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श्रद्धा मर्डर केस: महरौली के जंगलों से बरामद किए गए अवशेषों की अब एम्स में होगी जांच

श्रद्धा वॉकर हत्याकांड में अब महरौली के जंगलों से बरामद अवशेषों व हड्डियों की दोबारा जांच की जाएगी और इस बार इसे जांच के लिए एम्स भेजा (Remains from mehrauli forest will be re examined) जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि कोर्ट में पुलिस को यह भी साबित करना है कि जंगल से जो हड्डियां बरामद हुई हैं, इनके बिना किसी इंसान का जिंदा रहना संभव नहीं है. इस जांच से मिलने वाली रिपोर्ट इसे साबित करने के लिए बहुत अहम होगी.

Remains from mehrauli forest will be re examined
Remains from mehrauli forest will be re examined
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Published : Dec 18, 2022, 10:26 AM IST

नई दिल्ली: श्रद्धा मर्डर केस में महरौली के जंगलों से बरामद किए गए अवशेषों व हड्डियों को जांच के लिए अब एम्स भेजा जाएगा. श्रद्धा वॉकर की हत्या के मामले में बरामद हड्डियों की डीएनए रिपोर्ट भले ही श्रद्धा के पिता और भाई से मैच कर गई हो, लेकिन अभी इससे यह साबित नहीं होता है कि श्रद्धा की हत्या हो चुकी है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कोर्ट में श्रद्धा की हत्या को साबित करने के लिए उन तमाम हड्डियों की जांच दोबारा (Remains from mehrauli forest will be re examined) करने के लिए एम्स भेजा जाएगा.

15 दिसंबर को श्रद्धा मर्डर केस में जांच कर रही दिल्ली पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. स्पेशल सीपी सागर प्रीत सिंह हुड्डा के मुताबिक डीएनए मैपिंग की रिपोर्ट और पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट पुलिस को मिल गई है. दोनों रिपोर्ट पुलिस की जांच में बेहद सहयोगी होगी. वहीं नार्को टेस्ट की रिपोर्ट अभी पुलिस को नहीं मिली है. इस मामले में पुलिस अब जंगल से मिले अवशेषों का पोस्टमार्टम कराने की प्रक्रिया शुरू करेगी. दरअसल महरौली के जंगल से कुल 13 हड्डियां बरामद हुई थी. एम्स के विशेषज्ञ, पुलिस को यह बताएंगे कि गिरफ्तार आरोपी, आफताब की निशानदेही पर जंगलों से जो हड्डियां बरामद हुई है उसके बिना इंसान जीवित रह सकता है या नहीं.

पुलिस अधिकारी ने कहा कि, इस मामले में अभी एक कानूनी पेंच है जिसमें कोर्ट में पुलिस को यह भी साबित करना होगा कि जंगलों से जो हड्डियां बरामद हुई है, इनके बिना इंसान का जिंदा रहना संभव नहीं है. एम्स से हड्डियों के पोस्टमार्टम और अन्य जांच की पुलिस को जो रिपोर्ट मिलेगी वह कोर्ट में इस बात को साबित करने के लिए बेहद अहम होगी कि श्रद्धा की मौत हो चुकी है, और आफताब ने उसकी हत्या की है. अभी तक पुलिस ना तो हत्या में इस्तेमाल की गई आरी और ना ही श्रद्धा के शव की खोपड़ी बरामद कर सकी है. ऐसे में एक्सपर्ट का कहना है कि जंगलों से जो हड्डियां मिली है अगर एम्स के एक्सपर्ट उनकी जांच करके यह बोल दिया कि यह हाथ, पैर और शरीर के ऐसे अंगो की हैं जिनके काटे जाने के बाद भी इंसान का जिंदा रहना मुमकिन है, तो फिर यह बात पुलिस के पक्ष में नहीं होगी.

यह भी पढ़ें-श्रद्धा मर्डर केस: आफताब के वकील को मिली उससे मिलने की अनुमति, 22 दिसंबर को होगी जमानत याचिका पर सुनवाई

हालांकि पुलिस अधिकारी का कहना है कि उनके पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि आफताब ने ही श्रद्धा की हत्या कर उनके शव के टुकड़े किए थे. लेकिन कोर्ट में एम्स की रिपोर्ट सबूत के तौर पर हमें हम मदद देगी. बता दें कि श्रद्धा मर्डर केस में जांच कर रही दिल्ली पुलिस को दो महीने बाद बड़ी सफलता मिली है. महरौली के जंगलों से पुलिस को जो शव के टुकड़े हड्डियों के तौर पर मिले थे, उनका श्रद्धा के पिता के डीएनए से मिलान हो गया है. पुलिस के अनुसार इस मामले में आरोपी आफताब की गिरफ्तारी के बाद उसने इकबालिया बयान में बताया था कि श्रद्धा से उसका 18 मई को झगड़ा हुआ था. इसके बाद उसने श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी थी. आफताब ने इसके बाद श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े किए थे और इन टुकड़ों को उसने एक फ्रिज में रखा था. वह रोज रात में श्रद्धा के शव के एक टुकड़े को महरौली के जंगल में फेंकने के लिए जाता था. आफताब फिलहाल तिहाड़ जेल में कैद है.

नई दिल्ली: श्रद्धा मर्डर केस में महरौली के जंगलों से बरामद किए गए अवशेषों व हड्डियों को जांच के लिए अब एम्स भेजा जाएगा. श्रद्धा वॉकर की हत्या के मामले में बरामद हड्डियों की डीएनए रिपोर्ट भले ही श्रद्धा के पिता और भाई से मैच कर गई हो, लेकिन अभी इससे यह साबित नहीं होता है कि श्रद्धा की हत्या हो चुकी है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कोर्ट में श्रद्धा की हत्या को साबित करने के लिए उन तमाम हड्डियों की जांच दोबारा (Remains from mehrauli forest will be re examined) करने के लिए एम्स भेजा जाएगा.

15 दिसंबर को श्रद्धा मर्डर केस में जांच कर रही दिल्ली पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. स्पेशल सीपी सागर प्रीत सिंह हुड्डा के मुताबिक डीएनए मैपिंग की रिपोर्ट और पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट पुलिस को मिल गई है. दोनों रिपोर्ट पुलिस की जांच में बेहद सहयोगी होगी. वहीं नार्को टेस्ट की रिपोर्ट अभी पुलिस को नहीं मिली है. इस मामले में पुलिस अब जंगल से मिले अवशेषों का पोस्टमार्टम कराने की प्रक्रिया शुरू करेगी. दरअसल महरौली के जंगल से कुल 13 हड्डियां बरामद हुई थी. एम्स के विशेषज्ञ, पुलिस को यह बताएंगे कि गिरफ्तार आरोपी, आफताब की निशानदेही पर जंगलों से जो हड्डियां बरामद हुई है उसके बिना इंसान जीवित रह सकता है या नहीं.

पुलिस अधिकारी ने कहा कि, इस मामले में अभी एक कानूनी पेंच है जिसमें कोर्ट में पुलिस को यह भी साबित करना होगा कि जंगलों से जो हड्डियां बरामद हुई है, इनके बिना इंसान का जिंदा रहना संभव नहीं है. एम्स से हड्डियों के पोस्टमार्टम और अन्य जांच की पुलिस को जो रिपोर्ट मिलेगी वह कोर्ट में इस बात को साबित करने के लिए बेहद अहम होगी कि श्रद्धा की मौत हो चुकी है, और आफताब ने उसकी हत्या की है. अभी तक पुलिस ना तो हत्या में इस्तेमाल की गई आरी और ना ही श्रद्धा के शव की खोपड़ी बरामद कर सकी है. ऐसे में एक्सपर्ट का कहना है कि जंगलों से जो हड्डियां मिली है अगर एम्स के एक्सपर्ट उनकी जांच करके यह बोल दिया कि यह हाथ, पैर और शरीर के ऐसे अंगो की हैं जिनके काटे जाने के बाद भी इंसान का जिंदा रहना मुमकिन है, तो फिर यह बात पुलिस के पक्ष में नहीं होगी.

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हालांकि पुलिस अधिकारी का कहना है कि उनके पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि आफताब ने ही श्रद्धा की हत्या कर उनके शव के टुकड़े किए थे. लेकिन कोर्ट में एम्स की रिपोर्ट सबूत के तौर पर हमें हम मदद देगी. बता दें कि श्रद्धा मर्डर केस में जांच कर रही दिल्ली पुलिस को दो महीने बाद बड़ी सफलता मिली है. महरौली के जंगलों से पुलिस को जो शव के टुकड़े हड्डियों के तौर पर मिले थे, उनका श्रद्धा के पिता के डीएनए से मिलान हो गया है. पुलिस के अनुसार इस मामले में आरोपी आफताब की गिरफ्तारी के बाद उसने इकबालिया बयान में बताया था कि श्रद्धा से उसका 18 मई को झगड़ा हुआ था. इसके बाद उसने श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी थी. आफताब ने इसके बाद श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े किए थे और इन टुकड़ों को उसने एक फ्रिज में रखा था. वह रोज रात में श्रद्धा के शव के एक टुकड़े को महरौली के जंगल में फेंकने के लिए जाता था. आफताब फिलहाल तिहाड़ जेल में कैद है.

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