नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने छात्र संघ चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसमें महिला छात्र विंग की खास भूमिका है. दिल्ली के उच्च विद्यालय में लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या ज्यादा रहती है. ऐसे में छात्र संगठनों की चुनाव के दौरान छात्राओं के मुद्दों पर काम करने की और उन मुद्दों को लेकर उनके बीच जाने की कोशिश रहती है. इस चुनाव में छात्राओं के किन मुद्दों पर एबीवीपी काम कर रहा है. इस पर ईटीवी भारत ने डूसू की ज्वॉइंट सेक्रेटरी ज्योति चौधरी से बात की.
दी गई महिला सुरक्षा की ट्रेनिंग
ज्योति चौधरी ने बताया कि एबीवीपी हमेशा से ही दिल्ली विश्वविद्यालय में बढ़-चढ़कर छात्राओं के मुद्दों पर आगे आता रहा है. चाहे वह फिर सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा हो या फिर हॉस्टल से जुड़ा. ज्योति चौधरी ने बताया कि हमने महिलाओं की सुरक्षा के लिए मिशन साहसी नाम से एक अभियान चलाया. जिसके अंतर्गत दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी गई. जिसमें कि उन्हें बताया गया कि वह एक मेट्रो कार्ड, चूड़ी अपने दुपट्टे से किस तरीके से खुद की रक्षा कर सकती हैं.
कार्यक्रमों का हुआ आयोजन
इसके साथ ही इस साल उनके जरिए किए गए कार्य को लेकर उन्होंने बताया कि एबीवीपी की तरफ से लगातार महिला छात्राओं के लिए कई प्रोग्राम भी आयोजित किए गए. चाहे वह फिर स्वयंसिद्धा कार्यक्रम हो या फिर 'शी द चेंज' जो कि महिलाओं द्वारा ही आयोजित किया गया था और इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय की तमाम छात्राओं ने भाग लिया और अपनी प्रतिभा को निखारा.
शौचालय में हो सैनिटरी नैपकिन की व्यवस्था
डूसू ज्वाइंट सेक्रेटरी और एबीवीपी की नेता ज्योति चौधरी ने बताया कि आने वाले छात्र संघ चुनाव में भी वह महिलाओं को लेकर तमाम कार्य कर रही हैं. जिसमें हर कॉलेज के शौचालय में सेनेटरी नैपकिन की व्यवस्था हो, साथ ही हर एक कॉलेज के बाहर महिला कॉन्स्टेबल की तैनाती की जाए, जिससे की छात्राओं को कॉलेज आने जाने में किसी तरीके की कोई परेशानी ना हो.
हर छात्रा को मिले हॉस्टल की सुविधा
इसके अलावा ज्योति चौधरी का कहना था कि इस बार चुनाव में जो अहम मुद्दा रहेगा वह का गर्ल्स कॉलेज में हॉस्टल को लेकर रहेगा. हम यह चाहते हैं कि हर एक कॉलेज में छात्राओं के लिए हॉस्टल की सुविधा हो. जिससे की छात्राएं जो दूरदराज राज्यों से आती है. वह बाहर किसी पीजी में रहने को मजबूर ना हो.