नई दिल्ली: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी घोटाला मामले के आरोपी विनय बाबू की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि विनय बाबू के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, ऐसे में अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती है. सुनवाई के दौरान ईडी ने विनय बाबू की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध किया था. हालांकि, स्पेशल जज एमके नागपाल ने विनय बाबू को दिल्ली-एनसीआर के किसी भी निजी अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दे दी है.
6 जनवरी को ईडी ने आबकारी घोटाला मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में 12 को आरोपी बनाया गया है, जिसमें 5 व्यक्तियों और 7 कंपनियों के नाम हैं. चार्जशीट में ईडी ने जिन लोगों को आरोपित किया है, उनमें विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, शरद चंद्र रेड्डी, विनय बाबू और अमित अरोड़ा शामिल हैं. इसके पहले कोर्ट ने 20 दिसंबर, 2022 को ईडी की ओर से दाखिल पहली चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. ईडी ने 26 नवंबर, 2022 को पहली चार्जशीट दाखिल की थी. ईडी ने विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली को 13 नवंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था.
वहीं, कोर्ट ने 14 नवंबर 2022 को सीबीआई के मामले में विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली को जमानत दी थी. सीबीआई ने इस मामले में 27 सितंबर, 2022 को विजय नायर को गिरफ्तार किया था. विजय नायर मुंबई स्थित वनली मच लाउडर नामक कंपनी का पूर्व सीईओ हैं. जबकि, नायर आम आदमी पार्टी का कम्यूनिकेशन इंचार्ज था. अभिषेक बोइनपल्ली को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था.
- ये भी पढ़ें: सांसद संजय सिंह ने ED पर मीडिया में चार्जशीट लीक करने का आरोप लगाया, न्यायिक हिरासत 11 दिसंबर तक बढ़ी
सीबीआई के मुताबिक, अभिषेक ने नवंबर, 2021 से लेकर जुलाई 2022 तक दिल्ली में आबकारी नीति के लागू होने के पहले हवाला के जरिये सह-आरोपी विजय नायर और दिनेश अरोड़ा को पैसे ट्रांसफर किए थे. यह पैसे सह आरोपित समीर महेंद्रू के खाते में आए और फिर अभिषेक के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए थे. 4 मई को ईडी ने इस मामले में चौथी चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी बनाया गया था.