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दिल्ली हिंसा: जनता ने पुलिस को व्हाट्सएप पर भेजा अंकित हत्याकांड का वीडियो- गृहमंत्री

दिल्ली हिंसा में आज लोकसभा में चर्चा की गई. जहां गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि क्राइम ब्रांच की टीम को पता चला है कि इस दंगे के लिए यूपी से लगभग 300 लोग आए थे. साथ ही जनवरी से लेकर फरवरी के बीच इन दंगों के लिए हवाला के जरिए बड़ी मात्रा में पैसे भी भेजे गए.

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Published : Mar 11, 2020, 10:28 PM IST

Public sent video of Ankit massacre in north east delhi voilance on Delhi Police's WhatsApp
दिल्ली हिंसा

नई दिल्‍ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान कई लोगों की जान चली गई थी. मामले में दिल्ली पुलिस ने जनता से दंगों से संबंधित वीडियो मांगा था. जिसके बाद हजारों की संख्या में लोगों ने वीडियो दिल्ली पुलिस को व्हाट्सएप किए.

इनमें एक ऐसा महत्वपूर्ण वीडियो भी है जो आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या से जुड़ा हुआ है. यह बेहद ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है जो जनता की तरफ से पुलिस को मुहैया कराया गया है.

व्हाट्सएप पर भेजा अंकित हत्याकांड का वीडियो

'यूपी से आए 300 लोग'

यह जानकारी गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुधवार को संसद में दी गई. यह हिंसा एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है और इसे ध्यान में रखते हुए साजिश की अलग एफआईआर दर्ज की गई है. दंगों को लेकर छानबीन कर रही क्राइम ब्रांच की टीम को पता चला है कि इस दंगे के लिए यूपी से लगभग 300 लोग आए थे. जनवरी से लेकर फरवरी के बीच इन दंगों के लिए हवाला के जरिए बड़ी मात्रा में पैसे भी भेजे गए हैं.

'दंगाइयों से होगी दंगों के नुकसान की भरपाई'

पुलिस को कुछ ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट के बारे में भी जानकारी मिली है, जो 22 फरवरी को बनाए गए और 26 तारीख को बंद कर दिए गए. ऐसे 60 अकाउंट अब तक पुलिस की जांच में सामने आ चुके हैं. इन्हें लेकर 25 मामले आईटी एक्ट में भी दर्ज किए गए हैं. दंगाइयों से होगी नुकसान की भरपाई गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि दिल्ली में हुए दंगे के नुकसान की भरपाई दंगाइयों से ही की जाएगी.

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को सरकार की तरफ से पत्र लिखा गया है. इसके लिए एक जज को क्लेम कमिश्नर नियुक्त करने की मांग की गई है. पुलिस के अनुसार इस हिंसा में 52 लोगों की मौत हुई है जबकि 526 लोग घायल हुए हैं. हिंसा में 371 दुकानों को जबकि 142 मकान को जलाया गया है.

'ऐसे हो रही है दंगाइयों की पहचान'

इस नुकसान की भरपाई दंगाइयों की संपत्ति को बेचकर की जाएगी. इसका ऐलान भी गृहमंत्री की तरफ से संसद में किया गया है. इस मशीन से की जा रही दंगाइयों की पहचान जानकारी के अनुसार दंगे में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए दिल्ली पुलिस की तरफ से फेस रिकॉग्नाइजेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है.

इसमें पुलिस की तरफ से लोगों के लाइसेंस, पहचान पत्र एवं अन्य सरकारी दस्तावेज पर मौजूद तस्वीर को डाला गया है. दंगे में शामिल लोगों की फुटेज से इसका मिलान किया जा रहा है. गृहमंत्री अमित शाह का दावा है कि से अब तक 1100 से ज्यादा दंगाइयों की पहचान हो चुकी है. इनमें बड़ी संख्या में यूपी के लोग भी शामिल हैं जिनकी पहचान इस मशीन के द्वारा की गई है.

'36 घंटे में दंगों पर पाया काबू'

दिल्ली में 36 घंटे के भीतर दंगे पर पूरी तरीके से काबू पा लिया गया. इसे लेकर गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से दिल्ली पुलिस के काम की सराहना की गई है. संसद में उन्होंने इतने कम समय में हालात पर काबू पाने और उसे दिल्ली के अन्य हिस्सों में नहीं फैलने देने के लिए शाबाशी दी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि दंगे में शामिल कोई भी शख्स नहीं बख्शा जाएगा. वह किसी भी धर्म का हो किसी भी जाति का हो और किसी भी पार्टी का हो उसके खिलाफ सख्त एक्शन होगा.

नई दिल्‍ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान कई लोगों की जान चली गई थी. मामले में दिल्ली पुलिस ने जनता से दंगों से संबंधित वीडियो मांगा था. जिसके बाद हजारों की संख्या में लोगों ने वीडियो दिल्ली पुलिस को व्हाट्सएप किए.

इनमें एक ऐसा महत्वपूर्ण वीडियो भी है जो आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या से जुड़ा हुआ है. यह बेहद ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है जो जनता की तरफ से पुलिस को मुहैया कराया गया है.

व्हाट्सएप पर भेजा अंकित हत्याकांड का वीडियो

'यूपी से आए 300 लोग'

यह जानकारी गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुधवार को संसद में दी गई. यह हिंसा एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है और इसे ध्यान में रखते हुए साजिश की अलग एफआईआर दर्ज की गई है. दंगों को लेकर छानबीन कर रही क्राइम ब्रांच की टीम को पता चला है कि इस दंगे के लिए यूपी से लगभग 300 लोग आए थे. जनवरी से लेकर फरवरी के बीच इन दंगों के लिए हवाला के जरिए बड़ी मात्रा में पैसे भी भेजे गए हैं.

'दंगाइयों से होगी दंगों के नुकसान की भरपाई'

पुलिस को कुछ ऐसे सोशल मीडिया अकाउंट के बारे में भी जानकारी मिली है, जो 22 फरवरी को बनाए गए और 26 तारीख को बंद कर दिए गए. ऐसे 60 अकाउंट अब तक पुलिस की जांच में सामने आ चुके हैं. इन्हें लेकर 25 मामले आईटी एक्ट में भी दर्ज किए गए हैं. दंगाइयों से होगी नुकसान की भरपाई गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि दिल्ली में हुए दंगे के नुकसान की भरपाई दंगाइयों से ही की जाएगी.

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को सरकार की तरफ से पत्र लिखा गया है. इसके लिए एक जज को क्लेम कमिश्नर नियुक्त करने की मांग की गई है. पुलिस के अनुसार इस हिंसा में 52 लोगों की मौत हुई है जबकि 526 लोग घायल हुए हैं. हिंसा में 371 दुकानों को जबकि 142 मकान को जलाया गया है.

'ऐसे हो रही है दंगाइयों की पहचान'

इस नुकसान की भरपाई दंगाइयों की संपत्ति को बेचकर की जाएगी. इसका ऐलान भी गृहमंत्री की तरफ से संसद में किया गया है. इस मशीन से की जा रही दंगाइयों की पहचान जानकारी के अनुसार दंगे में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए दिल्ली पुलिस की तरफ से फेस रिकॉग्नाइजेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है.

इसमें पुलिस की तरफ से लोगों के लाइसेंस, पहचान पत्र एवं अन्य सरकारी दस्तावेज पर मौजूद तस्वीर को डाला गया है. दंगे में शामिल लोगों की फुटेज से इसका मिलान किया जा रहा है. गृहमंत्री अमित शाह का दावा है कि से अब तक 1100 से ज्यादा दंगाइयों की पहचान हो चुकी है. इनमें बड़ी संख्या में यूपी के लोग भी शामिल हैं जिनकी पहचान इस मशीन के द्वारा की गई है.

'36 घंटे में दंगों पर पाया काबू'

दिल्ली में 36 घंटे के भीतर दंगे पर पूरी तरीके से काबू पा लिया गया. इसे लेकर गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से दिल्ली पुलिस के काम की सराहना की गई है. संसद में उन्होंने इतने कम समय में हालात पर काबू पाने और उसे दिल्ली के अन्य हिस्सों में नहीं फैलने देने के लिए शाबाशी दी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि दंगे में शामिल कोई भी शख्स नहीं बख्शा जाएगा. वह किसी भी धर्म का हो किसी भी जाति का हो और किसी भी पार्टी का हो उसके खिलाफ सख्त एक्शन होगा.

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