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consumer court: 19 साल पहले बुक कराया था आवासीय प्लॉट, अभी तक नहीं मिला अलॉटमेंट; मिल रही तारीख पर तारीख

दिल्ली के एक दंपती को प्लॉट दिलाने के नाम पर बिल्डर पिछले 19 सालों से घूमा रहा है. दंपती ने प्लॉट का आधा पैसा 19 साल पहले दिया था लेकिन अब तक उन्हें जमीन आवंटित नहीं की गई है. फिलहाल मामला कंज्यूमर कोर्ट में है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 27, 2023, 8:43 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के कंज्यूमर कोर्ट में एक बिल्डर बार-बार तारीखें ले रहा है, लेकिन उपस्थित नहीं हो रहा है. मामले को लेकर अब तक 8 तारीख दी जा चुकी है. इन सारे तारीख में बिल्डर बस 1 बार उपस्थित हुआ और बाकी 7 बार अनुपस्थित रहा. मामला 2004 का था, जहां बिल्डर ने एक दम्पति को प्लॉट दिलाने के लिए अपने द्वारा बुकिंग कराई थी.

जानें क्या था पूरा मामला: 2004 के जून में विकास गुप्ता और मंजू वर्मा ने हरियाणा के सोनीपत शहर में 500 वर्ग गज का एक आवासीय प्लॉट बुक कराया था. पार्श्वनाथ बिल्डर ने आज तक उन्हें प्लॉट का आवंटन नहीं किया. जबकि, खरीदारों ने बिल्डर को आवासीय प्लॉट की तय कीमत 17 लाख 50 हजार की आधी राशि आठ लाख 75 हजार रुपये का तीन बार में बिल्डर को भुगतान कर दिया था. बिल्डर ने ना उन्हें प्लॉट दिया और न ही उनका पैसा वापस दिया. कई साल तक बिल्डर के ऑफिस के चक्कर लगाने के बाद कोई सुनवाई न होने पर खरीदारों ने कंज्यूमर कोर्ट का सहारा लिया.

कई वर्षों तक कंज्यूमर कोर्ट में मुकदमा चलने के बाद बिल्डर और ग्राहक के बीच मध्यस्थता के लिए सहमति बनी. इसके बाद अगस्त 2023 में राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा मामले को मध्यस्थता के लिए भेज दिया गया. शिकायतकर्ता के अधिवक्ता राजेश सिंह तोमर ने बताया कि मध्यस्थता के लिए पहली तारीख 28 अगस्त 2023 तय की गई. पहली तारीख पर शिकायतकर्ता और बिल्डर की ओर से उसके प्रतिनिधि पेश हुए.

दोनों ने अपनी-अपनी बात रखकर मामले को निपटाने के लिए सहमति दी. इसके बाद अगली सात तारीखों पर बिल्डर स्वयं उपस्थित नहीं हुआ और मामले को मध्यस्थता के अंतिम दौर में भी पहुंचने के लिए सहमति नहीं दी. इसकी वजह से लगातार मामले में तारीखें ही पड़ती जा रही हैं. मध्यस्थता की हर तारीख पर शिकायतकर्ता उपस्थित हुआ है, लेकिन बिल्डर की ओर से एक तारीख के बाद अन्य किसी भी तारीख पर कोई उपस्थिति दर्ज नहीं कराई गई है.

ये भी पढ़ें: District Consumer Court: उपभोक्ता जानें अपने अधिकार, कैसे दर्ज कराएं शिकायत, जानिए पूरी प्रक्रिया

31 अक्टूबर की अगली तारीख: शिकायतकर्ता को ना ही उसका पैसा अभी तक वापस दिया गया है और ना हीं उसको प्लॉट आवंटित किया गया है. इसकी वजह से शिकायतकर्ता दंपती काफी परेशान हैं और उन्हें बिल्डर की करतूत का खामियाजा उठाना पड़ रहा है. तोमर ने बताया कि अगली 31 अक्टूबर की तारीख अब मामले में लगी है. 31 अक्टूबर को अगर बिल्डर उपस्थित होकर मामले में अपनी अंतिम सहमति दे देता है, तो मामले के खत्म होने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें: Unsafe Noida: नोएडा में घर में अकेले पाकर ब्रेड और अंडा देने आए डिलीवरी बॉय ने युवती से किया रेप का प्रयास, मामला दर्ज

नई दिल्ली: दिल्ली के कंज्यूमर कोर्ट में एक बिल्डर बार-बार तारीखें ले रहा है, लेकिन उपस्थित नहीं हो रहा है. मामले को लेकर अब तक 8 तारीख दी जा चुकी है. इन सारे तारीख में बिल्डर बस 1 बार उपस्थित हुआ और बाकी 7 बार अनुपस्थित रहा. मामला 2004 का था, जहां बिल्डर ने एक दम्पति को प्लॉट दिलाने के लिए अपने द्वारा बुकिंग कराई थी.

जानें क्या था पूरा मामला: 2004 के जून में विकास गुप्ता और मंजू वर्मा ने हरियाणा के सोनीपत शहर में 500 वर्ग गज का एक आवासीय प्लॉट बुक कराया था. पार्श्वनाथ बिल्डर ने आज तक उन्हें प्लॉट का आवंटन नहीं किया. जबकि, खरीदारों ने बिल्डर को आवासीय प्लॉट की तय कीमत 17 लाख 50 हजार की आधी राशि आठ लाख 75 हजार रुपये का तीन बार में बिल्डर को भुगतान कर दिया था. बिल्डर ने ना उन्हें प्लॉट दिया और न ही उनका पैसा वापस दिया. कई साल तक बिल्डर के ऑफिस के चक्कर लगाने के बाद कोई सुनवाई न होने पर खरीदारों ने कंज्यूमर कोर्ट का सहारा लिया.

कई वर्षों तक कंज्यूमर कोर्ट में मुकदमा चलने के बाद बिल्डर और ग्राहक के बीच मध्यस्थता के लिए सहमति बनी. इसके बाद अगस्त 2023 में राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा मामले को मध्यस्थता के लिए भेज दिया गया. शिकायतकर्ता के अधिवक्ता राजेश सिंह तोमर ने बताया कि मध्यस्थता के लिए पहली तारीख 28 अगस्त 2023 तय की गई. पहली तारीख पर शिकायतकर्ता और बिल्डर की ओर से उसके प्रतिनिधि पेश हुए.

दोनों ने अपनी-अपनी बात रखकर मामले को निपटाने के लिए सहमति दी. इसके बाद अगली सात तारीखों पर बिल्डर स्वयं उपस्थित नहीं हुआ और मामले को मध्यस्थता के अंतिम दौर में भी पहुंचने के लिए सहमति नहीं दी. इसकी वजह से लगातार मामले में तारीखें ही पड़ती जा रही हैं. मध्यस्थता की हर तारीख पर शिकायतकर्ता उपस्थित हुआ है, लेकिन बिल्डर की ओर से एक तारीख के बाद अन्य किसी भी तारीख पर कोई उपस्थिति दर्ज नहीं कराई गई है.

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31 अक्टूबर की अगली तारीख: शिकायतकर्ता को ना ही उसका पैसा अभी तक वापस दिया गया है और ना हीं उसको प्लॉट आवंटित किया गया है. इसकी वजह से शिकायतकर्ता दंपती काफी परेशान हैं और उन्हें बिल्डर की करतूत का खामियाजा उठाना पड़ रहा है. तोमर ने बताया कि अगली 31 अक्टूबर की तारीख अब मामले में लगी है. 31 अक्टूबर को अगर बिल्डर उपस्थित होकर मामले में अपनी अंतिम सहमति दे देता है, तो मामले के खत्म होने की उम्मीद है.

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