नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में बीएस-6 डीजल बसें और टेंपो ट्रैवलर का रजिस्ट्रेशन फिर से शुरू हो गया है. दिल्ली सरकार के इस फैसले से ट्रांसपोर्टरों में खुशी है. इससे दिल्ली का राजस्व बढ़ेगा और आमजनता को फायदा होगा. इसके साथ ही टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा. वर्ष 2017 में प्रदूषण की रोकथाम के लिए डीजल से चलने वाले व्यवसायिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई गई थी. हालांकि, दिल्ली से दूसरे राज्यों के डीजल वाहनों के संचालन की छूट थी.
परिवहन विभाग के पूर्व सहायक आयुक्त अनिल चिकारा ने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान ही व्यवसायिक डीजल वाहनों पर रोक लगी थी. हर साल औसतन करीब एक हजार व्यवसायिक डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन होता था. वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर 28 प्रतिशत जीएसटी और रोड टैक्स लेकर एक लाख रुपए पर करीब 30 से 35 हजार रुपए का राजस्व प्राप्त होता था.
दो हजार ट्रांसपोर्टर थे प्रभावित, दूसरे राज्य से खरीदते थे वाहनः दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने बताया कि राजधानी में करीब दो हजार ट्रांसपोर्टर थे. डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक से सभी प्रभावित थे. ट्रांसपोर्टरों को उत्तर प्रदेश और हरियाणा से वाहन खरीदकर वहां के पते पर रजिस्ट्रेशन कराना होता था, इससे उन्हें परेशानी होती थी, साथ में राजस्व का नुकसान भी होता था. अब रिजस्ट्रेशन दोबारा शुरू हो गया है. इससे सभी को राहत मिली है. इसके साथ ही टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा.
बीएस-6 वाहनों से कम होता है प्रदूषणः संजय सम्राट ने बताया रजिस्ट्रेशन बंद होने से हर साल करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकासन होता था, अब जो राजस्व प्राप्त होगा वह दिल्ली के विकास में लगेगा. दिल्ली के ट्रांसप्रोर्टर की आय बढ़ेगी. बीएस-6 वाहनों से कम धुआं निकलता है. इससे प्रदूषण बहुत कम होगा. बता दें कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान परिवहन विभाग ने जी 20 समिट में आने वाले प्रतिनिधियों के लिए बीएस-6 व्यवसायिक वाहनों का पंजीकरण खोला था. इस मामले में कुछ ट्रांसपोर्टर सुप्रीम कोर्ट भी गए थे.
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