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गंगा से मिलेगा कोरोना का तोड़? सेना के रिटायर अफसरों ने पीएम को लिखा पत्र - कोरोनावायरस उपचार

भारतीय सेना के रिटायर अफसरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस एंटी डोज के लिए गंगा के रिसर्च की बात कही है.

Retired officers wrote letter to PM Modi for research on Ganga fight to corona
पीएम को लिखा पत्र
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Published : Apr 5, 2020, 6:32 PM IST

नई दिल्लीः इस समय पूरी दुनिया कोराना जैसी महामारी से लड़ रही है और आज यह बीमारी पूरी दुनिया में फैल चुकी है. हजारों लोग इससे संक्रमित होकर अपनी जान गवा चुके हैं, लेकिन अभी तक इसका इलाज या कोई दवा हमें नहीं मिल पाई है.

सेना के रिटायर अफसरों ने पीएम को लिखा पत्र

इसी बीच भारतीय सेना के रिटायर अफसरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस एंटी डोज के लिए गंगा के रिसर्च की बात कही है.

सितंबर के महीने से इतिहास में पहली बार गंगा की 5000 KM की मुंडमन परिक्रमा शुरू करने वाले पूर्व सैन्य अफसरों ने सरकार से गंगा के जल को लेकर शोध करने की बात कही है और यह बताया है कि गंगा के जल से कोरोना जैसी महामारी का इलाज संभव हो सकता है.

इन संस्थानों में हो रखे है शोध

रिटायर्ड कर्नल और अतुल्य गंगा के संस्थापक मनोज किश्वर ने प्रधानमंत्री और जल शक्ति मंत्रालय को लिखे पत्र में बताया है कि गंगा की क्युरिटिव प्रॉपर्टी पर पहले भी शोध कार्य हुए हैं और ये शोधकार्य आईआईटी रूड़की, आईआईटी कानपुर, भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान यानी आईआईटीआर लखनऊ, इमटेक सीएसआईआर, Institute of Microbial Studies यानी सूक्ष्य जैविकीय अध्ययन केंद्र, The National Environmental Engineering Research Institute यानी नीरी आदि ने किए हैं.

हैजा, पेचिश जैसी बीमारियों का मिला था इलाज

मनोज किश्वर ने कहा कि इस अध्ययन से गंगा का वायरस कुछ मामलों में कुछ वायरस पर भी असर करता है. विभिन्न अध्ययनों में यह साबित हो चुका कि हैजा, पेचिश, मेनिन्जाइटिस, टीबी जैसी गंभीर बीमारियों के बैक्टेरिया भी गंगाजल में टिक नहीं पाते. आईआईटी रूड़की से जुड़े रहे वैज्ञानिक देवेन्द्र स्वरूप भार्गव का शोध है कि गंगा का गंगत्व उसकी तलहटी में ही मौजूद है और आज भी है. गंगा में ऑक्सीजन सोखने की क्षमता है. कई शोधों में यह भी पाया गया कि बैक्टेरियोफाज कुछ वायरस पर भी असरकारक हैं.

गंगा की क्युरिटिव प्रॉपर्टी को बचाना बहुत जरूरी
मनोज किश्वर ने बताया कि गंगा की क्युरिटिव प्रॉपर्टी को बचाना बहुत जरूरी है, और गंगा ने पहले भी मानवजाति को संकट से बचाया है और हो सकता है कि कोरोना जैसी महामारी से भी हमें गंगा ही बचा पाए. इसीलिए गंगा के जल को लेकर शोध किया जाना बेहद जरूरी है. जिससे कि हम इस महामारी की दवा ढूंढ पाए और पूरी मानव जाति को बचा पाएं.

नई दिल्लीः इस समय पूरी दुनिया कोराना जैसी महामारी से लड़ रही है और आज यह बीमारी पूरी दुनिया में फैल चुकी है. हजारों लोग इससे संक्रमित होकर अपनी जान गवा चुके हैं, लेकिन अभी तक इसका इलाज या कोई दवा हमें नहीं मिल पाई है.

सेना के रिटायर अफसरों ने पीएम को लिखा पत्र

इसी बीच भारतीय सेना के रिटायर अफसरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस एंटी डोज के लिए गंगा के रिसर्च की बात कही है.

सितंबर के महीने से इतिहास में पहली बार गंगा की 5000 KM की मुंडमन परिक्रमा शुरू करने वाले पूर्व सैन्य अफसरों ने सरकार से गंगा के जल को लेकर शोध करने की बात कही है और यह बताया है कि गंगा के जल से कोरोना जैसी महामारी का इलाज संभव हो सकता है.

इन संस्थानों में हो रखे है शोध

रिटायर्ड कर्नल और अतुल्य गंगा के संस्थापक मनोज किश्वर ने प्रधानमंत्री और जल शक्ति मंत्रालय को लिखे पत्र में बताया है कि गंगा की क्युरिटिव प्रॉपर्टी पर पहले भी शोध कार्य हुए हैं और ये शोधकार्य आईआईटी रूड़की, आईआईटी कानपुर, भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान यानी आईआईटीआर लखनऊ, इमटेक सीएसआईआर, Institute of Microbial Studies यानी सूक्ष्य जैविकीय अध्ययन केंद्र, The National Environmental Engineering Research Institute यानी नीरी आदि ने किए हैं.

हैजा, पेचिश जैसी बीमारियों का मिला था इलाज

मनोज किश्वर ने कहा कि इस अध्ययन से गंगा का वायरस कुछ मामलों में कुछ वायरस पर भी असर करता है. विभिन्न अध्ययनों में यह साबित हो चुका कि हैजा, पेचिश, मेनिन्जाइटिस, टीबी जैसी गंभीर बीमारियों के बैक्टेरिया भी गंगाजल में टिक नहीं पाते. आईआईटी रूड़की से जुड़े रहे वैज्ञानिक देवेन्द्र स्वरूप भार्गव का शोध है कि गंगा का गंगत्व उसकी तलहटी में ही मौजूद है और आज भी है. गंगा में ऑक्सीजन सोखने की क्षमता है. कई शोधों में यह भी पाया गया कि बैक्टेरियोफाज कुछ वायरस पर भी असरकारक हैं.

गंगा की क्युरिटिव प्रॉपर्टी को बचाना बहुत जरूरी
मनोज किश्वर ने बताया कि गंगा की क्युरिटिव प्रॉपर्टी को बचाना बहुत जरूरी है, और गंगा ने पहले भी मानवजाति को संकट से बचाया है और हो सकता है कि कोरोना जैसी महामारी से भी हमें गंगा ही बचा पाए. इसीलिए गंगा के जल को लेकर शोध किया जाना बेहद जरूरी है. जिससे कि हम इस महामारी की दवा ढूंढ पाए और पूरी मानव जाति को बचा पाएं.

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