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देश में दोहरी शिक्षा नीति सरकार की साजिश, जन संसद में रायशुमारी

नई दिल्ली: शिक्षा नीति पर रायशुमारी के लिए अंबेडकर भवन में आयोजित जन संसद में देश में व्याप्त प्राइवेट स्कूल और सरकारी स्कूल की दोहरी शिक्षा नीति को खत्म करने की मांग उठाई गई.

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Published : Feb 19, 2019, 4:50 AM IST

शिक्षा नीति की आलोचना

अखिल भारतीय शिक्षा अधिकार मंच ने शिक्षा नीति पर जन संसद का आयोजन किया. जन संसद में असमान शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने की मांग उठाई गई. साथ ही केजी से परास्नातक तक सभी को बराबर शिक्षा, सरकार और शिक्षा के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग उठाई गई.

शिक्षा नीति पर जन संसद
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उच्च शिक्षा पर बढ़ा है हमला
अखिल भारतीय शिक्षा अधिकार मंच का कहना है कि बीजेपी सरकार के शासन में उच्च शिक्षा पर लगातार हमला बढ़ रहा है. ये हमला कभी छात्रों की फीस बढ़ा कर तो कभी शिक्षा बजट को घटाकर तो कभी सीटों में कटौती करके किया जा रहा है.

सरकारी नीतियां संदेहजनक हैं
मंच ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में नई-नई नीतियां जैसे शैक्षणिक संस्थानों को पूरा अनुदान ना देना, कॉलेजों को स्वयं तलब बनाना रैंकिंग के आधार पर बांट कर अनुदान देना जैसी नीतियां संदेहजनक है.

शिक्षा को तोड़ने की साजिश है
अधिकार मंच ने कहा कि हेफा कर्ज को अनिवार्य करना जिसके तहत भारी फीस बढ़ोतरी होगी, शिक्षकों को स्थाई नौकरी ना देकर उन्हें ठेके पर पढ़ाने को मजबूर करना आदि शिक्षा व्यवस्था को तोड़ने की साजिश है.

अखिल भारतीय शिक्षा अधिकार मंच ने शिक्षा नीति पर जन संसद का आयोजन किया. जन संसद में असमान शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने की मांग उठाई गई. साथ ही केजी से परास्नातक तक सभी को बराबर शिक्षा, सरकार और शिक्षा के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग उठाई गई.

शिक्षा नीति पर जन संसद
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उच्च शिक्षा पर बढ़ा है हमला
अखिल भारतीय शिक्षा अधिकार मंच का कहना है कि बीजेपी सरकार के शासन में उच्च शिक्षा पर लगातार हमला बढ़ रहा है. ये हमला कभी छात्रों की फीस बढ़ा कर तो कभी शिक्षा बजट को घटाकर तो कभी सीटों में कटौती करके किया जा रहा है.

सरकारी नीतियां संदेहजनक हैं
मंच ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में नई-नई नीतियां जैसे शैक्षणिक संस्थानों को पूरा अनुदान ना देना, कॉलेजों को स्वयं तलब बनाना रैंकिंग के आधार पर बांट कर अनुदान देना जैसी नीतियां संदेहजनक है.

शिक्षा को तोड़ने की साजिश है
अधिकार मंच ने कहा कि हेफा कर्ज को अनिवार्य करना जिसके तहत भारी फीस बढ़ोतरी होगी, शिक्षकों को स्थाई नौकरी ना देकर उन्हें ठेके पर पढ़ाने को मजबूर करना आदि शिक्षा व्यवस्था को तोड़ने की साजिश है.

Intro:

शिक्षा नीति पर आयोजित जन संसद में हुआ तय देश में सरकारी और प्राइवेट की दोहरी शिक्षा नीति हो खत्म

नई दिल्ली

शिक्षा नीति पर रायशुमारी के लिए अंबेडकर भवन में आयोजित जन संसद में देश में व्याप्त प्राइवेट स्कूल और सरकारी स्कूल की दोहरी शिक्षा नीति को खत्म करने की मांग उठाई गई.


Body:सोमवार को अखिल भारतीय शिक्षा अधिकार मंच ने शिक्षा नीति पर जन संसद का आयोजन किया. जन संसद में असमान शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने की मांग उठाई गई .साथ ही सभी के लिए केजी से परास्नातक तक सभी को बराबर शिक्षा सरकार और शिक्षा के निजीकरण पर रोक लगाने की मांगों को उठाया गया.



Conclusion:
अखिल भारतीय शिक्षा अधिकार मंच का कहना है कि बीजेपी सरकार के शासन में उच्च शिक्षा पर लगातार हमला बढ़ रहा है यह हमला कभी छात्रों की फीस बढ़ा कर तो कभी शिक्षा बजट को घटाकर तो कभी सीटों में कटौती करके किया जा रहा है सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में नई नई नीतियां जैसे शैक्षणिक संस्थानों को पूरा अनुदान ना देना कॉलेजों को स्वयततब बनाना रैंकिंग के आधार पर बांट कर अनुदान देना और हेफा कर्ज को अनिवार्य करना जिसके तहत भारी फीस बढ़ोतरी होगी शिक्षकों को स्थाई नौकरी ना देकर उन्हें ठेके पर पढ़ाने को मजबूर करना आदि शामिल है.
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