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दिल्ली गोल्फ क्लब ने प्रोफेशनल गोल्फर्स पर लगाई थी रोक, खिलाड़ी पहुंचे हाईकोर्ट

याचिका में कहा गया है कि दिल्ली गोल्फ क्लब ने 2016 में मनमाने तरीके से ये नियम बनाया कि जो गोल्फर क्लब के मेंबर नहीं हैं. वे शाम को ही प्रैक्टिस कर सकते हैं. उनके लिए जाड़े के मौसम में शाम 4.30 बजे के बाद और गर्मी के दिनों में शाम 5.30 बजे के बाद ही प्रैक्टिस करने की अनुमति दी गई है.

दिल्ली गोल्फ क्लब ने प्रोफेशनल गोल्फर्स पर लगाई थी रोक, खिलाड़ी पहुंचे हाईकोर्ट
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Published : Mar 12, 2019, 12:11 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी स्थित गोल्फ क्लब में प्रोफेशनल गोल्फर्स के प्रवेश पर रोक लगाने के फैसले के खिलाफ गोल्फ खिलाड़ियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिका एशियन गेम्स 2010 में सिल्वर मेडल जीतने वाले खिलाड़ी राशिद खान ने दायर किया है.

राशिद खान ने अपने वकील विवेक नारायण शर्मा के जरिए दायर याचिका में मांग की है कि दिल्ली गोल्फ क्लब की लीज को रद्द किया जाए. याचिका में केंद्र सरकार के उस आदेश का जिक्र किया गया है जिसमें गोल्फ क्लब में10 फीसदी गोल्फ खिलाड़ियों के लिए जगह आरक्षित रखने को कहा गया है. याचिका में कहा गया है कि गोल्फ क्लब के लिए जमीन सरकार ने दी है इसलिए उसे सरकार के आदेश का पालन करना होगा.


याचिका में कहा गया है कि दिल्ली गोल्फ क्लब ने 2016 में मनमाने तरीके से ये नियम बनाया कि जो गोल्फर क्लब के मेंबर नहीं हैं. वे शाम को ही प्रैक्टिस कर सकते हैं. उनके लिए जाड़े के मौसम में शाम 4.30 बजे के बाद और गर्मी के दिनों में शाम 5.30 बजे के बाद ही प्रैक्टिस करने की अनुमति दी गई है.


गोल्फ क्लब के इस फैसले का गोल्फर्स ने विरोध किया. जिसके बाद शहरी विकास मंत्रालय ने कहा कि प्रोफेशनल गोल्फर्स को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाए. लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया गया.


याचिका में कहा गया है कि गोल्फ का खिलाड़ी होने के नाते उन्हें दस घंटे से ज्यादा प्रैक्टिस करना होता है. गोल्फ का सिंगल गेम 4-5 घंटे ले लेता है. इसलिए उन्हें प्रैक्टिस करने के लिए ज्यादा समय की जरूरत होती है जो गोल्फ क्लब के नए नियम के मुताबिक संभव नहीं है. यह फैसला केंद्र सरकार के आदेश का खुला उल्लंघन है.

नई दिल्ली: राजधानी स्थित गोल्फ क्लब में प्रोफेशनल गोल्फर्स के प्रवेश पर रोक लगाने के फैसले के खिलाफ गोल्फ खिलाड़ियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिका एशियन गेम्स 2010 में सिल्वर मेडल जीतने वाले खिलाड़ी राशिद खान ने दायर किया है.

राशिद खान ने अपने वकील विवेक नारायण शर्मा के जरिए दायर याचिका में मांग की है कि दिल्ली गोल्फ क्लब की लीज को रद्द किया जाए. याचिका में केंद्र सरकार के उस आदेश का जिक्र किया गया है जिसमें गोल्फ क्लब में10 फीसदी गोल्फ खिलाड़ियों के लिए जगह आरक्षित रखने को कहा गया है. याचिका में कहा गया है कि गोल्फ क्लब के लिए जमीन सरकार ने दी है इसलिए उसे सरकार के आदेश का पालन करना होगा.


याचिका में कहा गया है कि दिल्ली गोल्फ क्लब ने 2016 में मनमाने तरीके से ये नियम बनाया कि जो गोल्फर क्लब के मेंबर नहीं हैं. वे शाम को ही प्रैक्टिस कर सकते हैं. उनके लिए जाड़े के मौसम में शाम 4.30 बजे के बाद और गर्मी के दिनों में शाम 5.30 बजे के बाद ही प्रैक्टिस करने की अनुमति दी गई है.


गोल्फ क्लब के इस फैसले का गोल्फर्स ने विरोध किया. जिसके बाद शहरी विकास मंत्रालय ने कहा कि प्रोफेशनल गोल्फर्स को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाए. लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया गया.


याचिका में कहा गया है कि गोल्फ का खिलाड़ी होने के नाते उन्हें दस घंटे से ज्यादा प्रैक्टिस करना होता है. गोल्फ का सिंगल गेम 4-5 घंटे ले लेता है. इसलिए उन्हें प्रैक्टिस करने के लिए ज्यादा समय की जरूरत होती है जो गोल्फ क्लब के नए नियम के मुताबिक संभव नहीं है. यह फैसला केंद्र सरकार के आदेश का खुला उल्लंघन है.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली गोल्फ क्लब में प्रोफेशनल गोल्फर्स के प्रवेश पर रोक लगाने के फैसले के खिलाफ गोल्फ खिलाड़ियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका एशियन गेम्स 2010 में सिल्वर मेडल जीतने वाले खिलाड़ी राशिद खान ने दायर किया है।


Body:राशिद खान ने अपने वकील विवेक नारायण शर्मा के जरिए दायर याचिका में मांग की है कि दिल्ली गोल्फ क्लब की लीज को रद्द किया जाए। याचिका में केंद्र सरकार के उस आदेश का जिक्र किया गया है जिसमें गोल्फ क्लब में 10 फीसदी गोल्फ खिलाड़ियों के लिए आरक्षित रखने को कहा गया है। याचिका में कहा गया है कि गोल्फ क्लब के लिए जमीन सरकार ने दी है इसलिए उसे सरकार के आदेश का पालन करना होगा।
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली गोल्फ क्लब ने 2016 में मनमाने तरीके से ये नियम बनाया कि जो गोल्फर क्लब के मेंबर नहीं हैं वे शाम को ही प्रैक्टिस कर सकते हैं। उनके लिए जाड़े के मौसम में शाम 4.30 बजे के बाद और गर्मी के दिनों में शाम 5.30 बजे के बाद ही प्रैक्टिस करने की अनुमति दी गई है। गोल्फ क्लब के इस फैसले का गोल्फर्स ने विरोध किया जिसके बाद शहरी विकास मंत्रालय ने कहा कि प्रोफेशनल गोल्फर्स को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाए। लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया गया।


Conclusion:याचिका में कहा गया है कि गोल्फ का खिलाड़ी होने के नाते उन्हें दस घंटे से ज्यादा प्रैक्टिस करना होता है। गोल्फ का सिंगल गेम 4-5 घंटे ले लेता है। इसलिए उन्हें प्रैक्टिस करने के लिए ज्यादा समय की जरूरत होती है जो गोल्फ क्लब के नए नियम के मुताबिक संभव नहीं है। यह फैसला केंद्र सरकार के आदेश का खुला उल्लंघन है।
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