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केंद्र ने ब्‍यास का पानी रोका, तो 25% तक कम हो सकती है पानी की आपूर्ति- राघव चड्ढा

दिल्लीवालों को इस बार गर्मियों में पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है. दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि दिल्ली में गर्मी में पानी की खपत बढ़ जाती है, लेकिन केंद्र सरकार नांगल हाइडल चैनल को बंद कर ब्यास नदी के पानी को एक महीने के लिए रोकने जा रही है.

raghav chadha said that there may be water crises in delhi
राघव चड्ढा ने कहा दिल्ली में होगी पानी की आपूर्ति
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Published : Feb 25, 2021, 3:52 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड द्वारा अपने जलापूर्ति सेंटर की मेंटेनेंस के लिए एक महीने तक दिल्ली को व्यास नदी से मिलने वाले पानी को रोका जा रहा है, जिससे दिल्ली में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है.

राघव चड्ढा का दावा : मेंटेनेंस की वजह से दिल्ली में 25 फ़ीसदी तक कम हो सकती है पानी की आपूर्ति

'नहीं है अपनी कोई वॉटर बॉडी'
राघव चड्ढा ने बताया कि राजधानी दिल्ली में अपनी कोई वाटर बॉडी नहीं है. दिल्ली में पानी की आपूर्ति के लिए हम चार सोर्स पर निर्भर हैं.जिसमें यमुना नदी का पानी, गंगा नदी का पानी, व्यास का पानी और भूमिगत पानी शामिल है. इन चारों में से 25 फीसदी पानी हमें व्यास से मिलता है. आमतौर पर दिल्ली में गर्मी में पानी की किल्लत हो जाती है. व्यास का पानी दिल्ली के पानी की आपूर्ति का कुल 25 फीसदी होता है. हमे बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार 1 महीने के लिए व्यास का पानी मेन्टेन्स के लिए रोक रही है. इसे पूरी तरह से रोका जा रहा है. जिससे दिल्ली में 25 प्रतिशत पानी की कमी हो जाएगी.

'चिट्टी लिख दी सूचना'
राघव चड्ढा ने बताया कि हमें एक चिट्ठी लिखी गई है हरियाणा के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जिसमें बताया गया है कि एक महीने के लिए पानी की आपूर्ति रोकी जा रही है. जिससे 232 एमजीडी पानी की आपूर्ति कम हो जाएगी. गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत होती है. जल बोर्ड मेहनत करता है पानी के आपूर्ति के लिए. अगर इतना पानी रोक दिया जाए तो दिल्ली में पानी का संकट उत्पन हो जाएगा. विधि व्यवस्था बिगड़ सकती है.

'मीटिंग में हो चर्चा'
राघव चड्ढा ने बताया कि दिल्ली को व्यास से जो पानी मिलता है वह एक करार के तहत मिलता है. दिल्ली के लोगों का अधिकार है. दिल्ली जल बोर्ड मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिशा निर्देशन में काम कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गर्मी के मौसम में राजधानी दिल्ली में पानी की कोई समस्या उत्पन्न ना हो. दिल्ली जल बोर्ड ने 19 फरवरी को केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार और भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड को एक पत्र लिखा है और अपनी परेशानी बताई है. हम यह चाहते हैं कि एक उच्च स्तरीय मीटिंग हो जिसमें सभी स्टेकहोल्डर शामिल हो और इस पर चर्चा की जाए. अचानक से दिल्ली में पानी की सप्लाई रोक देने से यहां कई तरह की समस्या उत्पन्न हो सकती है.

'पड़ सकता है फर्क '
राघव चड्ढा ने बताया कि राजधानी दिल्ली में कई अंतरराष्ट्रीय महत्व के इमारत है जिन्हें जल बोर्ड द्वारा पानी की आपूर्ति की जाती है. राष्ट्रपति निवास, प्रधानमंत्री आवास सहित कई महत्वपूर्ण इमारतें हैं जो सेंट्रल दिल्ली में स्थित है. अगर 232 एमजीडी पानी की आपूर्ति रोकी जाती है तो इन इलाकों में पानी की आपूर्ति पर फर्क पड़ सकता है. भाखड़ा व्यास बोर्ड केंद्र सरकार की संस्था है. मेरा सबसे अनुरोध है कि गर्मी के महीने में इस तरह के काम नही किए जाए जिससे लोगो को दिक्कत हो.

ये भी पढ़ें:-Nursery Admission 2021: निजी स्कूलों में शुरू हो सकती EWS/DG कोटे में दाखिला प्रक्रिया

'1200 एमजीडी तक जाती है पीक डिमांड'
राघव चड्ढा ने बताया कि गर्मी के मौसम पर राजधानी दिल्ली में पानी की डिमांड 1000 से लेकर 1200 एमजीडी तक की होती है. आज के समय दिल्ली जल बोर्ड के पास 935 एमजीडी की क्षमता है जिससे दिल्ली वासियों को पानी की आपूर्ति की जाती है. अगर इसमें भी 232 एमजीडी पानी की कमी होती है तो राजधानी दिल्ली में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है.

नई दिल्ली: दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड द्वारा अपने जलापूर्ति सेंटर की मेंटेनेंस के लिए एक महीने तक दिल्ली को व्यास नदी से मिलने वाले पानी को रोका जा रहा है, जिससे दिल्ली में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है.

राघव चड्ढा का दावा : मेंटेनेंस की वजह से दिल्ली में 25 फ़ीसदी तक कम हो सकती है पानी की आपूर्ति

'नहीं है अपनी कोई वॉटर बॉडी'
राघव चड्ढा ने बताया कि राजधानी दिल्ली में अपनी कोई वाटर बॉडी नहीं है. दिल्ली में पानी की आपूर्ति के लिए हम चार सोर्स पर निर्भर हैं.जिसमें यमुना नदी का पानी, गंगा नदी का पानी, व्यास का पानी और भूमिगत पानी शामिल है. इन चारों में से 25 फीसदी पानी हमें व्यास से मिलता है. आमतौर पर दिल्ली में गर्मी में पानी की किल्लत हो जाती है. व्यास का पानी दिल्ली के पानी की आपूर्ति का कुल 25 फीसदी होता है. हमे बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार 1 महीने के लिए व्यास का पानी मेन्टेन्स के लिए रोक रही है. इसे पूरी तरह से रोका जा रहा है. जिससे दिल्ली में 25 प्रतिशत पानी की कमी हो जाएगी.

'चिट्टी लिख दी सूचना'
राघव चड्ढा ने बताया कि हमें एक चिट्ठी लिखी गई है हरियाणा के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जिसमें बताया गया है कि एक महीने के लिए पानी की आपूर्ति रोकी जा रही है. जिससे 232 एमजीडी पानी की आपूर्ति कम हो जाएगी. गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत होती है. जल बोर्ड मेहनत करता है पानी के आपूर्ति के लिए. अगर इतना पानी रोक दिया जाए तो दिल्ली में पानी का संकट उत्पन हो जाएगा. विधि व्यवस्था बिगड़ सकती है.

'मीटिंग में हो चर्चा'
राघव चड्ढा ने बताया कि दिल्ली को व्यास से जो पानी मिलता है वह एक करार के तहत मिलता है. दिल्ली के लोगों का अधिकार है. दिल्ली जल बोर्ड मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिशा निर्देशन में काम कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गर्मी के मौसम में राजधानी दिल्ली में पानी की कोई समस्या उत्पन्न ना हो. दिल्ली जल बोर्ड ने 19 फरवरी को केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार और भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड को एक पत्र लिखा है और अपनी परेशानी बताई है. हम यह चाहते हैं कि एक उच्च स्तरीय मीटिंग हो जिसमें सभी स्टेकहोल्डर शामिल हो और इस पर चर्चा की जाए. अचानक से दिल्ली में पानी की सप्लाई रोक देने से यहां कई तरह की समस्या उत्पन्न हो सकती है.

'पड़ सकता है फर्क '
राघव चड्ढा ने बताया कि राजधानी दिल्ली में कई अंतरराष्ट्रीय महत्व के इमारत है जिन्हें जल बोर्ड द्वारा पानी की आपूर्ति की जाती है. राष्ट्रपति निवास, प्रधानमंत्री आवास सहित कई महत्वपूर्ण इमारतें हैं जो सेंट्रल दिल्ली में स्थित है. अगर 232 एमजीडी पानी की आपूर्ति रोकी जाती है तो इन इलाकों में पानी की आपूर्ति पर फर्क पड़ सकता है. भाखड़ा व्यास बोर्ड केंद्र सरकार की संस्था है. मेरा सबसे अनुरोध है कि गर्मी के महीने में इस तरह के काम नही किए जाए जिससे लोगो को दिक्कत हो.

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'1200 एमजीडी तक जाती है पीक डिमांड'
राघव चड्ढा ने बताया कि गर्मी के मौसम पर राजधानी दिल्ली में पानी की डिमांड 1000 से लेकर 1200 एमजीडी तक की होती है. आज के समय दिल्ली जल बोर्ड के पास 935 एमजीडी की क्षमता है जिससे दिल्ली वासियों को पानी की आपूर्ति की जाती है. अगर इसमें भी 232 एमजीडी पानी की कमी होती है तो राजधानी दिल्ली में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है.

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