने पिछले 5 सालों में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. हर बार सफलता हासिल हुई. 2012 में जब पार्टी का गठन हुआ तो मजाक उड़ाया गया. उसके बावजूद जनता ने वर्ष 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में सबसे पहले 28 सीटें दी और बाद में 2015 के चुनाव में 67 सीटें भी पार्टी के खाते में डालें. 4 साल में केजरीवाल के नेतृत्व में जो सरकार चल रही है उसके बारे में सब जानते हैं. तमाम कार्यों में केंद्र सरकार ने रोड़ा डाला उसके बावजूद शिक्षा, बिजली, पानी में सबसे बेहतर काम करके दिखाया. इन कामों के बदौलत 2020 में होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी को प्रचंड बहुमत से जिताना है. इस तरह के भाषण और गीत के जरिए हुए कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित किया.


समाप्त, आशुतोष झा


Conclusion:
Last Updated : May 27, 2019, 12:17 PM IST

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