नई दिल्ली: आधुनिक सुविधाएं देने के नाम पर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की जेब ढीली करने का गोरखधंधा चल रहा है. आलम ये है कि सांस लेने को छोड़ दें तो बैठने से लेकर खाने तक के लिए यहां यात्रियों से पैसे वसूले जा रहे हैं. हैरानी की बात है कि ये सब रेल अधिकारियों की नाक के नीचे हो रहा है.
रेल यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए पिछले दिनों ही दिल्ली मंडल ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एसी वेटिंग रूम को पीपीपी मॉडल पर एक निजी कंपनी को दिया है. टेंडर शर्तों के मुताबिक, 10 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से यहां यात्रियों को AC में बैठकर गाड़ी के लिए इंतजार करने की सुविधा दी जानी थी.
हालांकि, टेंडर अवार्ड हो जाने के बाद निजी कंपनी इसमें अपनी मनमर्जी चला रही है. शुक्रवार को ईटीवी भारत की टीम ने यहां रेलयात्री बनकर जब वेटिंग रूम का जायजा लिया तब इसकी सच्चाई बाहर आ गई.
50 रुपये में दो घंटे कीजिए इंतज़ार
प्लेटफार्म नंबर 1 पर बने एसी वेटिंग लाउंज के बाहर खड़े रहने तक हर नियम का पालन हो रहा है लेकिन एक बार अंदर घुसने पर यहां कुछ ऐसे नियम बना दिए गए हैं जिनका टेंडर में कोई जिक्र ही नहीं है.
यहां 10 रुपए प्रति घंटे की एंट्री की बात को भुलाकर आपको 50 रुपए में दो घंटे की सर्विस का एकमात्र विकल्प दिखाया जाता है जिसमें एक चाय और पफ भी दिया जाता है. हालांकि पूछने पर कि क्या 10 रुपये की एंट्री नहीं है तो वहां मौजूद महिला ने 20 रुपये की न्यूनतम एंट्री की बात कहकर एंट्री कर दी.
बाहर का खाना मना है!
टेंडर में ऐसा कहीं नहीं लिखा हुआ है कि यात्री वेटिंग लाउंज में बाहर का खाना नहीं खा सकते. एक रेल अधिकारी ने भी इस बात की पुष्टि की कि ऐसा नियम नहीं है. हालांकि वेटिंग लाउन्ज में ये यात्रियों को बाहर का खाना तो दूर अगर मुंह चलता हुआ भी दिख जाए तो कर्मचारी सवाल पूछने आ जाता है. इसके लिए यहां लिखित संदेश भी चिपके हुए थे जिन्हें अब हटा लिया गया है.
सोफे के लगेंगे 60 रुपये
वेटिंग लाउंज में चल रही मनमानी यही खत्म नहीं हो जाती है. अगर आप लाउन्ज में लगे सोफे पर बैठना चाहते हैं तो आपसे 60 रुपये लिए जाएंगे. यही नहीं ये गलत है या सही इसका अंदाजा इसे बात से लगाया जा सकता है कि इसकी कोई पर्ची भी यात्री को नहीं दी जाएगी.
हां, अगर आप 60 रुपये देते हैं तो आपकी एंट्री की पर्ची के पीछे 'सोफा' लिखकर अंदर के कर्मचारी को इशारा कर दिया जाएगा कि आप सोफे पर बैठने के लिए अधिकृत है. पैसा नहीं दिए जाने की सूरत में आपको सबके सामने जलील कर वहां से उठाया भी जा सकता है.
मंडल रेल प्रबंधक ने की कार्रवाई
उधर दिल्ली मंडल रेल प्रबंधक आरएन सिंह से जब इन तमाम पहलुओं पर सवाल किया गया तब उन्होंने मंडल की ओर से निजी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की और कहा कि आगे से ऐसा नहीं होगा.