नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में इस साल मार्च में गर्मी ने कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. 29 मार्च को यहां अधिकतम तापमान 40.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि 75 सालों बाद मार्च का सबसे अधिक तापमान था. मौसम विभाग के अधिकारी बताते हैं कि मार्च में लगातार बढ़ते तापमान की असल वजह जनवरी और फरवरी है. ऐसा क्यों है, आइए जानते हैं.
मौसम विभाग के अधिकारी बताते हैं कि जनवरी और फरवरी महीने में कम रहे वेस्टर्न डिस्टरबेंस और उसके चलते कम बारिश के चलते मार्च में गर्मी की ऐसी स्थिति पैदा हुई है. जनवरी में जहां सामान्य से ज्यादा बारिश हुई थी तो फरवरी में सामान्य से बारिश बहुत कम थी. पैटर्न के हिसाब से जनवरी के महीने में भी वाइडस्प्रेड इंटेंसिव रेनफॉल देखने को नहीं मिला था. ऐसे में मार्च की धूप और कड़क हुई. इसी के चलते तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गया. आंकड़े बताते हैं कि फरवरी में जहां 18 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी, यहां असल में महज़ 2.6 मिलीमीटर बारिश हुई.
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लंबे समय से नहीं था कोई पैटर्न
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक आनंद शर्मा कहते हैं कि हाल में जब 29 मार्च को अधिकतम तापमान 40.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था तब उससे पहले मौसम का कोई वाइड स्प्रेड पैटर्न राजधानी दिल्ली में लंबे समय से देखने को नहीं मिला था. ऐसे में सूरज की तपिश स्वभाविक थी. इसी के चलते तापमान इतना बढ़ा. हालांकि, अब तापमान 2 से 3 डिग्री नीचे आ गया है.
लोग भी परेशान
आम लोगों के लिए भी यह गर्मी आम नहीं है. लोगों को आशंका है कि जब मार्च में ही गर्मी इतनी है तो आने वाले महीनों में क्या होगा. इसके लिए वो अपनी तैयारी करने की बात कहते हैं. कुछ लोग ये भी कहते हैं कि अबकी बार सर्दियां कम रहीं. इसलिए गर्मी ज़्यादा है. सब उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में राहत रहे.
क्या हैं पूर्वानुमान !
आनंद शर्मा कहते हैं कि आने वाले दिनों में राजधानी दिल्ली के लोगों को गर्मी से कोई लंबी राहत नहीं मिलने वाली है. मौजूदा समय में तेज हवाओं के चलते यहां का तापमान 37 और 38 डिग्री के आसपास चल रहा है और आने वाले दिनों में ऐसी ही स्थितियां बनी रहेंगी. आने वाले दिनों में यहां लू की भी संभावना है.