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रिटायर और वेटेरन सैनिकों ने दिया किसानों को समर्थन

दिल्ली के सभी बार्डर पर 33 दिन से कृषि कानून के विरोध में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. किसानों को अब भारतीय सेना के रिटायर्ड सैनिकों का समर्थन मिल रहा है. भारतीय सेना के रिटायर्ड सैनिको ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द किसानों की समस्याओं का हल निकाले.

retired soldiers of indian army gave his supports to farmers agitation against agriculture bill
किसानों को मिला जवानों का समर्थन
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Published : Dec 28, 2020, 9:23 AM IST

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के सभी बॉर्डर्स पर कृषि कानून के खिलाफ किसान लगातार 33 वे दिन भी अपनी मांगों को लेकर जस के तस बैठे हुए हैं. हर बढ़ते दिन के साथ कृषि कानून के खिलाफ किसानों द्वारा किया जा रहा आंदोलन विकराल रूप लेता जा रहा है. इसी बीच बड़ी संख्या में ना सिर्फ लोग इस आंदोलन से जुड़ रहे हैं बल्कि अब भारतीय सेना के रिटायर्ड और वेटरन सैनिकों ने भी टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन में डटे किसानों को अपना समर्थन दिया.

किसानों को मिला जवानों का समर्थन

वेटरन सैनिकों ने दिया समर्थन

टिकरी बॉर्डर पर आज भारतीय सेना के जिन रिटायर्ड और वेटरन सैनिकों ने कृषि कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन में किसानों को समर्थन दिया. उन सभी 500 सैनिकों ने देश की तरफ से 1971 और कुछ ने 1999 कारगिल जंग में भाग लिया था. भारतीय सेना के रिटायर और वेटरन सैनिकों ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि वह सभी लोग किसानों के परिवार से आते हैं. आज किसान अपनी जिन मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, वह बिल्कुल सही है और किसानों की मांगे हर हाल में मानी जानी चाहिए.

किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रिटायर्ड सैनिक

भारतीय सेना के रिटायर्ड सैनिकों ने आगे बातचीत के दौरान कहा कि वह इस आंदोलन में किसानों का समर्थन देने आए हैं और जब तक यह लड़ाई चलेगी वह किसानों के साथ इसी तरह आंदोलन मे कंधे से कंधा मिलाकर डटे रहेंगे. चाहे उन्हें कितनी ही परेशानियों का सामना करना पड़े. आज किसान अपने हक के लिए लड़ रहा है और इस लड़ाई में सैनिक उनके साथ हैं.

ये भी पढ़े:-विजय दिवस पर किसानों को मिला जवानों का साथ, कहा विजय दिलाकर ही जाएंगे

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के सभी बॉर्डर्स पर कृषि कानून के खिलाफ किसान लगातार 33 वे दिन भी अपनी मांगों को लेकर जस के तस बैठे हुए हैं. हर बढ़ते दिन के साथ कृषि कानून के खिलाफ किसानों द्वारा किया जा रहा आंदोलन विकराल रूप लेता जा रहा है. इसी बीच बड़ी संख्या में ना सिर्फ लोग इस आंदोलन से जुड़ रहे हैं बल्कि अब भारतीय सेना के रिटायर्ड और वेटरन सैनिकों ने भी टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन में डटे किसानों को अपना समर्थन दिया.

किसानों को मिला जवानों का समर्थन

वेटरन सैनिकों ने दिया समर्थन

टिकरी बॉर्डर पर आज भारतीय सेना के जिन रिटायर्ड और वेटरन सैनिकों ने कृषि कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन में किसानों को समर्थन दिया. उन सभी 500 सैनिकों ने देश की तरफ से 1971 और कुछ ने 1999 कारगिल जंग में भाग लिया था. भारतीय सेना के रिटायर और वेटरन सैनिकों ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि वह सभी लोग किसानों के परिवार से आते हैं. आज किसान अपनी जिन मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, वह बिल्कुल सही है और किसानों की मांगे हर हाल में मानी जानी चाहिए.

किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रिटायर्ड सैनिक

भारतीय सेना के रिटायर्ड सैनिकों ने आगे बातचीत के दौरान कहा कि वह इस आंदोलन में किसानों का समर्थन देने आए हैं और जब तक यह लड़ाई चलेगी वह किसानों के साथ इसी तरह आंदोलन मे कंधे से कंधा मिलाकर डटे रहेंगे. चाहे उन्हें कितनी ही परेशानियों का सामना करना पड़े. आज किसान अपने हक के लिए लड़ रहा है और इस लड़ाई में सैनिक उनके साथ हैं.

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