अखिल भारतीय शिक्षा अधिकार मंच ने शिक्षा नीति पर जन संसद का आयोजन किया. जन संसद में असमान शिक्षा व्यवस्था को खत्म करने की मांग उठाई गई. साथ ही केजी से परास्नातक तक सभी को बराबर शिक्षा, सरकार और शिक्षा के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग उठाई गई.
उच्च शिक्षा पर बढ़ा है हमला
अखिल भारतीय शिक्षा अधिकार मंच का कहना है कि बीजेपी सरकार के शासन में उच्च शिक्षा पर लगातार हमला बढ़ रहा है. ये हमला कभी छात्रों की फीस बढ़ा कर तो कभी शिक्षा बजट को घटाकर तो कभी सीटों में कटौती करके किया जा रहा है.
सरकारी नीतियां संदेहजनक हैं
मंच ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में नई-नई नीतियां जैसे शैक्षणिक संस्थानों को पूरा अनुदान ना देना, कॉलेजों को स्वयं तलब बनाना रैंकिंग के आधार पर बांट कर अनुदान देना जैसी नीतियां संदेहजनक है.
शिक्षा को तोड़ने की साजिश है
अधिकार मंच ने कहा कि हेफा कर्ज को अनिवार्य करना जिसके तहत भारी फीस बढ़ोतरी होगी, शिक्षकों को स्थाई नौकरी ना देकर उन्हें ठेके पर पढ़ाने को मजबूर करना आदि शिक्षा व्यवस्था को तोड़ने की साजिश है.