नई दिल्ली: दिल्ली में पिछले दिनों उपराजयपाल के आदेश पर दिल्ली सरकार के द्वारा न्युक्त किए गये विधानसभा में सभी फेलोशिप मेंबर को तुरंत प्रभाव से निरस्त कर दिया गया था. बुधवार को विधानसभा सत्र के पहले दिन इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने विशेषाधिकार का प्रस्ताव सदन के सामने प्रस्तुत किया. जिसको चर्चा के बाद ध्वनि मत से पास कर दिया गया.
विधानसभा सत्र के पहले दिन विधायक संजीव झा ने विशेषाधिकार समिति प्रस्ताव सदन के पटल पर रखते हुए कहा कि भाजपा के तीन नेताओं जिसमें प्रमुख रूप से कपिल मिश्रा, शहजाद पूनावाला और प्रवेश वर्मा के खिलाफ मानहानि का केस करेंगे. उन्होंने किस सबूत के आधार पर कहा कि फेलोशिप में उनके भाई और रिश्तेदारों के नाम है. यह बिल्कुल झूठे आरोप है. उन्होंने कहा कि सच्चाई ये है कि सभी फेलोशिप की न्युक्ति उनके मेरिट के आधार पर की गई है. इसको लेकर संजीव झा ने सदन में विशेषाधिकार प्रस्ताव भी पेश किया. संजीव झा ने मांग की कि फेलोशिप की नियुक्ति रद्द करने वाले सभी अधिकारियों और झूठ फैलाने वाले नेताओं के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए.
वहीं, भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने सदन में फेलोशिप मामले में आम आदमी पार्टी विधायक के प्रस्ताव का विरोध किया. बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि फेलोशिप में एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई. पद सृजित नहीं किये गये और नियमावली नहीं बनायी गयी. पूरे मामले में भाई-भतीजावाद है. सरकारी खजाने का सदुपयोग नहीं हुआ. इस अवमानना प्रस्ताव में कार्रवाई नहीं टिकेगी.
गौरतलब है कि विशेषाधिकार प्रस्ताव के चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी की तरफ से विधायक मदन लाल, ऋतुराज और जरनैल सिंह, राजेंद्र पाल गौतम सहित तमाम विधायको ने प्रस्ताव का समर्थन किया. जबकि बिपक्ष की तरफ से अजय महावर, विजेंद्र गुप्ता ने प्रस्ताव के चर्चा के दौरान इस प्रस्ताव का विरोध किया. आखिरकार डिप्टी स्पीकर ने ध्वनि मत करवा कर इस प्रस्ताव को पास कर दिया.