नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय में अकादमिक काउंसिल (एसी) और एग्जीक्यूटिव काउंसिल (ईसी) के चुनाव के लिए प्रचार प्रसार जोरों पर है. सभी उम्मीदवार अपने अपने मुद्दों को लेकर शिक्षकों के बीच जा रहे हैं. इसी कड़ी में अकादमिक फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट की ओर से एसी के उम्मीदवार डॉ. आलोक रंजन पांडेय नए साल के मौके पर कॉलेज जाकर वोट मांगते नजर आए. साथ ही उन्होंने कहा कि एडहॉक शिक्षकों का समायोजन महज चुनावी नहीं, बल्कि दिल से जुड़ा हुआ मुद्दा है जिसे छोड़ा नहीं जा सकता.
सभी प्रत्याशियों का अहम मुद्दा इस बार एडहॉक शिक्षकों का समायोजन है. ऐसे में AAD द्वारा एसी के लिए घोषित उम्मीदवार डॉ. आलोक रंजन पांडेय इसी मुद्दे को लेकर शिक्षकों के बीच वोट मांगते नजर आए. वहीं डॉ. आलोक रंजन का कहना है कि वह खुद बतौर एडहॉक शिक्षक एक दशक से ज्यादा काम कर चुके हैं. ऐसे में वह एडहॉक शिक्षकों की परेशानी को बेहतर समझ सकते हैं. साथ ही कहा कि एडहॉक शिक्षकों का मुद्दा उनके लिए महज चुनावी मुद्दा नहीं है, बल्कि दिल से जुड़ा मुद्दा है जिसे आसानी से छोड़ा नहीं जा सकता.
तकनीक का सहारा लेकर चुनाव का प्रचार-प्रसार
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में चुनाव का प्रचार करना आसान नहीं होगा. ऐसे में वह तकनीक का प्रयोग कर विभिन्न माध्यमों से अपना चुनाव प्रचार करेंगे और अपने मुद्दों और शिक्षकों के हित के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को शिक्षकों तक पहुचाएंगे. उन्होंने कहा कि वह पहले भी एडहॉक शिक्षकों के समायोजन की मांग करते आ रहे हैं और अभी भी शिक्षकों की जो स्थिति है उसे बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे.
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