नई दिल्ली: देश में एक बार फिर आंशिक नोटबंदी हो गई है. आरबीआई ने 2000 का नोट वापस लेने का फैसला किया है. अब नए नोट नहीं छापे जाएंगे और पुराने नोट 30 सितंबर तक वापस किए जा सकेंगे. आरबीआई ने बताया कि फिलहाल 2000 के नोट वैध रहेंगे और 23 मई से 30 सितंबर तक 2000 रुपये बैंक में जमा किये जा सकेंगे.
वहीं, ईटीवी भारत की टीम ने इस फैसले पर दिल्ली के लोगों से प्रतिक्रिया ली. प्रमोद चौधरी ने बताया कि सरकार का यह एक अच्छा फैसला है. इससे ब्लैक मनी पर लगाम लगेगी. 2000 के नोट गरीबों के पास तो होते नहीं है. पैसों वालों के पास रहेंगे. जिन लोगों ने भी गलत पैसा कमाया होगा या गलत पैसा उनके पास होगा उनको थोड़ी बहुत जरूर परेशानी होगी. उन्होंने कहा कि इसमें घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि गरीब व्यक्ति के पास तो वैसे भी पैसा नहीं है. घबरा तो वो लोग रहें, जिनके पास ज्यादा पैसा है और वह कैसे बैंकों में जाएंगे.
वहीं, दुग्गल कॉलोनी में रहने वाले देवेंद्र बंसल ने बताया कि यह काफी अच्छा फैसला है. सरकार ने पहले से ही 2000 के नोट बैंक वापस ले रही थी और चलन में भी कम चल रही थी. इससे कहीं ना कहीं तो देश में अवैध गतिविधियां चल रही हैं. उस पर भी एक बड़ी रोक लगेगी. साथ ही यह एक अच्छा फैसला है और आने वाले दिनों में इसके परिणाम भी अच्छे होंगे.
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वहीं, दिल्ली निवासी तरुण गर्ग ने बताया कि यह गलत फैसला है. कहीं ना कहीं इस फैसले से भारत की छवि भी खराब हो रही है. अचानक से सरकार इस तरह का आदेश देती है. उससे लोगों की विश्वसनीयता भारत के प्रति खत्म हो जाएगी. लोग भारत के पैसे लेने से डरेंगे की पता नहीं अचानक से भारत का पैसा कब बंद हो जाए. इससे विदेशों में भी देश की छवि खराब होगी. अगर ऐसा ही करना था तो धीमे-धीमे सारे पैसे आरबीआई लोगों से बैंकों में जमा कराती रहती तो कोई इतना फर्क नहीं पड़ता. इससे आम जनता पर बहुत बड़ा फर्क पड़ेगा. वहीं इस पूरे मामले पर लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली.
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