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मारपीट के मामले में BJP सांसद रमेश बिधूड़ी को कोर्ट ने किया बरी

गवाही के दौरान कोर्ट ने शिकायतकर्ता और दूसरे गवाहों के बयानों में विरोधाभास पाया. इसके अलावा मारपीट के बाद अस्पताल से एमएलसी भी नहीं कराई गई थी. जिससे आरोप निर्दोष साबित हो गए.

रमेश बिधूड़ी को कोर्ट ने किया बरी
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Published : Jun 7, 2019, 4:52 AM IST

Updated : Jun 7, 2019, 1:09 PM IST

नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने 2004 के मारपीट के एक मामले में दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी को बरी कर दिया है. अदालत ने रमेश बिधूड़ी के अलावा चार अन्य आरोपियों को भी संदेह के लाभ में बरी करने का आदेश दिया.

2004 का है मामला
मामला 26 फरवरी 2004 का है. शिकायतकर्ता रामशंकर ने शिकायत दर्ज कराई थी कि तत्कालीन सांसद साहेब सिंह वर्मा के सांसद निधि से रतिया मार्ग, संगम विहार का सीमेंटीकरण करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. याचिकाकर्ता के मुताबिक वह सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते उस कार्यक्रम में मौजूद था. वहीं मौजूद रमेश बिधूड़ी ने रिवॉल्वर निकालकर याचिकाकर्ता की कनपटी पर तान दी और उसे थप्पड़ मारा.

शिकायतकर्ता ने कहा कि रमेश बिधूड़ी ने मुझे मौके से भागने को कहा. उसके बाद मेरे चिल्लाने से कुछ लोग जुट गए और रमेश बिधूड़ी को ऐसा नहीं करने को कहा. उसके बाद रमेश बिधूड़ी ने अपनी पिस्तौल उसकी कनपटी से हटाई.

'बीच-बचाव से बची जान'
रामशंकर के मुताबिक उसने 100 नंबर पर पुलिस को कॉल किया. आरोप है कि पुलिस के आने पर भी रमेश बिधूड़ी उसके साथ दुर्व्यवहार करते रहे.10 मिनट के बाद पीसीआर बिना कोई कार्रवाई किए वहां से चली गई. उसके बाद रमेश बिधूड़ी भी चले गए.


आरोप है कि 20 मिनट के बाद रमेश बिधूड़ी बाकी आरोपियों के साथ आए और आते ही रामशंकर के नाक पर दे मारा. इससे वह गिर गया और उसके नाक से खून बहने लगा. बाकी आरोपी भी रामशंकर को लात-घूसो से मारने लगे.


शिकायतकर्ता के मुताबिक रमेश बिधूड़ी ने पिस्तौल लहराते हुए बाकी आरोपियों से उसे मार डालने का आदेश दिया, लेकिन इसी बीच चार लोगों ने बीच-बचाव किया जिससे उसकी जान बच गई.

दस गवाहों की गवाही हुई
रमेश बिधूड़ी ने अपने बयान में कहा कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे. वह कार्यक्रम स्थल पर सांसद स्वर्गीय साहेब सिंह वर्मा के साथ सुबह साढ़े नौ बजे पहुंचे थे. इस मामले की सुनवाई के दौरान दस गवाहों की गवाही हुई.


गवाही के दौरान कोर्ट ने रामशंकर और दूसरे गवाहों के बयानों में विरोधाभास पाया. इसके अलावा मारपीट के बाद अस्पताल से एमएलसी भी नहीं कराई गई थी. जिससे आरोप निर्दोष साबित हो गए. इस मामले में रमेश बिधूड़ी के अलावा आजाद सिंह, महेश पंडित, सुरेश और प्रकाश शामिल है. सभी को कोर्ट ने बरी कर दिया.

नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने 2004 के मारपीट के एक मामले में दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी को बरी कर दिया है. अदालत ने रमेश बिधूड़ी के अलावा चार अन्य आरोपियों को भी संदेह के लाभ में बरी करने का आदेश दिया.

2004 का है मामला
मामला 26 फरवरी 2004 का है. शिकायतकर्ता रामशंकर ने शिकायत दर्ज कराई थी कि तत्कालीन सांसद साहेब सिंह वर्मा के सांसद निधि से रतिया मार्ग, संगम विहार का सीमेंटीकरण करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. याचिकाकर्ता के मुताबिक वह सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते उस कार्यक्रम में मौजूद था. वहीं मौजूद रमेश बिधूड़ी ने रिवॉल्वर निकालकर याचिकाकर्ता की कनपटी पर तान दी और उसे थप्पड़ मारा.

शिकायतकर्ता ने कहा कि रमेश बिधूड़ी ने मुझे मौके से भागने को कहा. उसके बाद मेरे चिल्लाने से कुछ लोग जुट गए और रमेश बिधूड़ी को ऐसा नहीं करने को कहा. उसके बाद रमेश बिधूड़ी ने अपनी पिस्तौल उसकी कनपटी से हटाई.

'बीच-बचाव से बची जान'
रामशंकर के मुताबिक उसने 100 नंबर पर पुलिस को कॉल किया. आरोप है कि पुलिस के आने पर भी रमेश बिधूड़ी उसके साथ दुर्व्यवहार करते रहे.10 मिनट के बाद पीसीआर बिना कोई कार्रवाई किए वहां से चली गई. उसके बाद रमेश बिधूड़ी भी चले गए.


आरोप है कि 20 मिनट के बाद रमेश बिधूड़ी बाकी आरोपियों के साथ आए और आते ही रामशंकर के नाक पर दे मारा. इससे वह गिर गया और उसके नाक से खून बहने लगा. बाकी आरोपी भी रामशंकर को लात-घूसो से मारने लगे.


शिकायतकर्ता के मुताबिक रमेश बिधूड़ी ने पिस्तौल लहराते हुए बाकी आरोपियों से उसे मार डालने का आदेश दिया, लेकिन इसी बीच चार लोगों ने बीच-बचाव किया जिससे उसकी जान बच गई.

दस गवाहों की गवाही हुई
रमेश बिधूड़ी ने अपने बयान में कहा कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे. वह कार्यक्रम स्थल पर सांसद स्वर्गीय साहेब सिंह वर्मा के साथ सुबह साढ़े नौ बजे पहुंचे थे. इस मामले की सुनवाई के दौरान दस गवाहों की गवाही हुई.


गवाही के दौरान कोर्ट ने रामशंकर और दूसरे गवाहों के बयानों में विरोधाभास पाया. इसके अलावा मारपीट के बाद अस्पताल से एमएलसी भी नहीं कराई गई थी. जिससे आरोप निर्दोष साबित हो गए. इस मामले में रमेश बिधूड़ी के अलावा आजाद सिंह, महेश पंडित, सुरेश और प्रकाश शामिल है. सभी को कोर्ट ने बरी कर दिया.

Intro:

नई दिल्ली । दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 2004 के मारपीट के एक मामले में दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी को बरी कर दिया है। एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल की कोर्ट ने रमेश बिधूड़ी के अलावा चार अन्य आरोपियों को भी संदेह के लाभ में बरी करने का आदेश दिया।


Body:मामला 26 फरवरी 2004 का है। शिकायतकर्ता रामशंकर ने शिकायत दर्ज कराई की तत्कालीन सांसद साहेब सिंह वर्मा के सांसद निधि से रतिया मार्ग, संगम विहार का सीमेंटीकरण करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। याचिकाकर्ता के मुताबिक वह सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते उस कार्यक्रम में मौजूद था। वहीं मौजूद रमेश बिधूड़ी ने रिवाल्वर निकालकर याचिकाकर्ता की कनपटी पर तान दी और उसे थप्पड़ मारा। रमेश बिधूड़ी ने रामशंकर को मौके से भागने को कहा। उसके बाद याचिकाकर्ता चिल्लाया जिससे कुछ लोग जुट गए और रमेश बिधूड़ी को ऐसा नहीं करने को कहा। उसके बाद रमेश बिधूड़ी ने अपना पिस्तौल उसकी कनपटी से हटाया। इसके बाद रामशंकर ने 100 नंबर पर पुलिस को कॉल किया। पुलिस के आने पर भी रमेश बिधूड़ी उसके साथ दुर्व्यवहार करता रहा। 10 मिनट के बाद पीसीआर बिना कोई कार्रवाई किए वहां से चली गई। उसके बाद रमेश बिधूड़ी भी चले गए।
20 मिनट के बाद रमेश बिधूड़ी बाकी आरोपियों के साथ आए और आते ही रामशंकर के नाक पर  दे मारा। इससे वह गिर गया और उसके नाक से खून बहने लगा। बाकी आरोपी भी रामशंकर को लात-घूंसो से मारने लगे। रमेश बिधूड़ी ने पिस्तौल लहराते हुए बाकी आरोपियों से याचिकाकर्ता को मार डालने का आदेश दिया। लेकिन इस बीच चार लोगों ने बीचबचाव किया जिससे उसकी जान बच गई।



Conclusion:रमेश बिधूड़ी ने अपने बयान में कहा कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था। वह कार्यक्रम स्थल पर सांसद स्वर्गीय साहेब सिंह वर्मा के साथ सुबह साढ़े नौ बजे पहुंचा था। इस मामले की सुनवाई के दौरान दस गवाहों की गवाही हुई। गवाही के दौरान कोर्ट ने रामशंकर और दूसरे गवाहों के बयानों में विरोधाभास पाया। इसके अलावा मारपीट के बाद अस्पताल से एमएलसी भी नहीं कराई गई थी। जिससे आरोप निर्दोष साबित होते हैं। इस मामले में रमेश बिधूड़ी के अलावा आजाद सिंह, महेश पंडित, सुरेश और प्रकाश हैं जिनमें सभी को कोर्ट ने बरी कर दिया।
Last Updated : Jun 7, 2019, 1:09 PM IST
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