नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के सभी बॉर्डर्स पर कृषि कानून के खिलाफ किसान लगातार 33 वे दिन भी अपनी मांगों को लेकर जस के तस बैठे हुए हैं. हर बढ़ते दिन के साथ कृषि कानून के खिलाफ किसानों द्वारा किया जा रहा आंदोलन विकराल रूप लेता जा रहा है. इसी बीच बड़ी संख्या में ना सिर्फ लोग इस आंदोलन से जुड़ रहे हैं बल्कि अब भारतीय सेना के रिटायर्ड और वेटरन सैनिकों ने भी टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन में डटे किसानों को अपना समर्थन दिया.
वेटरन सैनिकों ने दिया समर्थन
टिकरी बॉर्डर पर आज भारतीय सेना के जिन रिटायर्ड और वेटरन सैनिकों ने कृषि कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन में किसानों को समर्थन दिया. उन सभी 500 सैनिकों ने देश की तरफ से 1971 और कुछ ने 1999 कारगिल जंग में भाग लिया था. भारतीय सेना के रिटायर और वेटरन सैनिकों ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि वह सभी लोग किसानों के परिवार से आते हैं. आज किसान अपनी जिन मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, वह बिल्कुल सही है और किसानों की मांगे हर हाल में मानी जानी चाहिए.
किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रिटायर्ड सैनिक
भारतीय सेना के रिटायर्ड सैनिकों ने आगे बातचीत के दौरान कहा कि वह इस आंदोलन में किसानों का समर्थन देने आए हैं और जब तक यह लड़ाई चलेगी वह किसानों के साथ इसी तरह आंदोलन मे कंधे से कंधा मिलाकर डटे रहेंगे. चाहे उन्हें कितनी ही परेशानियों का सामना करना पड़े. आज किसान अपने हक के लिए लड़ रहा है और इस लड़ाई में सैनिक उनके साथ हैं.
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