नई दिल्ली: आनंद विहार डिपो के सामने की रोड अवैध बस अड्डे में तब्दील हो गई है. इससे यातायात काफी प्रभावित हुआ है. इस रोड से रोजाना सैकड़ों बसें विभिन्न राज्यों के लिए चलती है. इतना ही नहीं निजी बसों के एजेंट बस अड्डे पर काफी सक्रिय रहते हैं, जो यात्रियों को झांसी में लेकर निजी बसों में बैठा देते हैं. इससे सरकार को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है.
आनंद विहार में रेलवे स्टेशन और बस अड्डा है. वही कौशांबी में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का भी डिपो है. ऐसे में यहां पर बड़ी संख्या में यात्री पहुंचते हैं. आनंद विहार डिपो के सामने की सड़क से रोजाना सैकड़ों बसें संचालित की जाती हैं. ये बसें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश समेत देश के विभिन्न राज्यों के लिए जाती है. कुछ बसें आनंद विहार बस अड्डे और कौशांबी डिपो के बीच रोड से चलती है तो कुछ ईडीएम माल के पास से चलती है. सड़क से निजी बसों का संचालन होने के कारण यातायात प्रभावित होता है. सुबह शाम वाहनों का दबाव होने पर जाम की भी स्थिति रहती है. इससे राहगीरों को भी परेशानी होती है.
" हम सिर्फ बस अड्डे के अंदर ही कार्रवाई कर सकते हैं. निजी बसों के संचालन से राजस्व के नुकसान के साथ अन्य समस्याएं भी हैं. इस संबंध में पुलिस और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के एनफोर्समेंट टीम को भी पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की जा चुकी है."
एसके राय, सहायक महाप्रबंधक, दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन
यात्रियों को झांसे में ले रहे एजेंट: सड़क से चलने वाली निजी बसों के एजेंट आनंद विहार बस डिपो और आनंद विहार रेलवे स्टेशन के बाहर घूमते रहते हैं. वह यात्रियों से पूछते हैं कहां जाना है. गंतव्य स्थल बताते ही एजेंट ऐसी बस में आरामदायक सीट दिलाने का झांसा देते हैं. इसके बाद यात्रियों को सड़क से चल रहे बस अड्डे पर लेकर चले जाते हैं. इस तरह इस अवैध बस अड्डे से सरकारी राजस्व को भी बड़ा नुकसान हो रहा है.
अनाउंसमेंट कर यात्रियों को किया जाए जागरूक: बस अड्डे पर अनाउंसमेंट के जरिए यात्रियों को जागरूक किया जाना चाहिए की निजी बसों के एजेंट से सावधान रहें. बस अड्डे पर घूम रहे निजी बसों के एजेंट को पड़कर पुलिस के हवाले किया जाना चाहिए, जिससे सरकारी राजस्व को नुकसान ना हो.
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