नई दिल्लीः करीब तीन दशक बाद नई शिक्षा नीति बनाई गई है. वहीं इसको लेकर सबकी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है. इस बीच दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि नई शिक्षा नीति उच्च शिक्षा पर हमला है. इसमें जिस तरह से बोर्ड ऑफ गवर्नेंस को फाइनल अथॉरिटी बनाया गया है, ऐसे में स्पष्ट है कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में भी निजीकरण को बढ़ावा देने पर तुली है.
'अनुदान पर भी पड़ेगा असर'
बता दें कि नई शिक्षा नीति को मिले अनुमोदन के बाद से ही इसपर विवाद भी खड़ा हो गया है. डीयू के शिक्षक इसे छात्र हित में नहीं मानते. इसी कड़ी में डूटा के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि नई शिक्षा नीति उच्च शिक्षा पर एक चोट है.
वहीं उन्होंने कहा कि जिस तरह इस शिक्षा नीति में गवर्नेंस बॉडी के गठन की बात कही गई है और सारे अधिकार भी उसी के पास होंगे, ऐसे में यूजीसी की महत्ता कम होगी और कॉलेजों को जो अनुदान मिलता है उसपर भी असर पड़ेगा.