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तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल पांच देशों के नागरिक किए गए बरी

दिल्ली की साकेत कोर्ट ने तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल पांच देशों के नागरिकों को बरी करने के आदेश दिए हैं. इसमें माली, केन्या, ज़िबूती, श्रीलंका और म्यांमार के नागरिक शामिल हैं.

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Published : Jul 14, 2020, 10:06 PM IST

Saket Court
साकेत कोर्ट

नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल पांच देशों के नागरिकों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने माली, केन्या, ज़िबूती, श्रीलंका और म्यांमार के नागरिकों को बरी करने का आदेश दिया. इन नागरिकों ने समझौते के लिए आवेदन दायर किया था जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें बरी करने का आदेश दिया.

दिल्ली की साकेत कोर्ट ने तबलीगी जमात में शामिल पांच देशों के नागरिकों को किया बरी

35 देशों के 682 विदेशी नागरिकों को जमानत

साकेत कोर्ट ने आज ही इंडोनेशिया के डेढ़ सौ नागरिकों को जमानत दी है. चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने इन 150 इंडोनेशियाई नागरिकों को दस-दस हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया. कोर्ट अब तक 35 देशों के 682 विदेशी नागरिकों को जमानत दे चुकी है. पिछले 11 जुलाई को कोर्ट ने थाईलैंड और नेपाल के 75 नागरिकों को जमानत दी थी. पिछले 10 जुलाई को कोर्ट ने 62 मलेशियाई नागरिकों और सऊदी अरब के 11 नागरिकों को बरी कर दिया है.

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ मलिक ने इन 73 विदेशी नागरिकों को सात से दस हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए बरी करने का आदेश दिया था. इन विदेशी नागरिकों ने समझौते के लिए याचिका दायर किया था, जिसके बाद कोर्ट ने ये आदेश दिया. सुनवाई के दौरान इन विदेशी नागरिकों के खिलाफ शिकायत करने वाले लाजपत नगर के एसडीएम और लाजपत नगर के एसीपी और निजामुद्दीन के इंस्पेक्टर ने कहा कि उन्हें इन विदेशी नागरिकों को बरी करने पर कोई आपत्ति नहीं है. साकेत कोर्ट ने 10 जुलाई को बांग्लादेश के 82 नागरिकों को जमानत दी थी.

9 जुलाई को कोर्ट ने 76 विदेशी नागरिकों को जमानत

पिछले 9 जुलाई को कोर्ट ने 8 देशों के 76 विदेशी नागरिकों को जमानत दी थी. साकेत कोर्ट ने जिन 8 देशों के 76 विदेशी नागरिकों को जमानत देने का आदेश दिया था. उनमें माली, नाइजीरिया, श्रीलंका, केन्या, ज़िबूती, तंजानिया, दक्षिण अफ्रीका और म्यांमार शामिल हैं. 9 जुलाई को ही साकेत कोर्ट ने ही 60 मलेशियाई नागरिकों को सात-सात हजार रुपये के जुर्माने पर बरी कर दिया था. इन मलेशियाई नागरिकों ने समझौते के लिए याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें बरी करने का आदेश दिया.

8 जुलाई को कोर्ट 22 नागरिकों को जमानत

पिछले 8 जुलाई को कोर्ट ने 21 देशों के 22 नागरिकों को जमानत दी थी. चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने 22 विदेशी नागरिकों को दस-दस हजार रुपये के मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया. कोर्ट ने 8 जुलाई को जिन देशों के 22 नागरिकों को जमानत दी थी. उनमें अफगानिस्तान, ब्राजील, चीन, अमेरिका, यूक्रेन, ऑस्ट्रेलिया, मिस्त्र, रुस, अल्जीरिया, बेल्जियम, सउदी अरब, जॉर्डन, फ्रांस, कजाकिस्तान, मोरक्को, ट्यूनिशिया, ब्रिटेन, फिजी, सूडान, फिलीपींस और इथियोपिया के नागरिक शामिल हैं.

7 जुलाई को 122 मलेशियाई नागरिकों को जमानत

पिछले 7 जुलाई को साकेत कोर्ट ने 122 मलेशियाई नागरिकों को जमानत दी थी. साकेत कोर्ट ने 956 विदेशी नागरिकों के खिलाफ दायर 59 चार्जशीट पर संज्ञान लिया और सभी विदेशी नागरिकों को नोटिस जारी कर कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया. ये विदेशी नागरिक पिछले मार्च महीने में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. चार्जशीट में इन विदेशी नागरिकों को वीजा नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि इन विदेशी नागरिकों ने कोरोना को लेकर केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया.

नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल पांच देशों के नागरिकों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने माली, केन्या, ज़िबूती, श्रीलंका और म्यांमार के नागरिकों को बरी करने का आदेश दिया. इन नागरिकों ने समझौते के लिए आवेदन दायर किया था जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें बरी करने का आदेश दिया.

दिल्ली की साकेत कोर्ट ने तबलीगी जमात में शामिल पांच देशों के नागरिकों को किया बरी

35 देशों के 682 विदेशी नागरिकों को जमानत

साकेत कोर्ट ने आज ही इंडोनेशिया के डेढ़ सौ नागरिकों को जमानत दी है. चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने इन 150 इंडोनेशियाई नागरिकों को दस-दस हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया. कोर्ट अब तक 35 देशों के 682 विदेशी नागरिकों को जमानत दे चुकी है. पिछले 11 जुलाई को कोर्ट ने थाईलैंड और नेपाल के 75 नागरिकों को जमानत दी थी. पिछले 10 जुलाई को कोर्ट ने 62 मलेशियाई नागरिकों और सऊदी अरब के 11 नागरिकों को बरी कर दिया है.

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ मलिक ने इन 73 विदेशी नागरिकों को सात से दस हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए बरी करने का आदेश दिया था. इन विदेशी नागरिकों ने समझौते के लिए याचिका दायर किया था, जिसके बाद कोर्ट ने ये आदेश दिया. सुनवाई के दौरान इन विदेशी नागरिकों के खिलाफ शिकायत करने वाले लाजपत नगर के एसडीएम और लाजपत नगर के एसीपी और निजामुद्दीन के इंस्पेक्टर ने कहा कि उन्हें इन विदेशी नागरिकों को बरी करने पर कोई आपत्ति नहीं है. साकेत कोर्ट ने 10 जुलाई को बांग्लादेश के 82 नागरिकों को जमानत दी थी.

9 जुलाई को कोर्ट ने 76 विदेशी नागरिकों को जमानत

पिछले 9 जुलाई को कोर्ट ने 8 देशों के 76 विदेशी नागरिकों को जमानत दी थी. साकेत कोर्ट ने जिन 8 देशों के 76 विदेशी नागरिकों को जमानत देने का आदेश दिया था. उनमें माली, नाइजीरिया, श्रीलंका, केन्या, ज़िबूती, तंजानिया, दक्षिण अफ्रीका और म्यांमार शामिल हैं. 9 जुलाई को ही साकेत कोर्ट ने ही 60 मलेशियाई नागरिकों को सात-सात हजार रुपये के जुर्माने पर बरी कर दिया था. इन मलेशियाई नागरिकों ने समझौते के लिए याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें बरी करने का आदेश दिया.

8 जुलाई को कोर्ट 22 नागरिकों को जमानत

पिछले 8 जुलाई को कोर्ट ने 21 देशों के 22 नागरिकों को जमानत दी थी. चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने 22 विदेशी नागरिकों को दस-दस हजार रुपये के मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया. कोर्ट ने 8 जुलाई को जिन देशों के 22 नागरिकों को जमानत दी थी. उनमें अफगानिस्तान, ब्राजील, चीन, अमेरिका, यूक्रेन, ऑस्ट्रेलिया, मिस्त्र, रुस, अल्जीरिया, बेल्जियम, सउदी अरब, जॉर्डन, फ्रांस, कजाकिस्तान, मोरक्को, ट्यूनिशिया, ब्रिटेन, फिजी, सूडान, फिलीपींस और इथियोपिया के नागरिक शामिल हैं.

7 जुलाई को 122 मलेशियाई नागरिकों को जमानत

पिछले 7 जुलाई को साकेत कोर्ट ने 122 मलेशियाई नागरिकों को जमानत दी थी. साकेत कोर्ट ने 956 विदेशी नागरिकों के खिलाफ दायर 59 चार्जशीट पर संज्ञान लिया और सभी विदेशी नागरिकों को नोटिस जारी कर कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया. ये विदेशी नागरिक पिछले मार्च महीने में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. चार्जशीट में इन विदेशी नागरिकों को वीजा नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि इन विदेशी नागरिकों ने कोरोना को लेकर केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया.

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