नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए किसान बिल के विरोध में अब पूरे उत्तर भारत के किसान एकजुट होते हुए नजर आ रहे हैं. दिल्ली के बॉर्डर पर जहां एक तरफ किसानों का जमावड़ा देखने को मिल रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ धीरे-धीरे किसान बुराड़ी के निरंकारी मैदान में भी जुटना शुरू हो गए हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान राजस्थान के किसानों ने अपनी बात रखते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि केंद्र सरकार ने जिस तरह से किसानों के हितों को ध्यान में ना रखते हुए काले कानून को पारित किया है, वह गलत है. जब तक इस किसान विरोधी बिल को केंद्र सरकार वापस नहीं लेती तब तक हमारा विरोध इसी तरह जारी रहेगा.
किसानों ने कहा कि हमारी केंद्र सरकार से मांग है कि किसानों को उनकी फसलों का एमएसपी मिले जो किसान का हक है.साथ ही स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए किसानों की फसलों की खरीद पर नया कानून बनाया जाए, जिसमें किसानों की सहमति भी ली जाए.
कुल मिलाकर देखा जाए तो किसान बिल के विरोध में राजस्थान के किसान भी अब पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार के किसानों के साथ एकजुट होते हुए नजर आ रहे हैं.
राजस्थान से आए किसानों ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान स्पष्ट तौर पर कहा कि जब तक केंद्र सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेती है. तब तक हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. हम लंबी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है.