नई दिल्ली: राजधानी में 23 अगस्त से ही आरएफआईडी (रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिटी) टैग को अनिवार्य कर दिया गया है. यानी, अब कमर्शियल वाहन बिना आरएफआईडी टैग के दिल्ली में एंट्री नहीं ले सकेंगे, लेकिन टैग की अनिवार्यता लागू होने के बावजूद अब भी कई कमर्शियल वाहन मालिकों को आरएफआईडी टैग नहीं मिल सका है और ये अभी भी इसके लिए लंबी-लंबी कतारों में हैं.
दिल्ली में इसके लिए कुल 13 प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां से दिल्ली में कमर्शियल वाहनों की एंट्री होती है और इन्हीं जगहों पर कमर्शियल वाहन मालिकों को यह टैग दिए जा रहे हैं. इस टैग की कीमत तो महज 236 रुपये हैं, लेकिन इसे लेने की परेशानियां इससे कहीं ज्यादा हैं.
ईटीवी भारत ने की लोगों से बातचीत
नोएडा से दिल्ली के एंट्री-प्वाइंट पर ईटीवी भारत ने आरएफआईडी टैग लेने के लिए परेशान वाहन मालिकों से बातचीत की, जो लंबी कतारों में अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. इनमें से कई ने बताया कि वे सुबह से ही लाइन में लगे थे, लेकिन दोपहर तक उनकी बारी नहीं आ सकी थी. इनमें से कई की ये भी शिकायतें थीं कि जिस काउंटर से टैग दिया जा रहा है, वहां महज दो कंप्यूटर ही रखे हुए हैं, लेकिन उनकी तुलना में लोगों की भारी तादाद है.
टैग के बिना एंट्री पर जुर्माना भी लग रहा है
गौरतलब है कि बिना टैग की एंट्री न सिर्फ प्रतिबंधित है, बल्कि इस पर भारी जुर्माना भी लगना है और इधर कई वाहन मालिक इससे भी परेशान हैं कि इसके बिना उनकी गाड़ी बाहर नहीं निकल पा रही और इससे उन्हें हर दिन नुकसान झेलना पड़ रहा है. देखने वाली बात होगी कि सभी वाहन मालिकों को कब तक आरएफआईडी टैग मिल पाता है और कब तक वे सुचारू रूप से अपने काम पर वापस लौट पाते हैं.