नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोदीजी ने अपने दोस्त अडानी को एक लाख करोड़ रुपये का कोयला मुफ्त में दे दिया. कहा कि लोगों ने कोयला घोटाला, सीडब्ल्यूजी का घोटाला, 2 जी, 3जी, जीजाजी का घोटाला सुना होगा. आज जिस जिस घोटाले का खुलासा करने जा रहा हूं, यह है अडानी जी घोटाला. यह घोटाला हुआ है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संरक्षण में. हम इस संबंध में सारे कागजात और साक्ष्य उपलब्ध कराएंगे.
शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए संजय सिंह ने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायलय ने पाया कि किस तरीके से प्राइवेट कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए कोल ब्लॉक आवंटित किए गए थे. उन्होंने बहुत से कोयले खदानों का आवंटन रद्द कर दिया और कहा कि आवंटन नियमों के विपरीत हुआ है. कुछ चंद प्राइवेट प्लेयर्स को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है. वे कोल ब्लॉक बंद कर दिए गए. कहा कि 2014 में मोदी की सरकार आती है. 2014 में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द कर दिया जाता है.
पीएम मोदी ने चुनाव के दौरान कहा था कि कांग्रेस ने कोयला घोटाला किया है. कांग्रेस ने पूरे देश पर कालिख पोतने का काम किया है. उस कालिख को पीएम मोदी ने आगे कैसे बढ़ाया आज बताने जा रहा हूं. संजय सिंह ने कहा कि मोदी ने साल 2015 में एक एक्ट बनाया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि राज्य सरकारों को बिजली उत्पादन के लिए जो कोयले की खदान दी जाएगी. वह किसी प्राइवेट प्लेयर को नहीं दी जा सकती. भारत सरकार ने कहा कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं अब हम उसके लिए कानून बनाएंगे.
साल 2015 में भाजपा सरकार ने कोल ब्लॉक्स के आवंटन को लेकर संसद में कानून बनाया और इस कानून में सुप्रीम कोर्ट की मूल भावना की अवहेलना करते हुए कहा कि बिजली उत्पादन के लिए राज्य सरकारों को जो कोयले की खदानें दी जाएंगी, इसमें 26 फीसदी शेयर प्राइवेट कंपनियों को दिया जा सकता है. यानी की 74 फीसद राज्य सरकार का मालिकाना हक और 26 प्रतिशत प्राइवेट कंपनियों का. पहला खेल यहां से शुरू होता है, मोदी की सरकार यहीं नहीं रुकी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किए गए कोयला खदानों की एक लिस्ट भी मीडिया के सामने रख दी.
उन्होंने कहा लिस्ट में 42 और 44 नंबर को याद कर लीजिए. परसा और कांता कोयला खदान है. इन सारे कोयला खदानों को रद्द किया गया था, लेकिन इन दो खदानों को राजस्थान की सरकार को दिया गया. इन दोनों खदानों को रद्द नहीं किया गया क्योंकि यह मोदी के मित्र अडानी को मिले थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद ये दोनों खदान क्यों रद्द नहीं किए गए. ये दोनों खदानें राजस्थान सरकार को छत्तीसगढ़ में मिली थीं, जिसे अडानी को दे दिया गया. इसमें 74 फीसद शेयर अडानी का है और 26 फीसद राजस्थान सरकार का है.
अडानी को मोदी ने एक लाख करोड़ का कोयला मुफ्त में दिया
संजय सिंह ने कहा कि अडानी को मोदी सरकार ने एक लाख करोड़ का कोयला मुफ्त में दे दिया. संजय सिंह ने कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड राजस्थान सरकार को 2000 रुपए प्रति टन कोयला बेचता है जबकि अडानी राजस्थान सरकार को 2300 रुपये प्रति टन कोयला टन बेचता है. उन्होंने कहा कि सरकार के बनाए गए एक्ट में लिखा है कि कोयले का एक टुकड़ा भी प्राइवेट कंपनी नहीं ले जा सकती है. लेकिन मोदी की मेहरबानी से सब कुछ हो रहा है, इसमें राजस्थान की सरकार भी मिली हुई है.
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