नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में इस बार का शीतकालीन सत्र हंगामों से भरा रहा. दिल्ली विधानसभा में बीजेपी नेताओं ने कभी ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर सदन में प्रदर्शन किया, तो कभी हल लेकर आ गए. इन सबको देखते हुए दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने इसे सदन की मर्यादा के विरुद्ध बताया है और सदन की कार्रवाई के दौरान धरना प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है.
शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि इस सत्र में जिस तरह से विपक्ष के नेता सत्र के पहले दिन ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर सदन में आए, यह सदन की मर्यादा के विरुद्ध था. इतिहास में इससे पहले इस तरह की घटना नहीं हुई थी. साथ ही इसके अगले दिन काली पगड़ी पहनकर आए. इसके अगले दिन हल लेकर आए और धरना प्रदर्शन किया. यह आगे बर्दाश नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि मैंने इस पर एक्शन लिया और पहले दिन विपक्ष के नेता को दिन भर के लिए बाहर रखा. साथ ही विधानसभा के अंदर सुरक्षा में तैनात मार्शल को भी चेतवानी दी है कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो. उन्होंने कहा कि आगे सदन की कारवाई के दौरान धरना प्रदर्शन पर प्रतिबंध रहेगा.
कैसा रह शीतकालीन का सत्र?
विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि तीसरे सत्र का चौथा भाग 16 जनवरी 2023 को स्थापित परम्परानुसार दिवंगतः आत्माओं को श्रद्धांजलि देने के साथ शुरू हुआ. हालांकि, सदन में सदस्यों की अनुशासनहीनता और अभद्र व्यवहार के कारण सत्र की पहली बैठक हंगामापूर्ण रही. 16 जनवरी 2023 को कोई कार्य नहीं किया जा सका. सत्र के दौरान नियम -280 के तहत विशेष उल्लेख के 39 मामलों को अनुमति दी गई.
दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय, बिजली कंपनियों, डीईआरसी और दिल्ली जल बोर्ड सहित विभिन्न विभागों के 8 दस्तावेजों की प्रतियां सदन के पटल प्रस्तुत की गई. दो विधेयक अर्थात् " दिल्ली माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2023 " और " दिल्ली विनियोग (संख्या 1) विधेयक, 2023 " को सदन में पारित किया गया.
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दिल्ली के निवासियों के जीवन को बेहतर बनाने और सहायता करने की दृष्टि से वृद्धावस्था पेंशन, छात्रवृत्ति, विधवा पेंशन आदि जैसी कल्याणकारी योजनाओं के लिए समाज कल्याण विभाग को दिल्ली सरकार ने 1211.97 करोड़ रुपए का अतिरिक्त पूरक अनुदान दिया है. इसी प्रकार शिक्षा विभाग को 220.83 करोड़ रुपए, चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य के लिए 99.14 करोड़ रुपए, विकास विभाग को 706.20 करोड़ रुपए, उद्योग विभाग को 84.63 करोड़ रुपए की राशि जनहित में आवंटित की गई है.
दिल्ली सरकार ने शहरी विकास और सार्वजनिक कार्यों जैसे सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार आदि के लिए 377.84 करोड़ रुपए का अतिरिक्त अनुदान दिया है. इस प्रकार दिल्ली सरकार ने विभिन्न विभागों को पूरक मांगों के रूप में कुल 3139.17 करोड़ रुपए दिए हैं. यह केवल दिल्ली में बुनियादी ढांचे जैसे स्वास्थ्य या शिक्षा या कल्याणकारी योजनाएँ या सार्वजनिक निर्माण आदि को बढ़ाने के लिए हैं. याचिका समिति के तीन अंतरिम प्रतिवेदन भी पेश किए गए, जिन पर सदन ने विचार किया और उन्हें स्वीकार किया.
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