नई दिल्ली: राहुल गांधी के ट्वीट, औपचारिक बातचीत के लिए संजय सिंह की नियुक्ति और फिर संजय सिंह और गुलाब नबी आजाद के बीच की मीटिंग के बाद माना जा रहा था कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हकीकत में बदल जाएगा. वहीं इसे लेकर गुलाम नबी आजाद के बयान ने गठबंधन को लेकर चर्चाओं का रुख फिर से मोड़ दिया है.
बुधवार को पूरे दिन के घटनाक्रम को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में संजय सिंह ने कहा कि गुलाब नबी आजाद और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बयानों से स्पष्ट है कि कांग्रेस भाजपा को हराने के लिए सीरियस नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आज देश में जो हालात है, उसके खिलाफ लड़ने के लिए तैयार नहीं दिख रही है. गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर कोई चर्चा नहीं है.
इससे पहले गुलाम नबी आजाद के साथ संजय सिंह की मीटिंग हुई थी. इसे लेकर संजय सिंह ने कहा कि हमने गुलाम नबी आजाद के साथ मीटिंग की थी, उससे पहले भी कई दौर की बातचीत हुई लेकिन अंत समय में जिस तरह कांग्रेस ने रुख दिखाया है, उसे लेकर अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि कांग्रेस पार्टी किसी भी तरह के समझौते के लिए तैयार नहीं है.
संजय सिंह ने कहा कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने 6, 3 और 1 का ऑफर दिया है, यानी 6 सीटों पर कांग्रेस, 3 पर जेजेपी और 1 पर आम आदमी पार्टी. वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी 4 और 3 के हिसाब से सीट शेयरिंग के लिए तैयार है, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी सकारात्मक रुख नहीं दिखा रही.
कल से दिल्ली में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार नामांकन भरने जा रहे हैं लेकिन गठबंधन की गुत्थी अभी सुलझ नहीं सकी है. संजय सिंह का कहना है कि उनके उम्मीदवार प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत अपना नामांकन दाखिल करेंगे लेकिन अभी भी गठबंधन पर चर्चा थमी है, ऐसा नहीं कहा जा सकता.
संजय सिंह कांग्रेस पार्टी पर गठबंधन के लिए तैयार न होने को लेकर आरोप तो लगा रहे हैं, लेकिन गठबंधन को नकार नहीं रहे हैं, यानी नाम वापसी के दिन तक गठबंधन की संभावना बनी रहेगी.