दिल्ली में सिर्फ 16 फीसदी आबादी को लगी दोनों डोज, जिम्मेदार कौन !
कोरोना की तीसरी लहर की बढ़ती आशंका के बीच दिल्ली में वैक्सीनेशन की रफ्तार कम होती जा रही है. अब तक सिर्फ 16.2 फीसदी आबादी को ही वैक्सीन की दोनों डोज लग सकी है. हर दिन होने वाले वैक्सीनेशन का आंकड़ा घटकर 40-50 हजार पर पहुंच गया है, जो बीते महीने के अंतिम हफ्ते में 2 करोड़ को पार कर रहा था. आप विधायक Somnath Bharti ने दिल्ली में कम होते वैक्सीनेशन के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
दिल्ली में वैक्सीनेशन
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Published : Jul 27, 2021, 8:35 PM IST
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में वैक्सीनेशन की रफ्तार लगातार धीमी होती जा रही है. जून के अंतिम हफ्ते और जुलाई के पहले हफ्ते में Vaccination का आंकड़ा हर दिन दो लाख को पार कर रहा था, लेकिन अब यह 40-50 हजार पर सिमटता दिख रहा है. वैक्सीनेशन सेंटर्स की संख्या में भी काफी कमी आ गई है. बीते कुछ दिनों में ही 700 से ज्यादा वैक्सीनेशन साइट्स बंद हो गई हैं.
गौरतलब है कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका बढ़ती जा रही है. कई देशों और भारत के कई राज्यों में भी कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं. इधर, दिल्ली को लॉकडाउन से अब करीब पूरी तरह से राहत मिल गई है. सोमवार से बसों और मेट्रो में शत प्रतिशत क्षमता के साथ यातायात का संचालन हो रहा है. वहीं सिनेमाघर भी खुल गए हैं. बाजारों में भी काफी भीड़ देखने को मिल रही है.
कोरोना की तीसरी लहर की बढ़ती आशंका के बीच दिल्ली में वैक्सीनेशन की रफ्तार कम होती जा रही
बस या मेट्रो में हर सीट पर यात्रियों के बैठने की अनुमति मिलने के बाद अब यहां सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था खत्म हो गई है. तीसरी कोरोना लहर के मद्देनजर यह कितना खतरनाक हो सकता है, इसे लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में दिल्ली के सबसे बड़े कोरोना अस्पताल LNJP के मेडिकल डायरेक्टर Dr. Suresh Kumar ने कहा कि अगर दो लोग एकसाथ बैठते हैं, तो उनका वैक्सीनेट होना जरूरी है. Dr. Suresh Kumar ने कहा कि अगर बस या मेट्रो में एक-दूसरे के करीब बैठने वाले दो लोगों ने Vaccine लगवा ली हो, फिर उनके लिए खतरा कम होता है. दिल्ली सरकार की तरफ से अनलॉक के तहत अब मिली छूट को लेकर डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि अब जरूरी है कि जल्द से जल्द सभी लोग वैक्सीन लगवा लें, वरना तीसरी कोरोना लहर और खतरनाक साबित हो सकती है.
एक तरफ विशेषज्ञ डॉक्टर आगाह कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ Vaccination की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. आंकड़ें देखें तो बढ़ती हुई तीसरी कोरोना लहर की आशंका के बीच बढ़ने के बजाय वैक्सीनेशन का आंकड़ा घटता ही जा रहा है. बीते एक हफ्ते के दौरान, 20 जुलाई से 26 जुलाई के बीच दिल्ली में कुल 3,58,092 लोगों को ही वैक्सीन लगाई गई है. गौर करने वाली बात यह है कि बीते महीने, ठीक इसी दौरान 8 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी. 20 जून से 26 जून के बीच दिल्ली में कुल 8,12,023 लोगों का Vaccination हुआ था. वर्तमान स्थिति से एक महीने पहले की तुलना करें, तो 26 जून को रिकॉर्ड 2,07,559 लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी, जो आंकड़ा बीते दिन यानी 26 जुलाई को सिर्फ 57,382 था. Delhi Government का कहना है कि केंद्र की तरफ से पर्याप्त वैक्सीन की सप्लाई नहीं मिल रही. इसलिए वैक्सीनेशन के आंकड़े में कमी आ रही है.
आपको बता दें कि दिल्ली में बीते कुछ दिनों के दौरान ही 700 से ज्यादा सेंटर्स बंद किए जा चुके हैं. बीते हफ्ते तक 763 सेंटर्स की 1374 साइट्स पर वैक्सीनेशन हो रहा था, लेकिन अब सिर्फ 313 सेंटर्स की 655 साइट्स पर ही वैक्सीन लगाई जा रही है. वैक्सीनेशन सेंटर्स की संख्या में कमी आने के बाद हर दिन के वैक्सीनेशन की क्षमता भी घटी है. पहले दिल्ली में हर दिन वैक्सीनेशन की क्षमता 2 लाख से ज्यादा थी, जो अब घटकर 90 हजार पर आ गई है. दिल्ली में वैक्सीन का स्टॉक देखें, तो अभी सिर्फ 2,87,000 डोज वैक्सीन ही बची है. इसमें को-वैक्सीन के 2,16,140 डोज और कोविशील्ड के 70,900 डोज शामिल हैं. दिल्ली में अब तक कुल वैक्सीननेशन की बात करें, तो अब तक कुल 97 लाख से ज्यादा लोगों को कम से कम एक डोज वैक्सीन लगाई जा चुकी है. वहीं दोनों डोज वैक्सीन लेने वालों की संख्या सिर्फ 24.30 लाख ही है. आपको बता दें कि 18 साल से ऊपर की दिल्ली की डेढ़ करोड़ आबादी वैक्सीन के लिए एलिजिबल है, यानी सिर्फ 16.2 फीसदी आबादी को ही अब तक वैक्सीन लग सकी है.
दिल्ली में कम होते वैक्सीनेशन का ठीकरा दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर फोड़ा है. Aam Aadmi Party विधायक Somnath Bharti ने इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि Delhi Government ने वैक्सीनेशन के लिए देश भर में सबसे अच्छा सिस्टम बनाया है, लेकिन Central Government की तरफ से वैक्सीन नहीं मिल रही तो हम कैसे वैक्सीन लगाएं.
सोमनाथ भारती ने कहा कि अभी सिचुएशन इतनी अलार्मिंग है कि सब लोग जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाना चाहते हैं. इसके लिए दिल्ली में इंफ्रास्ट्रक्चर भी सबसे बढ़िया है, लेकिन जब तक केंद्र सरकार दिल खोलकर वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराती है, तब तक केजरीवाल सरकार कैसे लोगों को वैक्सीन दे सकती है और तब तक कैसे कोरोना का खतरा टल सकता है.
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में वैक्सीनेशन की रफ्तार लगातार धीमी होती जा रही है. जून के अंतिम हफ्ते और जुलाई के पहले हफ्ते में Vaccination का आंकड़ा हर दिन दो लाख को पार कर रहा था, लेकिन अब यह 40-50 हजार पर सिमटता दिख रहा है. वैक्सीनेशन सेंटर्स की संख्या में भी काफी कमी आ गई है. बीते कुछ दिनों में ही 700 से ज्यादा वैक्सीनेशन साइट्स बंद हो गई हैं.
गौरतलब है कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका बढ़ती जा रही है. कई देशों और भारत के कई राज्यों में भी कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं. इधर, दिल्ली को लॉकडाउन से अब करीब पूरी तरह से राहत मिल गई है. सोमवार से बसों और मेट्रो में शत प्रतिशत क्षमता के साथ यातायात का संचालन हो रहा है. वहीं सिनेमाघर भी खुल गए हैं. बाजारों में भी काफी भीड़ देखने को मिल रही है.
कोरोना की तीसरी लहर की बढ़ती आशंका के बीच दिल्ली में वैक्सीनेशन की रफ्तार कम होती जा रही
बस या मेट्रो में हर सीट पर यात्रियों के बैठने की अनुमति मिलने के बाद अब यहां सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था खत्म हो गई है. तीसरी कोरोना लहर के मद्देनजर यह कितना खतरनाक हो सकता है, इसे लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में दिल्ली के सबसे बड़े कोरोना अस्पताल LNJP के मेडिकल डायरेक्टर Dr. Suresh Kumar ने कहा कि अगर दो लोग एकसाथ बैठते हैं, तो उनका वैक्सीनेट होना जरूरी है. Dr. Suresh Kumar ने कहा कि अगर बस या मेट्रो में एक-दूसरे के करीब बैठने वाले दो लोगों ने Vaccine लगवा ली हो, फिर उनके लिए खतरा कम होता है. दिल्ली सरकार की तरफ से अनलॉक के तहत अब मिली छूट को लेकर डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि अब जरूरी है कि जल्द से जल्द सभी लोग वैक्सीन लगवा लें, वरना तीसरी कोरोना लहर और खतरनाक साबित हो सकती है.
एक तरफ विशेषज्ञ डॉक्टर आगाह कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ Vaccination की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. आंकड़ें देखें तो बढ़ती हुई तीसरी कोरोना लहर की आशंका के बीच बढ़ने के बजाय वैक्सीनेशन का आंकड़ा घटता ही जा रहा है. बीते एक हफ्ते के दौरान, 20 जुलाई से 26 जुलाई के बीच दिल्ली में कुल 3,58,092 लोगों को ही वैक्सीन लगाई गई है. गौर करने वाली बात यह है कि बीते महीने, ठीक इसी दौरान 8 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी. 20 जून से 26 जून के बीच दिल्ली में कुल 8,12,023 लोगों का Vaccination हुआ था. वर्तमान स्थिति से एक महीने पहले की तुलना करें, तो 26 जून को रिकॉर्ड 2,07,559 लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी, जो आंकड़ा बीते दिन यानी 26 जुलाई को सिर्फ 57,382 था. Delhi Government का कहना है कि केंद्र की तरफ से पर्याप्त वैक्सीन की सप्लाई नहीं मिल रही. इसलिए वैक्सीनेशन के आंकड़े में कमी आ रही है.
आपको बता दें कि दिल्ली में बीते कुछ दिनों के दौरान ही 700 से ज्यादा सेंटर्स बंद किए जा चुके हैं. बीते हफ्ते तक 763 सेंटर्स की 1374 साइट्स पर वैक्सीनेशन हो रहा था, लेकिन अब सिर्फ 313 सेंटर्स की 655 साइट्स पर ही वैक्सीन लगाई जा रही है. वैक्सीनेशन सेंटर्स की संख्या में कमी आने के बाद हर दिन के वैक्सीनेशन की क्षमता भी घटी है. पहले दिल्ली में हर दिन वैक्सीनेशन की क्षमता 2 लाख से ज्यादा थी, जो अब घटकर 90 हजार पर आ गई है. दिल्ली में वैक्सीन का स्टॉक देखें, तो अभी सिर्फ 2,87,000 डोज वैक्सीन ही बची है. इसमें को-वैक्सीन के 2,16,140 डोज और कोविशील्ड के 70,900 डोज शामिल हैं. दिल्ली में अब तक कुल वैक्सीननेशन की बात करें, तो अब तक कुल 97 लाख से ज्यादा लोगों को कम से कम एक डोज वैक्सीन लगाई जा चुकी है. वहीं दोनों डोज वैक्सीन लेने वालों की संख्या सिर्फ 24.30 लाख ही है. आपको बता दें कि 18 साल से ऊपर की दिल्ली की डेढ़ करोड़ आबादी वैक्सीन के लिए एलिजिबल है, यानी सिर्फ 16.2 फीसदी आबादी को ही अब तक वैक्सीन लग सकी है.
दिल्ली में कम होते वैक्सीनेशन का ठीकरा दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर फोड़ा है. Aam Aadmi Party विधायक Somnath Bharti ने इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि Delhi Government ने वैक्सीनेशन के लिए देश भर में सबसे अच्छा सिस्टम बनाया है, लेकिन Central Government की तरफ से वैक्सीन नहीं मिल रही तो हम कैसे वैक्सीन लगाएं.
सोमनाथ भारती ने कहा कि अभी सिचुएशन इतनी अलार्मिंग है कि सब लोग जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाना चाहते हैं. इसके लिए दिल्ली में इंफ्रास्ट्रक्चर भी सबसे बढ़िया है, लेकिन जब तक केंद्र सरकार दिल खोलकर वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराती है, तब तक केजरीवाल सरकार कैसे लोगों को वैक्सीन दे सकती है और तब तक कैसे कोरोना का खतरा टल सकता है.