नई दिल्ली: छात्रों पर पढ़ाई के साथ-साथ वार्षिक परीक्षा परिणाम में बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव रहता है, लेकिन दिल्ली के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों पर अब फिल्म देखने का दबाव बनाया जा रहा है. दिल्ली के अधिकांश स्कूलों में छात्रों पर उनके प्रिंसिपलों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है कि वह हॉल की टिकट बुक करें और सिनेमा हॉल में द केरला स्टोरी फिल्म देखें. यह आरोप कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (एम) ने लगाया है.
इस संबंध में CPIM दिल्ली इकाई ने दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी को पत्र भी लिखा है और स्कूलों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है. सचिव ने लिखे पत्र में कहा है कि विवादास्पद 'द केरला स्टोरी' फिल्म के लिए कुछ निजी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को उनके प्रबंधन द्वारा सामूहिक शो के लिए टिकट बुक करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो चिंता का विषय है.
पत्र में कहा गया है कि दिल्ली के कुछ स्कूलों के द्वारा सिनेमा हॉल में "द केरल स्टोरी" देखने के लिए छात्रों को लामबंद कर रहे हैं. देखने में मिल रहा है कि फिल्म की स्क्रीनिंग के बाद कुछ 'कार्यकर्ता' दर्शकों के सामने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण देते हैं. मासूम छात्रों को नफरत और प्रचार के एजेंडे से अवगत कराया जा रहा है, जो एक निश्चित समुदाय को अमानवीय बनाता है. एक विवादास्पद फिल्म देखने के उद्देश्य से छात्रों को जबरन झुंड में ले जाना न केवल नैतिक रूप से गलत है बल्कि हमारे संविधान की भावना और सांप्रदायिक सद्भाव की परंपराओं के भी खिलाफ है.
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पत्र में बताया गया कि हमें साई मेमोरियल स्कूल, गीता कॉलोनी से एक मामला सामने आया है. जहां स्कूल प्रशासन फिल्म की स्क्रीनिंग का आयोजन कर रहा है, और इस उद्देश्य के लिए एक पूरा सिनेमा हॉल बुक कर लिया है. हमें यह भी बताया गया है कि निजी स्कूलों के प्राचार्यों को स्कूलों के प्रबंधन द्वारा निर्देशित किया जा रहा है कि वे अपने छात्रों के लिए इस फिल्म की स्क्रीनिंग की व्यवस्था करें. आपसे अनुरोध है कि इस मामले में हस्तक्षेप करें और मासूम स्कूली बच्चों के दिमाग में जहर घोलने के इस जघन्य प्रयास को रोकने के लिए उचित कदम उठाएं.