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Nari Tu Narayani : महिलाएं हो तन और मन से मजबूत, यह समय की जरूरत और नवरात्रि की सीख भी

नवरात्रि के त्योहार पर पूरे 9 दिन तक मां दुर्गा के अलग-अलग नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. ऐसे में हम आपको एक ऐसी ही शख्सियत से मिला रहे हैं, जो लंबे समय से समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं. जिन्होंने कोरोना काल के समय में भी अपनी जिम्मेदारी को ना सिर्फ निभाया, बल्कि लोगों की मदद की. जिन्होंने लड़कियों की शिक्षा के लिए लोगों को जागरूक (awareness about importance of girls education) किया.

Nari Tu Narayani
प्रोफेसर मंजू गोयल
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Published : Sep 26, 2022, 6:09 AM IST

Updated : Sep 26, 2022, 8:28 AM IST

नई दिल्ली: प्रोफेसर मंजू गोयल (Professor Manju Goel) पिछले 15 साल से समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहीं हैं. इन्होंने अपने प्रयास से बीते कुछ सालों में बवाना के क्षेत्र में आने वाले हरवेला गांव की तस्वीर न सिर्फ बदल दी, बल्कि महिला सशक्तीकरण और जल संरक्षण जैसे लगभग एक दर्जन से ज्यादा कार्यक्रम और अभियान चलाकर दिल्ली के गांव को एक मॉर्डनाइज विलेज में तब्दील कर रहीं हैं.

नवरात्रि के शुभ अवसर पर मां दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा की जाती है. से सभी शक्तिस्वरूपा हैं और स्त्री रूप में हैं. दयालु हैं मगर कृपास्वरूपा भी हैं. हम इस अवसर पर डॉ. मंजू गोयल के रूप में ऐसी ही एक शक्तिस्वरूपा की कहानी दे रहे हैं, जो पूरे समाज को न सिर्फ प्रेरणा दे रही हैं, बल्कि नारी सशक्तिकरण की एक मिसाल बन चुकी हैं. डॉ मंजू एक ऐसी शख्सियत का नाम है, जिसने गांव जाकर लोगों को शिक्षा के महत्व के बारे में समझाया. यह भी समझाया कि लड़कियों के लिए शिक्षा कितना जरूरी (importance of girls education) है.

प्रोफेसर मंजू गोयल

ये भी पढ़ें: शक्ति स्वरूपा: मिलिए प्रोफेसर हिना सिंह से, जिन्होंने कोरोना काल में निभाई अहम भूमिका

डॉ. मंजू गोयल दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले अदिति महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. वह समाज सेवा के कार्य में भी लगी रहती हैं. SPID, क्राईम अगेंस्ट वूमेन सेल्स समेत लगभग आधा दर्जन गैर सरकारी संगठन और आर्गेनाइजेशन के साथ जुड़कर लगातार समाज सेवा के कार्य में जुटी हैं. केंद्र सरकार की उन्नत भारत अभियान योजना के तहत मंजू गोयल ने लगातार दिल्ली के बवाना क्षेत्र स्थित पांच अलग-अलग गांवों में समाज सेवा के कार्य कर उसकी स्थिति को सुधारने में जुटी हैं.

ये भी पढ़ें: शक्ति स्वरूपा: कोविड के दौरान बच्चों को पढ़ाने से लेकर श्रमिकों को घर पहुंचाने में की मदद

वैश्विक महामारी कोरोना के समय में भी डॉ. गोयल ने अपनी जिम्मेदारी को भलीभांति निभाया. इन्होंने उस समय लोगों तक न सिर्फ राशन पहुंचाया, बल्कि सैनिटरी नैपकिन्स और दूसरी तमाम जरूरी जरूरी चीजों को भी उपलब्ध कराया. यही नहीं, इन्होंने गांव में रहने वाली महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराया और उनको मास्क बनाने के लिए प्रेरित किया.

डॉ मंजू गोयल लंबे समय से महिला सशक्तीकरण के साथ डोमेस्टिक वायलेंस के खिलाफ भी काम कर रही हैं. उन्होंने बवाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले हरेवली गांव में सफाई के मद्देनजर विशेष अभियान चलाया. इस गांव में महिला सशक्तिकरण, जल संरक्षण समेत अनेक कार्यक्रम कर गांव की तस्वीर को बदलने का काम किया.

ये भी पढ़ें: शक्ति स्वरूपा : कोरोना काल में की छात्रों की मदद, निभाया साथी कलाकारों का साथ

उनका संदेश है कि समय को देखते हुए महिला सुरक्षा बेहद जरूरी है. लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग जरूर लेनी चाहिए, ताकि वह जरूरत पड़ने पर अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकें. दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों में सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग के कार्यक्रम समय-समय पर होते रहते हैं. सभी लड़कियों को इनमें भाग लेना चाहिए.

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नई दिल्ली: प्रोफेसर मंजू गोयल (Professor Manju Goel) पिछले 15 साल से समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहीं हैं. इन्होंने अपने प्रयास से बीते कुछ सालों में बवाना के क्षेत्र में आने वाले हरवेला गांव की तस्वीर न सिर्फ बदल दी, बल्कि महिला सशक्तीकरण और जल संरक्षण जैसे लगभग एक दर्जन से ज्यादा कार्यक्रम और अभियान चलाकर दिल्ली के गांव को एक मॉर्डनाइज विलेज में तब्दील कर रहीं हैं.

नवरात्रि के शुभ अवसर पर मां दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा की जाती है. से सभी शक्तिस्वरूपा हैं और स्त्री रूप में हैं. दयालु हैं मगर कृपास्वरूपा भी हैं. हम इस अवसर पर डॉ. मंजू गोयल के रूप में ऐसी ही एक शक्तिस्वरूपा की कहानी दे रहे हैं, जो पूरे समाज को न सिर्फ प्रेरणा दे रही हैं, बल्कि नारी सशक्तिकरण की एक मिसाल बन चुकी हैं. डॉ मंजू एक ऐसी शख्सियत का नाम है, जिसने गांव जाकर लोगों को शिक्षा के महत्व के बारे में समझाया. यह भी समझाया कि लड़कियों के लिए शिक्षा कितना जरूरी (importance of girls education) है.

प्रोफेसर मंजू गोयल

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डॉ. मंजू गोयल दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले अदिति महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. वह समाज सेवा के कार्य में भी लगी रहती हैं. SPID, क्राईम अगेंस्ट वूमेन सेल्स समेत लगभग आधा दर्जन गैर सरकारी संगठन और आर्गेनाइजेशन के साथ जुड़कर लगातार समाज सेवा के कार्य में जुटी हैं. केंद्र सरकार की उन्नत भारत अभियान योजना के तहत मंजू गोयल ने लगातार दिल्ली के बवाना क्षेत्र स्थित पांच अलग-अलग गांवों में समाज सेवा के कार्य कर उसकी स्थिति को सुधारने में जुटी हैं.

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वैश्विक महामारी कोरोना के समय में भी डॉ. गोयल ने अपनी जिम्मेदारी को भलीभांति निभाया. इन्होंने उस समय लोगों तक न सिर्फ राशन पहुंचाया, बल्कि सैनिटरी नैपकिन्स और दूसरी तमाम जरूरी जरूरी चीजों को भी उपलब्ध कराया. यही नहीं, इन्होंने गांव में रहने वाली महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराया और उनको मास्क बनाने के लिए प्रेरित किया.

डॉ मंजू गोयल लंबे समय से महिला सशक्तीकरण के साथ डोमेस्टिक वायलेंस के खिलाफ भी काम कर रही हैं. उन्होंने बवाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले हरेवली गांव में सफाई के मद्देनजर विशेष अभियान चलाया. इस गांव में महिला सशक्तिकरण, जल संरक्षण समेत अनेक कार्यक्रम कर गांव की तस्वीर को बदलने का काम किया.

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उनका संदेश है कि समय को देखते हुए महिला सुरक्षा बेहद जरूरी है. लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग जरूर लेनी चाहिए, ताकि वह जरूरत पड़ने पर अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकें. दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों में सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग के कार्यक्रम समय-समय पर होते रहते हैं. सभी लड़कियों को इनमें भाग लेना चाहिए.

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Last Updated : Sep 26, 2022, 8:28 AM IST
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