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दिल्ली के पर्यावरण मंत्री की अर्बन फार्मिंग पर रॉउंड टेबल सम्मलेन - अर्बन फार्मिंग पर रॉउंड टेबल सम्मलेन

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को अर्बन फार्मिंग पर रॉउंड टेबल सम्मलेन किया. दिल्ली का ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए गोपाल राय ने अर्बन फार्मिंग पर चर्चा की. अर्बन फार्मिंग से सम्बंधित ह्यड्रोपोनिक्स, ग्रीनहाउस फार्मिंग, किचन गार्डन, फार्मलेटस, एरोपोनिक्स, रेवोपोनिक्स, एकुवाकल्चर जैसे क्षेत्रों पर चर्चा की गई.

delhi urban farming sammelan
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Published : May 20, 2022, 8:14 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सचिवालय में गुरुवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में अर्बन फार्मिंग विषय पर भिन्न प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ रॉउंड टेबल सम्मलेन आयोजित किया गया. इस सम्मलेन के दौरान अर्बन फार्मिंग के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली विभिन्न कृषि प्रौद्योगिकियों पर चर्चा की गई. साथ ही अर्बन फार्मिंग के ज़रिए दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाने के साथ-साथ, रोज़गार भी बढ़ेगा, जिसकी नोडल एजेंसी डायरेक्टोरेट ऑफ हॉर्टिकल्चर को बनाया गया है.

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि ठंड के मौसम में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. दिल्ली में खेती योग्य भूमि लगातार कम होती जा रही है और कंक्रीट के बिल्डिंग्स की संख्या बढ़ती जा रही है. इसलिए दिल्ली में आने वाले समय में जमीन की कमी की संभावना बढ़ रही है और इसी के मद्देनजर दिल्ली सरकार अर्बन फार्मिंग का प्लान शुरू की है. इस प्लान का मकसद लोगों को अपने घरों की छतों, बालकनी और बरामदों में अपने उपयोग की सब्जियां व फल इत्यादि का उत्पादन करने के प्रति प्रोत्साहित करना है. इससे न सिर्फ लोगों को अपने द्वारा उगाई गई शुद्ध फल और सब्जियां प्राप्त होंगी, बल्कि दिल्ली के ग्रीन क्षेत्र में भी वृद्धि होगी.

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रॉउंड टेबल सम्मलेन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि "दिल्ली में शुरू किए गए समर एक्शन प्लान के 14 बिंदुओं में सम्मिलित अर्बन फार्मिंग विषय को लेकर दिल्ली सचिवालय में विभिन्न कंपनियों/प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ नए-नए अर्बन फार्मिंग से सम्बंधित मॉडल्स को लेकर चर्चा की गई."

इस रॉउंड टेबल सम्मलेन में देश के कोने-कोने से विभिन्न कंपनियों/ प्रौद्योगिकी प्रदाताओं ने भागीदारी की. इनमें फ़्लोरा कंसलटेंट, हारवेल एग्रो, भूमिका ऑर्गनिक्स, इज़ीग्रो, एमआर फार्म्स, एडिबले रुट्स, आर एस पॉलीमर, सो गुड जैसे नाम शामिल रहे. यह सभी कंपनी/प्रौद्योगिकी प्रदाता शहरी कृषि से सम्बंधित विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं. जिसमें मुख्यत: ह्यड्रोपोनिक्स, ग्रीनहाउस फार्मिंग, किचन गार्डन, फार्मलेटस, एरोपोनिक्स, रेवोपोनिक्स, एकुवाकल्चर जैसे क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं.

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इस सम्मेलन के दौरान विभिन्न प्रौद्योगिकी प्रदाताओं ने दिल्ली की जलवायु और यहां की स्थितियों के लिए उपयुक्त विभिन्न अर्बन फार्मिंग से संबंधित मॉडल प्रस्तुत किए. साथ ही इन सभी कंपनियों/प्रौद्योगिकी प्रदाताओं को अपने मॉडल्स की विस्तृत जानकारी विभाग को जमा करने के आदेश भी दिए गए हैं, जिसके आधार पर दिल्ली में अर्बन फार्मिंग को लेकर आगे की कार्य योजना तैयार की जाएगी.

पर्यावरण मंत्री की सलाहकार रीना गुप्ता ने कहा, "दिल्ली जैसे वैश्विक महानगर के अंदर अर्बन फार्मिंग एक उद्योग के रूप में हजारों हरित रोजगार पैदा करने की क्षमता रखता है. इस उद्योग ने पिछले कुछ वर्षों में कई नई तकनीकों को आगे आते हुए देखा है और दिल्ली में अर्बन फार्मिंग जैसे अभियान को शुरू करने से पहले इन नई तकनीकों और मॉडलों को समझना महत्वपूर्ण है. बैठक ने हमें इस उद्योग के प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ बातचीत करने और उनके मॉडल के बारे में जानने का अवसर दिया. हम जल्द ही दिल्ली के लिए उपयुक्त सबसे अच्छा संभव मॉडल लॉन्च करेंगे."

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाने के साथ-साथ, रोज़गार भी बढ़ेगा. इसकी नोडल एजेंसी डायरेक्टोरेट ऑफ हॉर्टिकल्चर को बनाया गया है, जो कृषि सम्बंधित सभी जानकारियों को लोकल पब्लिक के साथ भिन्न कम्पैन्स के ज़रिये साझा करेंगे. अर्बन फार्मिंग के तहत, यदि पर्याप्त धूप उपलब्ध हो तो लोग अपने घर की छतों पर फल, सब्जियां और पौधे उगा सकते हैं. अर्बन फार्मिंग से लोगों को उन खाद्य उत्पादों में कीटनाशकों और हानिकारक रसायनों से बचने में मदद मिलेगी, जिनका वे दिन-प्रतिदिन उपभोग करते हैं. साथ ही इससे शहर में ग्रीन कवर को भी बढ़ावा मिलेगा. दिल्ली सरकार का हार्टिकल्चर विभाग इस पहल का नोडल विभाग के रूप में काम करेगा.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्लीवासी अपने दैनिक जीवन में रासायनिक उत्पादों के अधिक खपत को कम करके और अर्बन फार्मिंग के माध्यम से स्वास्थ्य सुधार करने में सक्षम होंगे.

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नई दिल्ली: दिल्ली सचिवालय में गुरुवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में अर्बन फार्मिंग विषय पर भिन्न प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ रॉउंड टेबल सम्मलेन आयोजित किया गया. इस सम्मलेन के दौरान अर्बन फार्मिंग के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली विभिन्न कृषि प्रौद्योगिकियों पर चर्चा की गई. साथ ही अर्बन फार्मिंग के ज़रिए दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाने के साथ-साथ, रोज़गार भी बढ़ेगा, जिसकी नोडल एजेंसी डायरेक्टोरेट ऑफ हॉर्टिकल्चर को बनाया गया है.

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि ठंड के मौसम में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. दिल्ली में खेती योग्य भूमि लगातार कम होती जा रही है और कंक्रीट के बिल्डिंग्स की संख्या बढ़ती जा रही है. इसलिए दिल्ली में आने वाले समय में जमीन की कमी की संभावना बढ़ रही है और इसी के मद्देनजर दिल्ली सरकार अर्बन फार्मिंग का प्लान शुरू की है. इस प्लान का मकसद लोगों को अपने घरों की छतों, बालकनी और बरामदों में अपने उपयोग की सब्जियां व फल इत्यादि का उत्पादन करने के प्रति प्रोत्साहित करना है. इससे न सिर्फ लोगों को अपने द्वारा उगाई गई शुद्ध फल और सब्जियां प्राप्त होंगी, बल्कि दिल्ली के ग्रीन क्षेत्र में भी वृद्धि होगी.

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रॉउंड टेबल सम्मलेन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि "दिल्ली में शुरू किए गए समर एक्शन प्लान के 14 बिंदुओं में सम्मिलित अर्बन फार्मिंग विषय को लेकर दिल्ली सचिवालय में विभिन्न कंपनियों/प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ नए-नए अर्बन फार्मिंग से सम्बंधित मॉडल्स को लेकर चर्चा की गई."

इस रॉउंड टेबल सम्मलेन में देश के कोने-कोने से विभिन्न कंपनियों/ प्रौद्योगिकी प्रदाताओं ने भागीदारी की. इनमें फ़्लोरा कंसलटेंट, हारवेल एग्रो, भूमिका ऑर्गनिक्स, इज़ीग्रो, एमआर फार्म्स, एडिबले रुट्स, आर एस पॉलीमर, सो गुड जैसे नाम शामिल रहे. यह सभी कंपनी/प्रौद्योगिकी प्रदाता शहरी कृषि से सम्बंधित विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं. जिसमें मुख्यत: ह्यड्रोपोनिक्स, ग्रीनहाउस फार्मिंग, किचन गार्डन, फार्मलेटस, एरोपोनिक्स, रेवोपोनिक्स, एकुवाकल्चर जैसे क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं.

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इस सम्मेलन के दौरान विभिन्न प्रौद्योगिकी प्रदाताओं ने दिल्ली की जलवायु और यहां की स्थितियों के लिए उपयुक्त विभिन्न अर्बन फार्मिंग से संबंधित मॉडल प्रस्तुत किए. साथ ही इन सभी कंपनियों/प्रौद्योगिकी प्रदाताओं को अपने मॉडल्स की विस्तृत जानकारी विभाग को जमा करने के आदेश भी दिए गए हैं, जिसके आधार पर दिल्ली में अर्बन फार्मिंग को लेकर आगे की कार्य योजना तैयार की जाएगी.

पर्यावरण मंत्री की सलाहकार रीना गुप्ता ने कहा, "दिल्ली जैसे वैश्विक महानगर के अंदर अर्बन फार्मिंग एक उद्योग के रूप में हजारों हरित रोजगार पैदा करने की क्षमता रखता है. इस उद्योग ने पिछले कुछ वर्षों में कई नई तकनीकों को आगे आते हुए देखा है और दिल्ली में अर्बन फार्मिंग जैसे अभियान को शुरू करने से पहले इन नई तकनीकों और मॉडलों को समझना महत्वपूर्ण है. बैठक ने हमें इस उद्योग के प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ बातचीत करने और उनके मॉडल के बारे में जानने का अवसर दिया. हम जल्द ही दिल्ली के लिए उपयुक्त सबसे अच्छा संभव मॉडल लॉन्च करेंगे."

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाने के साथ-साथ, रोज़गार भी बढ़ेगा. इसकी नोडल एजेंसी डायरेक्टोरेट ऑफ हॉर्टिकल्चर को बनाया गया है, जो कृषि सम्बंधित सभी जानकारियों को लोकल पब्लिक के साथ भिन्न कम्पैन्स के ज़रिये साझा करेंगे. अर्बन फार्मिंग के तहत, यदि पर्याप्त धूप उपलब्ध हो तो लोग अपने घर की छतों पर फल, सब्जियां और पौधे उगा सकते हैं. अर्बन फार्मिंग से लोगों को उन खाद्य उत्पादों में कीटनाशकों और हानिकारक रसायनों से बचने में मदद मिलेगी, जिनका वे दिन-प्रतिदिन उपभोग करते हैं. साथ ही इससे शहर में ग्रीन कवर को भी बढ़ावा मिलेगा. दिल्ली सरकार का हार्टिकल्चर विभाग इस पहल का नोडल विभाग के रूप में काम करेगा.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्लीवासी अपने दैनिक जीवन में रासायनिक उत्पादों के अधिक खपत को कम करके और अर्बन फार्मिंग के माध्यम से स्वास्थ्य सुधार करने में सक्षम होंगे.

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