नई दिल्ली: कोरोना और लॉकडाउन का बड़ा असर रेस्टोरेंट उद्योग पर भी हुआ है. अभी तक यह उद्योग पूरी तरह से पटरी पर नहीं लौट पाया है. वहीं, दूसरी तरफ अब तक चली आ रही लाइसेंसिंग की लंबी प्रक्रिया भी इस उद्योग से जुड़े लोगों के लिए परेशानी का सबब थी. इसमें भी सबसे ज्यादा परेशानी स्टैंड-अलोन रेस्टोरेंट मालिकों को थीं, क्योंकि उनके रेस्टोरेंट के लिए सरकार के अलग नियम होते हैं.
सीएम केजरीवाल ने दिया था आदेश
बीते 7 अक्टूबर को दिल्ली के रेस्टोरेंट मालिकों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुलाकात की थी. उस मुलाकात में उनकी तरफ से मुख्यमंत्री के सामने लाइसेंसिंग से जुड़ी ये परेशानियां रखी गईं. इसके बाद मुख्यमंत्री ने इसे लेकर अधिकारियों को आदेश दिया था कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत इन रेस्टोरेंट मालिकों को राहत दी जाए. अब दिल्ली सरकार के पर्यटन विभाग ने स्टैंडअलोन रेस्टोरेंट्स को अनुमति देने की प्रक्रिया समाप्त के दी है.
दिल्ली में अब तक जारी थी प्रक्रिया
इसके साथ ही केजरीवाल सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि सरकार रेस्टोरेंट उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अन्य कदम भी उठाएगी, ताकि इस उद्योग को संकट से उबारा जा सके, जिससे दिल्ली की अर्थव्यवस्था को भी पटरी पर लाने में आसानी हो. आपको बता दें कि जून 2003 से पहले केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने देशभर में रेस्टोरेंट्स को मंजूरी देने की योजना शुरू की थी, हालांकि जल्द से इसे वापस ले लिया गया, लेकिन दिल्ली में यह प्रक्रिया अब भी जारी थी.
इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत काम
लेकिन अब इसे दिल्ली सरकार ने बंद करने का फैसला किया है. गौरतलब है कि बीते दिनों मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सभी विभागों को अलग से आदेश दिया था कि दिल्ली में रेस्टोरेंट्स संचालन से जुड़ी अन्य जटिल प्रक्रियाओं को या तो आसान किया जाए या खत्म किया जाए. दिल्ली सरकार इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत दिल्ली में रेस्टोरेंट व्यवसाय को पटरी पर लाने में जुटी हुई है. इसी कड़ी में मंगलवार को हुआ फैसला महत्वपूर्ण है.