नई दिल्ली: बीते साल की तरह रेलवे के नए टाइम टेबल (Railway New Time Table) पर इस बार भी कोरोना का असर होता दिखाई दे रहा है. हर साल 1 जुलाई को लागू होने वाला टाइम टेबल 2020 के बाद इस साल 2021 में भी लागू नहीं हो पाएगा. इसके पीछे यात्री रेलगाड़ियों के लिए नियमित सेवा शुरू नहीं होने को प्रमुख कारण बताया जा रहा है.
टाइम टेबल लागू करने में समस्या
रेल अधिकारियों की मानें तो हर साल जुलाई में आने वाले इस टाइम टेबल में बीते 1 साल के अनुभव के हिसाब से यात्री सेवाओं में बढ़ोतरी के साथ-साथ प्लानिंग और ऑपेरशन विभाग के अधिकारियों, गाड़ियों की समय सारिणी में बदलाव करते हैं. इसके लिए कई महीनों से तैयारी शुरू हो जाती है. इस बार भी ये तैयारी तो हुई लेकिन टाइम टेबल लागू करने में समस्या है, क्योंकि अब तक गाड़ियां नियमित तौर पर चल ही नहीं पाई हैं.
स्पेशल ट्रेनों के जरिए पूरी की जी रही डिमांड
मौजूदा समय में रेलगाड़ियों की डिमांड को स्पेशल ट्रेनों के जरिए पूरा किया जा रहा है. कोरोना की पहली लहर के बाद पिछले दिनों जब नियमित गाड़ियों को चलाने की प्लानिंग हुई थी, तब ही कोरोना की दूसरी लहर आ गई. ऐसे में डिमांड घट गई और गाड़ियां कम करनी पड़ी. अब जबकि नए टाइम टेबल का समय आया है तो उन गाड़ियों का टाइम कैसे सेट किया जाए जो ऑपरेशन में हैं ही नहीं.
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मौजूदा समय में रेल अधिकारियों ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है लेकिन समझा जा रहा है कि 1 जुलाई को नया टाइम टेबल नहीं आएगा. मौजूदा समय में जो गाड़ियां चल रही हैं, उन्हें जीरो बेस्ड टाइम टेबल (Zero Based Time Table) के हिसाब से चलाया जा रहा है. समझा जा रहा है कि जब भी नियमित गाड़ियां चलेंगी तब इसी टाइम टेबल को आधार बनाकर नई गाड़ियों का समय तय किया जाएगा.
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