नई दिल्ली: बाइक बोट नामक कंपनी द्वारा किए गए फर्जीवाड़े को लेकर रविवार को विभिन्न राज्यों के निवेशक देश की राजधानी दिल्ली पहुंचे और कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन किया. बता दें कि कंपनी हजारों निवेशकों का पैसा लूट कर भाग गई है, जिससे निवेशक सकते में हैं.
लाखों रुपये फंसे
बता दें कि मुंबई, उड़ीसा, हरियाणा और विभिन्न राज्यों से सैकड़ों निवेशक दिल्ली पहुंचे और बाइक बोट कंपनी के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया.
प्रदर्शन में मौजूद लोगों का आरोप था कि बाइक बोट नामक कंपनी उन्हें निवेश पर रिटर्न्स देने का वादा किया था, लेकिन अब कंपनी अपने वादे से पलट गई है. जिसकी वजह से लाखों लोगों की मेहनत की कमाई का पैसा कंपनी में फंसा हुआ है.
निवेशकों ने बताया कि उन्होंने कंपनी में किराए पर बाइक लगाई थी, जिस पर कंपनी ने हर महीने एनईएफटी के माध्यम से रिटर्न देने का वादा किया था.
कुछ समय तक कंपनी निवेशकों के खाते में एनईएफटी कर पैसे पहुंचाए, लेकिन दिसंबर 2018 के बाद से कंपनी फरार हो गई. जिसके कारण किसी भी निवेशक के खाते में 5 महीने से पैसे नहीं पहुंच रहे हैं.
वादे से पलटी कंपनी
पानीपत हरियाणा से आए निवेशक चानी शर्मा ने बताया कि कंपनी ने 62200 रुपये के निवेश पर प्रतिमाह 5700 रुपये देने का वादा किया था. शर्मा ने लोन लेकर आठ लाख रुपये कंपनी में निवेश किये थे.
वहीं इस प्रदर्शन में मौजूद एक महिला ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे के नाम से 8 बाइकें लगाई थी और कंपनी ने वादा किया था कि उन्हें हर महीने 55000 रुपये मिलेंगे और साल में पैसा डबल होकर मिलेगा, लेकिन अभी तक उनको एक भी रुपया नहीं मिला है. हालांकि जब वह फोन कर पता लगाने की कोशिश करती हैं तो वहां से कोई जवाब नहीं मिलता है.
कार्रवाई को लेकर प्रधानमंत्री से उम्मीद
प्रदर्शन में मौजूद लोगों ने बताया कि कंपनी का मुख्य कार्यालय नोएडा में है और इसकी शिकायत नोएडा में पुलिस से की गई है. लेकिन अभी तक इस पर कोई खास कार्रवाई नहीं हुई है. जिसकी वजह से निवेशक दिल्ली में प्रदर्शन करने को मजबूर हैं.
लोगों ने बताया कि पहले तो कंपनी ने अपना ऑफिस चालू रखा और वहां पर कुछ गुंडों को बैठा दिया. जब निवेशक वहां अपनी शिकायत लेकर पहुंचे थे तो वहां उन्हें डराया धमकाया जाता था, लेकिन कुछ वक्त के बाद वह कार्यालय बंद हो गया. प्रदर्शन में मौजूद लोगों ने उम्मीद जताई है कि इस पर प्रधानमंत्री कुछ कार्रवाई करेंगे. जिससे उनकी मेहनत की कमाई का पैसा उन्हें वापस मिल सके.