नई दिल्ली: दिल्ली में संपत्तियों की खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया को आसान बनाने के तहत अब किसी भी सब रजिस्ट्रार दफ्तर में संपत्तियों की रजिस्ट्री करना संभव हो सकेगा. यह प्रयोग वर्ष 2015 में आंध्र प्रदेश में भी किया गया था, जहां किसी भी सब रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर राज्य के किसी भी जिले के संपत्ति का रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है. ठीक उसी तरह अब दिल्ली के लोग भी दिल्ली के किसी भी जिले के सब रजिस्टार ऑफिस में जाकर प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे. दिल्ली में किसी भी सब रजिस्ट्रार दफ्तर में संपत्तियों की रजिस्ट्री कराने के लिए पूरी दिल्ली को एक जिला घोषित किया जाएगा. इस नए सिस्टम से भ्रष्टाचार और अधिकारियों की मनमानी पर रोक लग सकेगी.
दफ्तर के चक्कर काटने से मिलेगी मुक्ति: इससे संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के लिए अलग-अलग सब रजिस्ट्रार दफ्तरों के चक्कर काटने के झंझट से भी लोगों को मुक्ति मिल जाएगी. दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस नए सिस्टम को जल्द से जल्द लागू करने के लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश जारी कर दिए हैं. इससे जमीन और संपत्तियों के स्टेटस को लेकर राजस्व विभाग द्वारा जारी की जाने वाली एनओसी को भी पूरी तरह ऑनलाइन किया जाएगा और उसमें किसी भी तरह के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होगी.
भ्रष्टाचार से जुड़ें मामलों की शिकायतें ऑनलाइन: उपराज्यपाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों के लिए दिल्ली में जल्द ही एक नया और पूरी तरह ऑनलाइन कंप्लेंट एंड इंफॉरमेशन मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने के निर्देश दिए गए हैं. इससे शिकायतों का प्रभावी तरीके से निपटारा करने में मदद मिलेगी और रिकॉर्ड मेंटेन करने में भी आसानी होगी. इस सिस्टम के लागू होने के बाद ऑनलाइन मोड के अलावा किसी भी अन्य तरीके से शिकायतें स्वीकार नहीं की जाएंगी.
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उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की अध्यक्षता में हुई बैठक में, सतर्कता विभाग के द्वारा सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा के बाद यह निर्देश दिए गए हैं. इस बैठक में सरकार के मुख्य सचिव के अलावा दिल्ली पुलिस के सतर्कता विभाग के स्पेशल कमिश्नर, भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के संयुक्त आयुक्त, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के मुख्य सतर्कता अधिकारी भी मौजूद रहे. मिली जानकारी के अनुसार, संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के लिए जाएं तो इन दस्तावेजों को अपने साथ रखें.
- वेरिफिकेशन के लिए संपत्ति खरीदने वाले और बेचने वाले दोनों को सभी मूल दस्तावेज.
- अपने साथ सभी मूल प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी.
- संपत्ति बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों के दस्तावेजों पर 2-2 पासपोर्ट साइज की फोटो.
- स्टैंप ड्यूटी के सही मूल्य वाले ई-स्टैंप पेपर.
- अंडरटेकिंग के साथ रजिस्ट्रेशन फीस एवं उसकी रसीद.
- अगर लेनदेन 50 हजार से ज्यादा है तो फॉर्म 60 या स्वयं सत्यापित पैन कार्ड की कॉपी.
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