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6 महीने में स्टेशन पर यात्री 1.25 करोड़ का सामान भूले, रेलवे ने वापस लौटाया - rpf found 1.25 crore lost item

दिल्ली आरपीएफ ने 6 महीने में ही यात्रियों का 1.25 करोड़ का सामान यात्रियों तक पहुंचाया है. आरपीएफ ने हेल्पलाइन और टवीटर की शिकायतों पर एक्शन लेते हुए यात्रियों को उनका रेलवे स्टेशनों या रेलगाड़ियों में भूला हुआ सामान वापस दिलाया.

रेलवे स्टेशन पर 1.25 करोड़ का सामान ETV BHARAT
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Published : Jul 24, 2019, 9:55 PM IST

नई दिल्ली: बीते 6 महीनों में दिल्ली के स्टेशनों पर 1.25 करोड़ से ज्यादा कीमत का सामान रेलयात्री भूल कर चले गए थे. इसमें हीरे-जवाहरात से लेकर मोबाइल, लैपटॉप और पर्स जैसी चीज़ें शामिल हैं.

रेलवे स्टेशन पर यात्री भूले करोड़ो का सामान

आरपीएफ ने इन सभी सामानों को ढूंढकर एक तय प्रक्रिया के तहत सामान यात्रियों तक पहुंचाया है. आंकड़े को रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के लिए एक नया आयाम माना जा रहा है.

'पिछले साल से दोगुना सामान ढूंढा'
दिल्ली आरपीएफ से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2018 में 1.17 करोड़ का खोया हुआ सामान ढूंढा गया था. औसतन देखें तो इस साल ये दोगुना हो गया है.

6 महीने में ही 1.25 करोड़ का सामान मिला है. इसे यात्रियों की लापरवाही ही कहेंगे कि वो अपनी कीमती चीजों तक को रेलवे स्टेशनों या रेलगाड़ियों में भूल जाते हैं.

ऐसे यात्रियों को सामान पहुंचाता है रेलवे
दिल्ली मंडल के सीनियर डिवीज़नल सिक्योरिटी कमांडेंट ए. एन. झा कहते हैं कि आरपीएफ इस मामले में बेहतरीन काम कर रही है. वो बताते हैं कि 182 हेल्पलाइन नंबर पर आने वाली 33 फीसदी शिकायतें जबकि टवीटर की 10 फीसदी शिकायतें सामान खोने से सम्बंधित होती हैं.

किसी भी शिकायत पर काम करने के लिए जरूरी इनपुट मिलने के बाद मामला वहां के निकटतम पोस्ट को ट्रांसफर कर दिया जाता है. अमूमन बताई गई जानकारी के आधार पर सामान ढूंढ लिया जाता है और एक तय प्रक्रिया के हिसाब से उस यात्री तक पहुंचा भी दिया जाता है.

झा बताते हैं कि औसतन 95 फीसदी मामलों में सामान ढूंढ लिया जाता है. जिन मामलों में ये नहीं मिल पाता उनमें इसकी सूचना यात्री को दे दी जाती है.

जून महीने में मिली 4 हजार शिकायतें
एक अलग जानकारी के मुताबिक 2019 में जून महीने में हेल्पलाइन और टवीटर के माध्यम से ऐसी करीब 4 हजार शिकायतें मिली हैं. शिकायतों से प्राप्त जानकारी के हिसाब से ही कार्यवाही आगे बढ़ाई गई और सफलता के कई नमूने देखने को मिले.

इसमें एक उदाहरण उस ट्रॉली बैग का भी है जिसे पिछले ही दिनों रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स ने लौटाया है. यह बैग हीरे और जवाहरात से भरा हुआ था और इसकी कुल कीमत 10 लाख थी.

नई दिल्ली: बीते 6 महीनों में दिल्ली के स्टेशनों पर 1.25 करोड़ से ज्यादा कीमत का सामान रेलयात्री भूल कर चले गए थे. इसमें हीरे-जवाहरात से लेकर मोबाइल, लैपटॉप और पर्स जैसी चीज़ें शामिल हैं.

रेलवे स्टेशन पर यात्री भूले करोड़ो का सामान

आरपीएफ ने इन सभी सामानों को ढूंढकर एक तय प्रक्रिया के तहत सामान यात्रियों तक पहुंचाया है. आंकड़े को रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के लिए एक नया आयाम माना जा रहा है.

'पिछले साल से दोगुना सामान ढूंढा'
दिल्ली आरपीएफ से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2018 में 1.17 करोड़ का खोया हुआ सामान ढूंढा गया था. औसतन देखें तो इस साल ये दोगुना हो गया है.

6 महीने में ही 1.25 करोड़ का सामान मिला है. इसे यात्रियों की लापरवाही ही कहेंगे कि वो अपनी कीमती चीजों तक को रेलवे स्टेशनों या रेलगाड़ियों में भूल जाते हैं.

ऐसे यात्रियों को सामान पहुंचाता है रेलवे
दिल्ली मंडल के सीनियर डिवीज़नल सिक्योरिटी कमांडेंट ए. एन. झा कहते हैं कि आरपीएफ इस मामले में बेहतरीन काम कर रही है. वो बताते हैं कि 182 हेल्पलाइन नंबर पर आने वाली 33 फीसदी शिकायतें जबकि टवीटर की 10 फीसदी शिकायतें सामान खोने से सम्बंधित होती हैं.

किसी भी शिकायत पर काम करने के लिए जरूरी इनपुट मिलने के बाद मामला वहां के निकटतम पोस्ट को ट्रांसफर कर दिया जाता है. अमूमन बताई गई जानकारी के आधार पर सामान ढूंढ लिया जाता है और एक तय प्रक्रिया के हिसाब से उस यात्री तक पहुंचा भी दिया जाता है.

झा बताते हैं कि औसतन 95 फीसदी मामलों में सामान ढूंढ लिया जाता है. जिन मामलों में ये नहीं मिल पाता उनमें इसकी सूचना यात्री को दे दी जाती है.

जून महीने में मिली 4 हजार शिकायतें
एक अलग जानकारी के मुताबिक 2019 में जून महीने में हेल्पलाइन और टवीटर के माध्यम से ऐसी करीब 4 हजार शिकायतें मिली हैं. शिकायतों से प्राप्त जानकारी के हिसाब से ही कार्यवाही आगे बढ़ाई गई और सफलता के कई नमूने देखने को मिले.

इसमें एक उदाहरण उस ट्रॉली बैग का भी है जिसे पिछले ही दिनों रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स ने लौटाया है. यह बैग हीरे और जवाहरात से भरा हुआ था और इसकी कुल कीमत 10 लाख थी.

Intro:नई दिल्ली: बीते 6 महीनों में दिल्ली के स्टेशनों पर 1.25 करोड़ से ज्यादा कीमत का सामान रेलयात्री भूल कर चले गए थे. इसमें हीरे-जवाहरात से लेकर मोबाइल, लैपटॉप और पर्स जैसी चीज़ें शामिल हैं. आरपीएफ ने इन सभी सामानों को ढूंढकर एक तय प्रक्रिया के तहत सामान यात्रियों तक पहुंचाया है. आंकड़े को रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के लिए एक नया आयाम माना जा रहा है.


Body:दिल्ली आरपीएस से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2018 में 1.17 करोड़ का खोया हुआ सामान ढूंढा था. औसतन देखें तो इस साल ये दोगुना ही हो गया है जबकि 6 महीने में ही 1.25 करोड़ का सामान मिला है. इसे यात्रियों की लापरवाही ही कहेंगे कि वो अपनी कीमती चीजों तक को रेलवे स्टेशनों या रेलगाड़ियों में भूल जाते हैं.

दिल्ली मंडल के सीनियर डिवीज़नल सिक्योरिटी कमांडेंट ए एन झा कहते हैं कि आरपीएफ इस मामले में बेहतरीन काम कर रही है. वो बताते हैं कि 182 हेल्पलाइन नंबर पर आने वाली 33 फीसदी शिकायतें जबकि ट्विटर की 10 फीसदी शिकायतें सामान खोने से सम्बंधित होती हैं. किसी भी शिकायत पर काम करने के लिए जरूरी इनपुट मिलने के बाद मामला वहां के निकटतम पोस्ट को ट्रांसफर कर दिया जाता है. अमूमन बताई गई जानकारी के आधार पर सामान ढूंढ लिया जाता है और एक तय प्रक्रिया के हिसाब से उस यात्री तक पहुंचा भी दिया जाता है.



Conclusion:झा बताते हैं कि औसतन 95 फीसदी मामलों में सामान ढूंढ लिया जाता है. जिन मामलों में ये नहीं मिल पाता उनमें इसकी सूचना यात्री को दे दी जाती है. एक अलग जानकारी के मुताबिक 2019 में जून महीने में हेल्पलाइन और ट्विटर के माध्यम से ऐसी करीब 4 हजार शिकायतें मिली हैं. शिकायतों से प्राप्त जानकारी के हिसाब से ही कार्यवाही आगे बढ़ाई गई और सफलता के कई नमूने देखने को मिले. इसमें एक उदाहरण उस ट्रॉली बैग का भी है जिसे पिछले ही दिनों रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स ने लौटाया है. यह बैग हीरे और जवाहरात से भरा हुआ था और इसकी कुल कीमत 10 लाख थी.
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