नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मेयर का चुनाव होने वाला है. वहीं एमसीडी बजट 2023-24 के शेष भाग को एमसीडी हाउस द्वारा 31 मार्च से पहले पारित किए जाने की उम्मीद है, जिसका नेतृत्व मेयर करेंगे. दिल्ली नगर निगम (MCD) ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 'करों की अनुसूची' पारित की थी. इसे एमसीडी के विशेष अधिकारी ने पारित किया था. हालांकि, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद जल्द ही महापौर चुनाव होने की संभावना है.
एमसीडी चुनाव के दो महीने से अधिक समय के अंतराल और सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच जारी राजनीतिक कलह के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ ही दिल्ली को जल्द मेयर मिलना तय है. इस तरह लगातार तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित होने और मेयर चुनाव न हो पाने का सिलसिला खत्म हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी की मेयर उम्मीदवार शैली ओबेराय ने इस संबंध में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने जल्द चुनाव कराए जाने की मांग की थी.
नियमों के मुताबिक, नगर निगम आयुक्त द्वारा स्थायी समिति की एक विशेष बैठक में बजट पेश किया जाता है, जिसे बाद में विभिन्न वैधानिक और विशेष समितियों और क्षेत्रीय वार्ड समितियों के अध्यक्षों द्वारा चर्चा के लिए भेजा जाता है. अंत में, सदन का नेता बजट को अंतिम स्वरूप देता है, जिसे एक आयुक्त द्वारा पेश बजट में किए गए प्रस्तावों को स्वीकार अथवा अस्वीकार कर सकता है. एमसीडी एक विचारशील विंग है और इसका नेतृत्व एक मेयर करता है.
1958 में गठित एमसीडी को 2012 में दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान तीन भागों में बांट दिया गया था. दिल्ली में नागरिक निकाय के तीन निगमों- एनडीएमसी, एसडीएमसी और ईडीएमसी में 272 वार्ड थे. वहीं, पिछले साल तीनों निगमों को एकीकृत कर दिया गया, जिसमें 250 वार्ड बनाए गए. दिसबर में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी को 134 सीटें मिली थी.
(इनपुट- पीटीआई)